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शुक्रवार, 7 सितंबर 2018

दिन रात की लगातार बारिश पूरा जिला हुआ पानी पानी



बारिश का आंकड़ा 5 सेंटीमीटर बढ़ा, जनजीवन अस्त व्यस्त अनूपपुर बंगाल की खाड़ी में कम हवा के बन रहे दबाव में सावन माह के बजाय भाद माह में मानसून की झड़ी सी लग गई है। जिला मुख्यालय अनूपपुर के साथ जिले के साथ आसपस के ग्रामीण इलाकों में गुरूवार-शुक्रवार की रात से लगातार झमाझम बारिश जारी है। इससे पूर्व लगभग माहभर से थम थम कर बारिश होने का सिलसिला बना हुआ था। जिसके कारण सुखने के कगार पर पहुंच चुकी सोन, तिपान और चंदास सहित केवई, अलान, जोहिला, गोहंड्रा नदियों में पुन: लहरों के हिलोरे उठने लगी है। वहीं कई स्थानों पर नीचे बने रपटा व स्टाप डैम के उपर से पानी का बहाव होने लगा है। कोतमा के केवई नदी में बना रपटा पानी उफान में फिर बंद हो गया। सीजन में यह पहला मौका है जब सोन और तिपान नदी में पानी पूरी तरह से किनारों को छूती हुई मोटी धार में बह रही थी। जबकि बारिश में आसपास के उंची ढलान से नदी में उतरने वाला पानी झरने के सामान नदी में मिल रहा था। भू-अधीक्षक कार्यालय के गुरूवार-शुक्रवार की रात हुई बारिश में लगभग 5 सेंटीमीटर से अधिक बारिश होने के अनुमान लगाए गए हैं। वहीं शुक्रवार को दिनभर लगातार हुई बारिश से जनजीवन प्रभावित रहा। सुबह स्कूल जाने वाले अधिकांश बच्चें भींगते हुए स्कूल पहुंचे। जबकि बाजारों में व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर बारिश के कारण वीरांनी पसरी रही। मुख्य सड़कों सहित गलियों में जगह जगह पानी भराव होने के कारण आमलोग घरों से बाहर नहीं निकले। कृषि विभाग का कहना है कि जिले में सामान्य बारिश के आंकलनों में इस वर्ष का वर्षा-ग्राफ लगभग करीब पहुंच गया है। यहीं नहीं वर्ष 2014 के बाद बारिश 1000 मिमी बारिश से अधिक हो जाएगा। इससे पूर्व वर्ष 2014 में 1048.65 मिमी, वर्ष 2015 में वर्षा की मात्रा 637.89 मिमी, वर्ष 2016 में वर्षा की मात्रा 848 मिमी तथा वर्ष 2017 में वर्षा की मात्रा 857.5 मिमी दर्ज की गई थी। लेकिन वर्ष 2018 में अबतक सामान्य औसत वर्षा के 948.3.मिमी बारिश में 840.9 मिमी बारिश का आंकड़ा दर्ज किया जा चुका है। यानि पिछले तीन सालों के वर्षा रिकार्ड को इस वर्ष का ग्राफ पार करते हुए अधिक वर्षा क्षेत्र में शामिल होगा। कृषि उपसंचालक एनडी गुप्ता के अनुसार जिले के चारों विकासखंड में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सामान्य से 130 मिमी अधिक वर्षा हुई है। जबकि पिछले वर्ष अक्टूबर तक 857.5 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई थी। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1306.5 मिमी है। इस प्रकार 1 जून से 7 सितम्बर की अवधि में जिले में 947 मिमी वर्षा हो जाना चाहिए था। एक ओर झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशियां छा गई है। हालांकि पूर्व से खेतों में नमी होने के कारण धान सहित अन्य खरीफ की फसलें इससे लाभांवित थी। लेकिन इस मोटी बारिश से खेतों में और पानी जम गया है। भू-अधीक्षक कार्यालय के अनुसार यह बारिश एक साथ पूरे जिले में बरसी। वहीं सुखती नजर में फिर से पानी लबालब होने पर जल संकट के बन रहे खतरों से भी प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत पाई। नपाध्यक्ष अनूपपुर  का कहना है कि तिपान नदी के सुखे होने के कारण फिल्टर प्लांट के संचालन पर भी संशय बन रहा था। लेकिन अब तिपान नदी में अन्य वर्षो की भांति पानी का बहाव बन आया है।

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