अनूपपुर। पति की लम्बी आयु एवं घर परिवार में सुख-सम्पदा की कामना लिए सोमवार को अमावस्या का व्रत मनाया गया, जहां महिलाओं ने निर्जला व्रत कर पीपल वृक्ष के नीचे विशेष पूजा अर्चन की। घर में भी तुलसी पौधों के समक्ष पूजा पाठ कर सदा सुहागन का आशीर्वाद मांगा। 12 अप्रैल को पडऩे वाले सोमवती अमावस्या साल की पहली और आखरी अमावस्या के साथ त्रिग्राहीय नक्षत्र का दुर्लभ संयोग बना है।
सोमवती अमावस्या को सुख समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सुहागिन महिलाएं स्नान करने के पश्चात पीपल के वृक्ष की पूजा करते हुए भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की आराधना करते हुए अपने पति की लंबी आयु परिवार के सुख शांति के लिए पूजा करती हैं और साथ ही साथ पीपल के वृक्ष को पूजन पश्चात फेरे लगाकर अपनी मनोकामनाएं के लिए प्रार्थना करती हैं।
इस मौके पर अनूपपुर जिला मुख्यालय सहित भालूमाड़, कोतमा, जैतहरी,बिजुरी सहित अन्य स्थानों में महिलाओं ने नदी स्नान कर पीपल वक्षों के नीचे पूजा पाठ किया।
पवित्र नगरीय अमरकंटक में सोमवती अमावस्या को लेकर श्रद्धालुओं में नर्मदा नदी स्नान के लिए खास उत्साह बना रहा। मां नर्मदा की उदगम स्थली में भारी संख्या में महिला -पुरूष और बच्चों सहित साधु-संतों ने आस्था की डूबकी लगाकर सूर्यदेव को अध्र्य दिया। साथ ही माता नर्मदा का दर्शन कर विशेष पूजा अर्चना की। माना जाता है कि यह दिन महिलाओं के लिए बहुत ही पवित्र और बड़ा पर्व का दिन होता है। महिलाएं अपने ही घर में तुलसी के पौधों का फल लेकर परिक्रमा करती है।
भालूमाड़ा में अघोरी बाबा मंदिर, धाम राम जानकी मंदिर, शिव लहरा मंदिर घाट में स्थानीय महिलाओं ने जाकर पूजन किया। वहीं कोरोनावायरस से बचाव का भी ध्यान रखते हुए महिलाओं ने एक-एक करके और दूरी बनाते हुए पूजा अर्चना करती नजर आई।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें