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मंगलवार, 18 सितंबर 2018

अनुमति पाने फाईलों में बंद केन्द्रीय विद्यालय व भवन का नक्शा,केवीएस में अटका

केन्द्रीय विद्यालय की कक्षाएं नही हो सकी संचालित
अनूपपुर। जिले में केन्द्रीय विद्यालय की प्राथमिक कक्षाओं के लिए भी नगरवासियों को पिछले दो सालों से इंतजार की आस लगी है। केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने वर्ष 2017 के जून माह में ही आदिवासी विकास विभाग को भले ही भवन का निर्माण बाद में प्राथमिक कक्षाओं के संचालन का दिलासा दिया था। लेकिन देखते ही देखते केवीएस द्वारा अबतक प्राथमिक कक्षा की अनुमति तो क्या भवन निर्माण की भी अनुमति नहीं प्रदान की है। जिसके कारण पिछले एक वर्ष से केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए बने प्रस्ताव के बाद भी भवन निर्माण का कार्य आरम्भ नहीं हो सका है। आलम यह है कि आदिवासी विभाग ने यह संकेत दिए हैं कि इस वर्ष प्राथमिक कक्षाओं का संचालन भी नहीं हो पाएगा। जबकि दूसरी ओर वर्षो से जिला मुख्याल में कन्या शिक्षा परिसर के लिए भवन का अभाव बना हुआ है। मुख्यालय में संचालित कन्या शिक्षा परिसर की एक से आठवीं तक संचालित कक्षा आवासीय बालक एकलव्य विद्यालय में लगाई जा रही है, जो 50 बिस्तरों वाला बालक आवासीय परिसर का हिस्सा है। लेकिन आश्चर्य संसाधन विहीन भवन में अब भी 200 किशोरियां रहने के साथ पढऩे को भी विवश है। इसके बाद भी न तो प्रशासन और ना ही विभाग इस ओर ध्यान दे रही है। बताया जाता है कि केन्द्रीय विद्यालय के संचालन के लिए वर्ष 2016 में जिपं सामान्य सभा में जिला पंचायत अध्यक्ष सहित जिला पंचायत सीईओं ने भी केन्द्रीय विद्यालय की मांग का समर्थन कर प्रस्ताव तैयार कर उच्च विभाग को भेजने के निर्देश दिए थे। जिसमें संयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने केन्द्रीय विद्यालय का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय कार्यालय रायपुर भेजा। जहां से अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ते हुए आदिवासी विभाग अनूपपुर से फाईल को नई दिल्ली भेजे जाने की बात कही। इस परिस्थति में फाईल वापस अनूपपुर आई। जहां से फिर रायपुर तथा उसके बाद नई दिल्ली भेजी गई। मामले में केवीएस नई दिल्ली ने जमीनों के दस्तावेज पुन: 2017 के मार्च तक मंगवाए, जिसके बाद अनूपपुर जिले में केन्द्रीय विद्यालय संचालन के लिए चयनित पैनल में डाला। इसके बाद केवीएस ने 31 मई 2017 को आदिवासी विभाग को पत्राचार करते हुए जमीनी मामले को सही पाते हुए 31 जुलाई तक केन्द्रीय विद्यालय के संचालन के प्रस्ताव पर अपनी अनुमति प्रदान करने की बात कही। लेकिन 31 जुलाई के बाद आजतक केवीएस ने इस सम्बंध में कोई जबाव नहीं दिया। आदिवासी विभाग अनूपपुर का कहना था कि प्रदेश के 51 जिलो में अब भी 36 जिलों में केन्द्रीय विद्यालय संचालन किया जाना है, जिसमें अबतक केवीएस द्वारा 36 जिलों में शामिल किसी भी जिले के लिए अनुमति नहीं प्रदान की है। आदिवासी विभाग ने सम्भावना जताई है कि अगर केवीएस द्वारा अनुमति प्रदान की जाएगी तो अनूपपुर को अवश्य इसकी सौगात मिलेगी।
दूसरी बार जमीन हुआ पास
केन्द्रीय विद्यालय भवन निर्माण के लिए रायपुर से आई टीम ने सकरिया के पास लभगग 13 एकड़ भूमि देखा। जहां भूमि देखने के बाद टीम ने भवन निर्माण के प्रस्ताव से इंकार कर दिया। टीम का कहना था कि विद्यालय भवन के आसपास वनीय क्षेत्र, नाला भी है, अन्य नॉम्स में जमीन असुरक्षित लगी। इसके बाद आदिवासी विभाग ने मुख्यालय से सटे मानपुर गांव के पास 6 एकड़ जमीन उपलब्ध कराते हुए टीम से भवन निर्माण की अनुमति मांगी। वहीं आदिवासी विभाग ने प्रायोगिक तौर पर प्राथमिक कक्षाओं के संचालन में जबतक भवन का निर्माण नहीं हो जाता, विभाग मॉडल स्कूल के प्रथम तल पर कक्षा 1 से छह तक प्राथमिक कक्षा के रूप में संचालित करने की योजना बनाई थी। लेकिन इसके लिए भी केवीएस द्वारा कोई अनुमति नहीं प्रदान की गई।
इनका कहना है
अभी भवन निर्माण के लिए प्रस्ताव दिल्ली के लिए भेजी गई है। जमीन मानपुर के पास आवंटित है। लेकिन अबतक कक्षा संचालन सहित भवन निर्माण के लिए कोई अनुमति पत्र नहीं प्राप्त हुए हैं। इसके लिए फिर से पत्राचार कर अनुमति मांगी जाएगी।

सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग अनूपपुर।

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