चपरासी के भरोसे सैकड़ा भर छात्राऐ
अनूपपुर। म.प्र. शासन अनुसूचित
जनजाति कल्याण विभाग के अधीनस्थ भारतीय खेल प्राधिकरण से सम्बंध प्रदेश के चुनिदा स्थानों
में एक जिले के पवित्र नगरीय अमरकंटक आवासीय बालक-बालिका क्रीडा परिसर में शासकीय आदेशों
के विपरीत सुरक्षा व्यवस्थाएं बनाई गई हैं। जहां पढऩे वाले दो सैकड़ा छात्र-छात्राओं
की सुरक्षा से विभाग खिलवाड़ कर रहा है। लगभग 100-100 की संख्या में पढऩे वाले
छात्र-छात्राओं की सुरक्षा तथा परिसर की व्यवस्थाओं के लिए कोई भी जिम्मेदार उपलब्ध
नहीं है। दोनों ही छात्रावास को उनमें पदस्थ चपरासी के भरोसे संचालित कराई जा रही है।
जबकि शासन के आदेशों में बालक-बालिका छात्रावास में वार्डन की उपस्थिति की अनिवार्यता
के बावजूद दोनों छात्रावास में कोई भी अधीक्षक दिन हो या रात नहीं ठहर रहे। छात्र-छात्राओं
का कहना है कि वार्डन दिन के समय एक चक्कर लगाकर चले जाते हैं। वार्डन को आजतक छात्र-छात्राओं
ने नहीं देखा। छात्रावास की सारी जिम्मेदारी चपरासी के कंधो संचालित की जाती है। यही
कारण है कि पिछले 4-5 दिनों से बालक क्रीड़ा परिसर में जलापूर्ति के लिए बोर मशीन
खराब पड़ी है, जिसे सुधारने के लिए अधीक्षक तक सुध नहीं ली है। हालात यह है कि बालक छात्रावास
के बच्चे सुबह से शाम बाल्टी, गंजा सहित अन्य बर्तनों से बालिका परिसर में बिना अनुमति
प्रवेश कर पानी भर-भरकर ला रहे हैं। छात्रों का कहना है कि अगर पानी नहीं भरेंगे तो
भोजना मिलना मुश्किल हो जाएगा। वहीं दूसरी ओर बालिका छात्रावास में बालको के प्रवेश
से वार्डन बेखबर हैं। छात्राओं का कहना है कि यहां चपरासी के अलावा कोई नहीं रहता है।
जबकि नियमानुसार बालिका छात्रावास परिसर में जिला स्तरीय सक्षम अधिकारी की अनुमति के
बिना प्रवेश वर्चित है, बावजूद प्रतिदिन सुबह से शाम 25-30 बाल छात्रों का पानी के
लिए बालिका परिसर में प्रवेश जारी है।
छात्राओं की सुरक्षा से बेखबर प्रशासन
शिक्षा विभाग द्वारा बालक और बालिका
क्रीडा परिसर के लिए अलग अलग वार्डन नियुक्त किया गया है। लेकिन छात्र-छात्राओं को
रात्रिकालीन सुरक्षा में लापरवाही बरती जा रही है। इससे कभी भी अप्रिय घटना सामने आ
सकती है। बताया जाता है कि वर्तमान में बालक छात्रावास के बच्चे बालिका परिसर के 500 मीटर तक भीतर प्रवेश कर
रहे हैं। जहां से पानी भरकर वे आसानी से आवाजाही करते हैं। छात्रों का कहना है कि बालिका
छात्रावास में हमलोग पानी भरने जाते हैं तब वहां छात्राएं रहती हैं। हमें वहां आवाजाही
से कोई नहीं रोकता है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (अजाकवि) अमरकंटक के प्राचार्य
के अधीन बालक एवं बालिका क्रीड़ा परिसर छात्रावास संचालित है। उनका कहना है कि यह सही
है कि कन्या छात्रावास एवं बालक छात्रावास में अधीक्षक-अधीक्षिका नहीं रहते है। गम्भीर
घटना की सूचना प्राप्त होने पर हमलोग तत्काल पहुंच जाएंगे। बालक छात्रावास का बोरिंग
सम्भवत: खराब है, इसलिए बालकगण बालिका छात्रावास से पानी भरकर लाते हैं।
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