कालरी के स्वच्छता अभियान की खुली
पोल
अनूपपुर। कॉलरी प्रबंधन द्वारा चलाया गया स्वच्छता अभियान की हकीकत जगह-जगह फैली गदंगी से लगाया जा सकता है। जो कि नगर पालिका क्षेत्र के वार्डो मे साफ-सफाई नही होने के कारण कचडो का ढेर लगा हुआ है, दिखावे के लिए ठेकेदार द्वारा तो सफाई की जाती है लेकिन कॉलोनियो की सकरी गलियो मे फैली गदंगी हकीकत को सामने ला रही है। जो लोगो के लिए पेरशानी का सबब बना हुआ है। कालरी प्रबंधन द्वारा स्वच्छता अभियान के नाम से लाखो खर्च करने का दावा किया जाता है बावजूद इसके चाहुओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है जो कालरी प्रबंधन के दावो की पोल खोल रही है।
स्वच्छता अभियान की खुली पोल
कालरी प्रबंधन की लचर कार्य प्रणाली
तथा स्वच्छता अभियान का पीटा जा रहा ढिंढोरा सिर्फ दिखाबा साबित हो रही है। वहीं कॉलोनियो
सहित वार्डो मे फैली गदंगी को ठेकेदार द्वारा सप्ताह के एकाद बार ही सफाई कर अपने जिम्मदेरी
से मुक्ति पा लेते है। वहीं कालरी प्रबंधन से लगातार कॉलोनी वासियो की शिकायत के बाद
भी इस ओर किसी तरह का ध्यान नही दिया जा रहा है। जिसके कारण कॉलोनियो में संक्रमण का
खतरा अंदेशा बना हुआ है।
वार्डो मे गंदगी का आलम
एक तरफ कॉलरी प्रबंधन द्वारा स्वच्छता
के नाम पर कागजो में लाखो खर्च होना दर्शाया जाता है, उसके बाद भी कालरी के दोनो
वार्डो जिनमें लहसुई कैम्प एवं गोविंदा कॉलरी मे चारो ओर फैली गंदगी एवं उनसे आतीदुर्गंध
से आमजन परेशान है। कॉलरी श्रमिको सहित आसपास के लोगो का कहना है कि कॉलानी के हर गली
एवं मोहल्ले मे गंदगी फैली हुई है, जिसके कारण आवारा सुअरो का आंतक भी फैला हुआ है।
सफाई के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति
कालरी कॉलोनियो मे फैले कचडे एवं
जाम हो चुकी नालियो के कारण जहां घरो से निकालने वाले गंदे पानी सड़को पर पहुंच रहे
है, वहीं कालोनी वासियो ने बताया कि दो विभागो द्वारा सफाई के लिए कर्मचारी लगाए गए
है जिसके बाद भी सफाई व्यवस्था चौपट है। जहां सफाई के नाम पर लाखो रूपए खर्च के बाद
भी यहां की सफाई व्यवस्था चौपट पडी हुई है। श्रमिक व उनके परिवारो ने कालरी प्रबंधन
से नियमित रूप से सफाई कराने और वार्डो मे पडे कचडे के ढेर को उठाने की मांग की गई
है।
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