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शुक्रवार, 28 सितंबर 2018

मांगों को लेकर अनशनकारियों के साथ प्रशासनिक अमले और कॉलरी प्रशासन के बीच हुई नोंकझोंक



अधिकारियों ने राशि को पंचायत के खाते कर दिया हस्तांतरण, पंचायत ने दी सामूहिक इस्तीफे  की चेताव
अनूपपुर अनूपपुर जनपद पंचायत के डोला ग्राम पंचायत में पानी, बिजली, सड़क एवं स्वास्थ्य की समस्याओं को लेकर ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों का आमरण अनशन शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। अनशनकारियों की पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में प्रशासन की बार बार दखल ने कॉलरी के परिवहन सेवाओं को बाधित करने की योजना पर पानी फेर दिया। हालांकि इससे पूर्व फिल्टर प्लांट के बंद कराने की चेतावनी भी बेअसर साबित हुई। लेकिन इन तीन दिनों में प्रशासन ने लगातार अनशन पर पैनी निगाहें रखते हुए अनशनकारियों को मनाने का प्रयास भी किया। जिसमें तीसरे दिन शुक्रवार को कोतमा एसडीएम मिलिन्द नागदेव, एसडीओपी एसएन प्रसाद, थाना प्रभारी रामनगर वीबी टांडिया, उपक्षेत्रिय प्रबंधक राजनगर ओसी मिराज अहमद अनशनकारियों को मनाने घरना स्थल पहुंचे। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों व कॉलरी प्रशासन से मिल रहे आश्वासनों पर अनशनकारियों ने अनशन तोडऩे से इंकार कर दिया। इस दौरान मंच से अनशनकारियों की ओर से प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति की गई अमर्यादित भाषा को लेकर प्रशासनिक अधिकारी नाराज दिखे। जिसे लेकर अनशनकारियों व प्रशासनिक अमले के बीच नोंक-झोंक की स्थिति भी बनी। अनशनकारियों द्वारा जिन-जिन मांगो को प्रशासन के समक्ष रखा, उसमें कॉलरी प्रबंधन द्वारा पानी को आंशिक रूप से बढ़ाने की बात कहने के बाद शेष मांगों पर असमर्थता जताई। जबकि गांव में पाईपलाईन बिछाने पीएचई मद की राशि कलेक्टर द्वारा 31 मार्च को भूलवश ग्राम पंचायत को हस्तांतरित करने तथा आजतक पीएचई विभाग को ग्राम पंचायत द्वारा वापस नहीं किए जाने पर कलेक्टर द्वारा सरपंच को पद से पृथक करने के दिए गए पत्र पर अनशनकारियों ने नाराजगी जताते हुए पूरे पंचायत के साथ इस्तीफा देने की चेतावनी दे डाली। इस दौरान कुछ लोगों द्वारा मुआवजें की मांग की गई जिसपर कॉलरी प्रशासन का कहना था कि उक्त मकान प्रबंधन द्वारा जमीन अधिग्रहित करने के बाद अवैध रूप से बनाई गई है। जिसपर एसडीएम ने जांच करने का आदेश दिया। बावजूद प्रशासन और कॉलरी की आश्वासनों से अनशनकारी संतुष्ट नहीं हुए। अनशनकारियों द्वारा अपनाए गए तेवर को देखकर पुलिस प्रशासन द्वारा सख्त लहजे में हिदायत भी दी गई की नियम तरीके से अनशन किया जाए नहीं तो पुलिस मामला पंजीबद्ध करेगी। अनशन को लेकर अब बाजार में भी चर्चा गर्मा गया है, लोगों का कहना है कि इस अनशन में जनता का लाभ तो है ही लेकिन कुछ लोग इसी के बहाने अपना निजी स्वार्थ साधने में लगे है।
कलेक्टर के समक्ष होगी बातचीत
अनशन पर प्रशासनिक अधिकारी ने अब इसे कलेक्टर के समक्ष ही चर्चा कर सुलझाने का आश्वासन दिया है।  प्रशासनिक अधिकरी इस बात पर वापस गए कि 29 सितम्बर को कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर के समक्ष अनशनकारियों प्रतिनिधि दल, कॉलरी प्रबंधन के अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बैठक कर समस्या का हल निकाला जाएगा।

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