अब तक 4 कंपनियों के 11 लोगो की हो चुकी गिरफ्तारी
अनूपपुर। कोतवाली
पुलिस ने आरबीएन इंफ्राटेक्चर इंडिया लिमिटेड कंपनी ग्वालियर द्वारा जिले के ग्रामीणो
को लुभावने वादे देकर की गई धोखाखडी पर 12 अगस्त को सीनियर एजेंट त्रिवेणी प्रजापति एवं एजेंट
रामपाल महरा निवासी ग्राम पयारी को गिरफ्तार करते हुए धारा धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी निपेक्षको के संरक्षण
अधिनियम की धारा ६ के तहत कार्यवाही करते हुए न्यायालय में पेश किया गया, वहीं 31 अगस्त को इसी कंपनी के मुख्य
एजेंट पंचू लाल प्रजापति पिता बुद्धराम प्रजापति निवासी पाली उमरिया हाल निवास कोतमा
को गिरफ्तार कर 1 सितम्बर को न्यायालय में पेश किया गया।
4 कंपनियों के खिलाफ हो चुकी कार्यवाही
जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में कम
अवधि में रूपए को दो गुना करने का लालच देकर कई हितग्राहियों से करोडो रूपए जमाकरा
धोखाधडी किए जाने की शिकायत पर 4 चिटफंड कंपनियों जिनमें सनराइज फ्यूचर लैण्ड इंडिया लिमिटेड,
बीएनजी ग्लोबल
इंडिया लिमिटेड, सांईराम रियेलटेक कंपनी दिल्ली एवं आरबीएन इंफ्राटेक्चर इंडिया
लिमिटेड ग्वालियर पर कार्यवाही की गई।
अब तक 11 लोगो की हो चुकी गिरफ्तारी
मामले की जानकारी देते हुए उप निरीक्षक
अभय राज ङ्क्षसह ने बताया कि माह अप्रैल से 4 चिटफंड कंपनी के 11 लोगो को गिरफ्तार किया जा
चुका है। जिनमें सनराईज फ्यूचर लैण्ड इंडिया लिमिटेड के रामपाल महरा, राकेश चौधरी, बीएनजी ग्लोबल इंडिया लिमिटेड
के एजेंट दशरथ नाई निवासी लोहसरा थाना बिजुरी, शिवचरण पुरी निवासी कोरजा एवं कंपनी
के मैनेजर विष्णु प्रसाद पिता रामदास सोनी निवासी कोतमा, सांईराम रियलटेक कंपनी दिल्ली
के शाखा डायरेक्टर अजय विश्वकर्मा निवासी शहडोल, फिल्ड ऑफिसर संतोष कुर्रे निवासी
ग्राम कोहका छ.ग. हाल निवासी बस्ती रोड, शेर सिंह आयाम निवासी भरनी थाना अमरकंटक,
आरबीएन कंपनी
के सीनियर एजेंट त्रिवेणी प्रजापति, एजेंअ रामपाल महरा निवासी ग्राम पयारी
एवं मुख्य एजेंट पंचूलाल प्रजापति पिता बुद्धराम प्रजापति निवासी पाली उमरिया को गिरफ्तार
किया गया है।
एलआईसी एजेंट के अनुभव का उठाया था
लाभ
पूरे मामले में जहां 31 अगस्त को गिरफ्तार हुए पंचूलाल
प्रजापति पिता बुद्धराम प्रजापति एलआईसी एजेंट है, जिन्होने अपने अनुभव का लाभ उठाते
हुए जिले के स्थानीय लोगो से संपर्क कर उन्हे एजेंट बनाते हुए उनकी जमा पूंजी को कम
अवधि में दो गुना से ज्यादा दिए जाने का लुभवाना वादा देते हुए उनकी राशि कंपनी में
जमा करवाई थी, वहीं इसके बादले एजेंटो को 18 से 20 प्रतिशत कमीशन दिया जाता रहा है।
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