प्रतिबंध के बावजूद विस्फोटक सामग्री
का हो रहा उपयोग
अनूपपुर / राजेन्द्रग्राम । निकटवर्ती राज्य छत्तीसगढ़ के खनिज माफिया पुष्पराजगढ़ जनपद के ग्राम पंचायत
हर्राटोला में सरस्वती माइनिंग एंड क्रेसिंग ग्राम परसेल कला में मेसर्स प्रशांत चौधरी
द्वारा पत्थरो के उत्खनन में विस्फोटक सामग्री का खुलेआम उपयोग किया जा रहा है। जिसके
कारण आसपास के ग्रामीणो मे दहशत का महौल बना हुआ है, इसके साथ ही लीज से हटकर आसपास के
क्षेत्रो से भी अवैध पत्थरो का उत्खनन किया जा रहा है। इन दोनो क्रेशर का वास्तविक
मालिक जय प्रकाश जेठानी उर्फ जेठू सेठ के नाम से जाना जाता है। जिसकी लगातार शिकायत
के बाद खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा बिना कोई कार्यवाही किए सिर्फ खाना पूर्ति
कर अपना कोरम पूरा कर रहे है। जिसके कारण क्षेत्र में पत्थरो का अवैध उत्खनन से लेकर
अवैध परिवहन एवं चट्टानो को तोडने के लिए डेटोनेटर एवं बारूद का धडल्ले से इस्तेमाल
उपयोग करते हुए पत्थरो को भारी वाहनो के माध्यम से पीएमजीएसवाई की सड़को से परिवहन
किया जा रहा है। ग्रामीणो ने बताया की ग्राम हर्राटोला, परसेल कला एवं इसके आसपास
के ग्रामो का अगर जिला प्रशासन द्वारा निरीक्षण किया जाए तो सैकड़ो अवैध खदाने दिखाई
देगी जहां खनिज माफिया द्वारा करोड़ो का राजस्व चोरी करने में लगे हुए है।
विस्फोटक सामग्री का हो रहा खुले
आम उपयोग
भारत सरकार नई दिल्ली एवं म.प्र.
शासन की विस्फोटक अधिनियम 1884 की धारा 9 (ख) एवं विस्फोटक पदार्थ 1908 की धारा 4 एवं 5 के नियमों की खुले आम धज्जियां
उड़ाई जा रही है, विस्फोटक अधिनियम 2008 के नियम के 24 प्रावधानो के अनुसार विस्फोटको
के विनिर्माण कब्जा विक्रय प्रयोग या वहन के लिए अनुज्ञाप्ति धारण करने एवं शासन के
निर्देशो का पूर्ण रूपेण पालन करने, समय-समय पर निरीक्षण कर नियमो के
अनुरूप कार्य की पुष्टि के निर्देश है। बावजूद इसके ग्राम परसेल कला सहित आसपास के
क्षेत्र में पत्थरो का उत्खनन के लिए प्रतिबंध के बावजूद विस्फोटक सामग्रीका उपयोग
कर रहे है।
8 करोड 75 लाख की निकल चुकी रिकवरी
जय प्रकाश जेठानी पर प्रशासनिक कार्यवाही
के दौरान लगभग 8 करोड 75 लाख रूपए की रिकवरी का प्रकरण बनाया गया था,
जो आज दिनांक
तक लंबित है और ना ही प्रशासन द्वारा अब तक इसकी वसूली किए जाने पर किसी तरह का ध्यान
दे रही है। वहीं पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को द्वारा विधानसभा
मे भी उठाया जा चुका है फिर भी प्रकरण का निराकरण न होना जिला प्रशासन की उदासीनता
का प्रतीक है। वहीं एक अन्य मामले पर लगभग 50 लाख की रिकवरी जयप्रकाश पर निकली
थी, इस प्रकरण मे भी प्रशासन द्वारा निराकरण में उदासीनता बरती गई है।
इनका कहना है
मैने सभी दस्तावेजो सहित कार्यालय
बुलाया गया है, यदि दस्तावेजो में किसी भी प्रकार की कोई कमी पाई जाती है तो
निश्चित रुप से कार्यवाही की जाएगी।
पंकज नयन तिवारी, तहसीलदार पुष्पराजगढ़
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