नगर भर में खुलेआम संचालित है अवैध शराब के ठीहे
भालूमाड़ा। इन दिनों कोयलांचल में जगह-जगह अवैध शराब खुलेआम बिक रही है जिससे युवावर्ग इस अवैध शराब की चपेट में आ रहे हैं व महिलाएं को काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है।जमुना कॉलरी में इन दिनों नियमो के खिलाफ विद्यालय के आसपास एवं मंदिर के पास शराब का कारोबार संचालित है जिससे आने जाने वालो छोटे बच्चो व नगर के लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है। जमुना कॉलरी में जिस जगह शराब दुकान संचालित है वहां शीतला माता मंदिर है जिससे मंदिर आने वाली महिलाओं को शराबियों से भय बना रहता है जिससे वह मंदिर जाने में संकोच तक करती है। वहीं से छोटे नन्हे बच्चे व बच्चियां विद्यालय के लिये जाते हैं जिससे उन्हें डर सा प्रतिदिन बना रहता है। अवैध शराब माफियाओं का साम्राज्य नगर के कोने कोने व गांव के गलियों तक फैला हुआ है जो बिना भय के शराब बेचने का काम करती है हर जगह पर अपने गुर्गो को बैठाकर शराब बेचने का अवैध कारोबार जारी है। शराब दुकान नगर के बीचो बीच चलने से नगर मे अशांति का माहौल बना रहता है। थाना क्षेत्र जो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ-साथ कोयलांचल नगरी भी है। जहां अशिक्षित व आदिवासी मजदूर निवास करते है और शराब माफिया इसी का फायदा उठाकर उन मजदूरों व उनके बच्चों को शराब आसानी से मुहैया करा नशे के दलदल मे धकेल रहे हैं।
भालूमाड़ा। इन दिनों कोयलांचल में जगह-जगह अवैध शराब खुलेआम बिक रही है जिससे युवावर्ग इस अवैध शराब की चपेट में आ रहे हैं व महिलाएं को काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है।जमुना कॉलरी में इन दिनों नियमो के खिलाफ विद्यालय के आसपास एवं मंदिर के पास शराब का कारोबार संचालित है जिससे आने जाने वालो छोटे बच्चो व नगर के लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है। जमुना कॉलरी में जिस जगह शराब दुकान संचालित है वहां शीतला माता मंदिर है जिससे मंदिर आने वाली महिलाओं को शराबियों से भय बना रहता है जिससे वह मंदिर जाने में संकोच तक करती है। वहीं से छोटे नन्हे बच्चे व बच्चियां विद्यालय के लिये जाते हैं जिससे उन्हें डर सा प्रतिदिन बना रहता है। अवैध शराब माफियाओं का साम्राज्य नगर के कोने कोने व गांव के गलियों तक फैला हुआ है जो बिना भय के शराब बेचने का काम करती है हर जगह पर अपने गुर्गो को बैठाकर शराब बेचने का अवैध कारोबार जारी है। शराब दुकान नगर के बीचो बीच चलने से नगर मे अशांति का माहौल बना रहता है। थाना क्षेत्र जो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ-साथ कोयलांचल नगरी भी है। जहां अशिक्षित व आदिवासी मजदूर निवास करते है और शराब माफिया इसी का फायदा उठाकर उन मजदूरों व उनके बच्चों को शराब आसानी से मुहैया करा नशे के दलदल मे धकेल रहे हैं।
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