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शनिवार, 1 सितंबर 2018

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बीएमओ डॉ. दीवान के साथ हुई अभद्रता एवं मारपीट



3 दिनो के अंदर अपराधियों पर कार्यवाही नही होने पर डॉक्टरो सहित चिकित्सक स्टॉफ देगे त्यागपत्र
अनूपपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोतमा के डॉक्टरो पर पर इलाज में लापरवाही का दोष लगाते हुए आसामजिक तत्वो द्वारा खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. के. एल. दीवान के साथ अभद्रता एवं मारपीट किए जाने पर 1 सितम्बर को जिले भर के डॉक्टर संयुक्त कलेक्ट्रेट पहुंच कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को मारपीट करने वाले लोगो के खिलाफ कार्यवाही करने तथा कार्यवाही न होने पर समस्त स्टॉफ द्वारा अपने पद से त्याग पत्र देने की लिखित शिकायत की गई। शिकायत पत्र के माध्यम से उन्होने बताया कि 31 अगस्त को लगभग दोपहर 3.56 बजे मुन्ना गुप्ता उर्फ धन प्रसाद पिता बलभद्र गुप्ता निवासी वार्ड क्रमांक 4 कोतमा अपनी नातिन को मृत अवस्था में अस्पताल लेकर आए, जिसका चिकित्सकीय परीक्षण डॉ. चिनमय पटेल द्वारा किया जाकर मृत घोषित किया गया, परिजनों के आग्रह पर डॉ. चिनमय पटेल एवं द्वारा पुन: परीक्षण करते हुए बालिका की मृत्यु के संबंध में जानकारी दी उसी समय डॉ.के.एल. दीवान एवं डॉ.शिव कुमार पांडेय द्वारा भी मृत्यु की पुष्टि की गई। जिसके बाद परिजनो एवं अपराधी प्रवृत्ति के लोगो के द्वारा जबरन डॉक्टर्स पर इलाज में लापरवाही का दोष लगाते हुए चिकित्सकीय कार्य को बाधित कर डॉक्टरो के साथ अपशब्दो का प्रयोग करते हुए चिकित्सालय को जलाने की बात कहने लगे तथा बीएमओ डॉ.के.एल.दीवान के साथ मारपीट की गई जिससे उनका चश्मा टूट गया। जिसके बाद से डॉ. के.एल. दीवान के साथ-साथ समस्त चिकित्सक स्टॉफ अपनी जानमाल की सुरक्षा को लेकर मानसिक रूप से तनाव ग्रस्त है। उन्होने शिकायत में बताया कि इसके पूर्व भी कई बार डॉक्टरो के साथ अभद्र व्यवहार किया गया जिसके संबंध में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। जहां कई बार सुरक्षा के लिए कोतमा अस्पताल में पुलिस चौकी स्थापित करने एवं आसामाजिक तत्वो द्वारा अस्पताल में पहुंचकर मारपीट करने वालो के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की जा चुकी है।
तीन दिनो में कार्यवाही न होने पर देगे त्याग पत्र
अपने शिकायत में डॉक्टरो ने बताया कि 1 सितम्बर से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोतमा में केवल आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध रहेगी एवं बाह्य रोगी कक्ष से संबंधित बंद रहेगी। वहीं 3 सितम्बर की सुबह लगभग 8 बजे तक अगर अपराधियों के विरूद्ध म.प्र. चिकित्सा सुरक्षा अधिनियम, अनुसूचित जाति एवं जनजाति सुरक्षा अधिनियम तथा शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने की धाराओं के तहत कार्यवाही एवं पुलिस चौकी स्थापित नही की गई तो चिकित्सक सहित समस्त स्वास्थ्य कर्मचारी अपने वर्तमान पद से त्याग पत्र देने विवश होगे।

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