जांच में वर्ष 2002 से गुमशुदा की जमीन बेचने
वाले ही निकले हत्यारे
अनूपपुर। वर्ष 2002 में हुए गुमशुदा पूरन सिंह और उसके बाद वर्ष 2017 में गुमशुदा पूरन की लगभग
5 एक$ड जमीन को फर्जी तरीके से
दूसरे व्यक्ति को पूरन सिंह बनाकर जमीन दलालो ने जमीन बेच दिया गया, जहां वर्ष 2018 में गुमशुदा व्यक्ति के
पुत्र की शिकायत पर पुलिस ने मामले सही पाते हुए चार लोगो के खिलाफ मामला पंजीबद्घ
किया गया, इस दौरान गिरफ्तार हुए व्यक्ति से पूछताछ पर उसे गुमशुदा पूरन सिंह की हत्या करने
का नया खुलासा किया।
कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम पंगना
में वर्ष 2002 में गुमशुदा हुए पूरन सिंह की जमीन को फर्जी दस्तावेजो के आधार पर अनूपपुर बस्ती
के जमीन दलाल द्वारा फर्जी तरीके से लाल सिंह को पूरन सिंह बना कर 18 सितम्बर 2017 को अनंत खलको निवासी भोपाल
को 5 लाख 45 हजार 500 रूपए में रजिस्ट्री क्रमांक एमपी 462522017 ए 1532052 कर बेच दिया। जिसकी शिकायत
पूरन सिंह के पुत्र अशोक सिंह गोड ने थाने में कर पिता की जगह लाल सिंह को खडा कर फर्जी
तरीके से बेच दिया गया। जहां एसडीओपी अनूपपुर की जांच उपरांत मामला सही पाए जाने पर
14 सितम्बर को एसडीओपी के पत्र
के आदेश क्रमांक 245/18 के माध्यम से कोतवाली पुलिस ने चार आरोपी जिनमें लाल सिंह पिता
बबुआ सिंह गोंड, आर सिंह पिता मथुरा सिंह गोड़ निवासी ग्राम पगना, आलोक खलको पिता इसाफ खलको,
अनंत खलको पिता
इसाफ खलको दोनो निवासी भोपाल के खिलाफ धारा 420, 419, 467, 468, 471, 120 बी के तहत मामला पंजीबद्घ कर लिया गया है। जिसके के
बाद कोतवाली निरीक्षक प्रफुल्ल राय एवं उपनिरीक्षक अभयराज सिंह ने 15 सितम्बर को दोनो आरोपी आर
सिंह एवं लाल सिंह को गिरफ्तार करते हुए उनसे पूछताछ की गई जहां आरोपी ने मामले में
16 सितम्बर नया खुलासा किया।
पुत्र ने की थी शिकायत
कोतवाली प्रभारी प्रफुल्ल राय ने
जानकारी देते हुए बताया कि अशोक सिंह गोंड पिता पूरन सिंह गोंड ने शिकायत कर बताया
कि उसे हल्क पटवारी ने बताया कि उसकी जमीन की बिक्री हो गई। जिसके बाद उसे अनावेदक
लाल सिंह पिता बबुआ सिंह निवासी पंगना के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में अशोक
सिंह ने बताया कि उसके पिता की गुमशुदगी वर्ष 2002 में हो गई थी तब वह छोटा
था तथा वर्ष 2018 में उसे उसकी जमीन की बिक्री हो जाने का पता चला की लाल सिंह ने उसके पिता पूरन
सिंह बना और उसकी जमीन को गवाह आर सिंह एवं अलोक खलको की उपस्थिति में षड्यंत्र पूर्वक
धोखधडी कर उसकी जमीन की रजिस्ट्री करना पाया। जांच में आदिवासी की भूमि को फर्जी पत्र
निष्पादन करा भूमि को क्रेता के नाम क्रय कर राजस्व रिकार्ड में दर्ज कर दिया गया,
जबकि भू स्वामी
पूरन सिंह वर्ष 2002 से लापता था।
पूछताछ में हत्या का हुआ खुलासा
मामले की विवेचना में कोतवाली निरीक्षक
प्रफुल्ल राय एवं उप निरीक्षक अभय राज सिंह ने बताया कि पूरे मामले का गहन अध्ययन किया,
जिसमें 1 जून 2002 को रामवतीया बाई ने पूरन
सिंह की गुमशुदगी तथा गुमशुदा व्यक्ति की जमीन को धोखाधडी कर बेचे जाने वाले मामले
को एक साथ जोड कर विवेचना की गई। जहां गिरफ्तार दोनो आरोपियों से गुमशुदा पूरन सिंह
के संबंध में सख्ती के साथ पूछताछ की गई, जिस पर आरोपियों ने मई 2002 को खलिहान में पूरन सिंह
की हत्या कर उसके शव को सोन नदी में बहा दिए जाने का खुलासा किया। जिसके बाद पुलिस
ने हत्या की बात सुन सकते में आ गई और मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले के हर पहलुओं
को जोड कर देख रही है।
चरित्र संदेह पर गला बदा किया था
हत्या
आरोपी आर.सिंह ने बताया कि पूरन सिंह ने मेरी मॉ रामवतीया बाई
जो पूरन की सगी मामली थी को रख लिया था, इसके साथ ही उसकी नजर मेरे
घर पर भी थी जो आए दिए छिंटाकशी करता रहता
था, जिसको लेकर
आर सिंह, समरथ और
उसके पिता तीनो लोगो ने मिलकर खलिहान में पूरन सिंह को रस्सी से गला दबाकर उसकी हत्या
कर दिया और उसके शव को सोन नदी में फेंक देना बताया, वहीं पूरे मामले में पुलिस
अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी होने के साथ ही घटना स्थल व शव फेंके जाने वाली जगह
की आरोपी से पूछताछ कर रही है। वहीं इस पूरे मामले में फर्जी तरीके से जमीन बेचने वाले
दलालो का नाम भी सामने आया है।
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