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बुधवार, 26 सितंबर 2018

सामाजिक सशक्तिकरण के लिए अंबेडकर के विचार अभी भी प्रासंगिक



इगांराजवि में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार में डॉ. अंबेडकर के विचारों पर मंथन
अनूपपुर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकटंक की डॉ. अंबेडकर चेयर के तत्वावधान में अंबेडकरवाद की प्रासंगिकता पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार बुधवार से प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर प्रमुख वक्ताओं ने डॉ.अंबेडकर के विचारों को सामाजिक सशक्तिकरण के परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिक बताते हुए समतामूलक समाज के निर्माण पर जोर दिया। मुख्य अतिथि केंद्रीय सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के अंतर्गत डॉ.अंबेडकर फाउंडेशन के निदेशक देबेंद्र प्रसाद माझी ने बताया कि देशभर में २१ डॉ. अंबेडकर चेयर कार्यरत हैं जिनके माध्यम से डॉ. अंबेडकर के विचारों को जनमानस तक पहुंचाने और सामाजिक न्याय के लिए विभिन्न योजनाओं को कार्यान्वित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश और विदेश में और अधिक डॉ. अंबेडकर चेयर खोलने का प्रस्ताव है। मुख्य वक्ता डॉ.बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र के डॉ. उमेश आर. बगाड़े ने अंबेडकरवाद की व्याख्या करते हुए कहा कि यह मुख्य रूप से दुनिया को समझने और इसमें परिवर्तन के उपायों के बारे में समझ को ब$ढाता है। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने आर्थिक और सामाजिक बिंदुओं के माध्यम से भारतीय समाज को पुन: परिभाषित करने का प्रयास किया। उनका मानना था कि भारतीय समाज में बदलाव के लिए धर्म एक सशक्त माध्यम हो सकता है। इसके लिए उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक शक्तियों के माध्यम से भारतीय समाज में बदलाव का खाका प्रस्तुत किया। कुलपति प्रो.टी.वी.कटटीमनी ने कहा कि विश्वविद्यालय कौशल विकास के माध्यम से समाज के आर्थिक विकास की दिशा में कार्य कर रहा है। डॉ. अंबेडकर ने कौशल निर्माण को देश के विकास का आधार बताते हुए इसे सामाजिक बदलाव का केंद्र्र बताया था। विश्वविद्यालय लाइवलीहुड बिजनेस इंक्यूबेशन सेंटर, कृषि विज्ञान केंद्र और हर्बल गार्डन के माध्यम से कौशल विकास और ज्ञान के संवर्द्धन का प्रयास कर रहा है। निदेशक (अकादमिक) प्रो.आलोक श्रोत्रिय ने डॉ. अंबेडकर को समाज के सभी वर्गों के लिए प्रेरणास्त्रोत बताते हुए कहा कि उनका जीवन सीमित संसाधनों के बाद भी समाज में उच्चतम स्तर को पाने का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। उन्होंने निरंतर उच्च शिक्षा के माध्यम से ज्ञान का अर्जन करने और कौशल निर्माण की प्रेरणा प्रदान कर समाज को नई दिशा दी। सेमीनार संयोजक और डॉ. अंबेडकर चेयर के चेयरमैन प्रो.किशोर गायकवाड़ ने कहा कि डॉ.अंबेडकर के संघीय सरकार, लोकतंत्र,पर्सनल लॉ,चुनाव प्रक्रिया, पंचायती राज आदि के संदर्भ में दिए गए विचार आज भी प्रासंगिक बने हुए हैं। उन्होंने आशा प्रकट की कि सेमीनार के माध्यम से डॉ. अंबेडकर के विचारों की उपयोगिता को आम लोगों तक पहुंचाया जा सकेगा। दो दिवसीय सेमीनार में अर्थशास्त्र और अंबेडकरवाद, विभिन्न आंदोलन और अंबेडकरवाद,अंबेडकरवाद संबंधी साहित्य और समाज एवं शिक्षा में अंबेडकरवाद सहित कई प्रमुख मुद्दों पर देशभर के शिक्षाविद् अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।

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