12 वीं में 33 विद्यार्थियो में मात्र 6 उत्र्तीण

वर्ष २०१७-१८ के शैक्षिणिक सत्र के दौरान विद्यालय में कई विषय विशेषज्ञ के
शिक्षक ही नही थे, इतना ही नही बच्चों ने बताया कि बॉयोलॉजी का सिर्फ एक माह कक्षा प्रारंभ किया
गया, उसके बाद शिक्षको द्वारा कुछ पढाया ही नही गया यही हाल अन्य विषयों का रहा है, जिसमें 10-10 चैप्टर अधूरे
रहे। वही स्कूल में न तो कोई सुविधाएं है और न ही कभी कक्षाएं संचालित होती है।
व्यापार बना शिक्षा
परिजनो ने आरोप लगाए कि गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के साथ ही बड़े-बड़े वादे
करने वाला यह स्कूल सिर्फ परिजनो से मोटी रकम फीस के नाम वर्ष भर वसूल की जाती
रही। जहां वर्ष भर फीस में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी अभिभावको के लिए
मुसीबत बन रही है। वहीं स्कूल प्रबंधन द्वारा कभी बैग, जूतों, पकडो के मनमाने
दाम लगा कर अभिभावकों से ज्यादा फीस वसूलते रहे है। अधिकतर स्कूल किताबों के लिए
दुकान तय करते हैं। इतना ही नही स्कूल इवेंट्स के नाम पर बार-बार वसूली की जाती
रही है।
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