अभद्रता व मारपीट पर डॉक्टरो ने की
थी मांग, सौंपा था ज्ञापन
अनूपपुर। सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र कोतमा में 31 अगस्त को उपचार के दौरान 13 माह की मासूम की मौत के
बाद गुस्साएं परिजनों द्वारा स्वास्थ्य केन्द्र में हंगामा मचा बीएमओ के साथ की गई
मारपीट और डॉक्टरों द्वारा सामूहिक कार्य का बहिष्कार कर कार्रवाई की मांग में अबतक
दी जा रही सिर्फ आपातकालीन सेवाओं पर जिला प्रशासन हरकत में आई है। जहां डॉक्टरों के
सामूहिक त्यागपत्र की चेतावनी को गम्भीरता से लेते हुए कोतमा बीएमओ के.एल.दीवान से
दो दिनों की मोहल्लत लेते हुए आश्वस्त किया है कि दो दिनों में जांच कर कार्रवाई अवश्य
की जाएगी। वहीं डॉक्टरों ने जिला प्रशासन की अपील पर दो दिनों की मोहल्लत देते हुए
मंगलवार 4 सितम्बर की सुबह स्वास्थ्य केन्द्र पर ओपीडी सहित अन्य सेवाएं के लिए उपस्थिति
दर्ज कराई। डॉक्टरों का कहना है कि अगर इन दोनों के भीतर जिला प्रशासन द्वारा दोषियों
के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो 7 सितम्बर को स्वास्थ्य केन्द्र के सभी डॉक्टर्स सामूहिक
रूप में अपना इस्तीफा प्रशासन को सौंपेंगे। 4 सितम्बर मंगलवार को सीएमएचओ डॉ.आर.पी.श्रीवास्तव तथा
कोतमा पूर्व नपाध्यक्ष राजेश सोनी ने डाक्टरो के साथ बैठक कर सुलह कराया और बुधवार
से परिसर में पुलिस सहायता केन्द्र चालू होने का आश्वासन दिया। डॉक्टरों के स्वास्थ्य
केन्द्र में वापसी पर 3 दिनों से बंद उपचार के लिए परेशान ओपीडी मरीजों ने ओपीडी कक्ष
खुलते ही अपना पंजीयन कराते हुए उपचार कराया। बताया जाता है कि मंगलवार को 300 के आसपास
मरीजो ने अपना पंजीयन कराकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया। विदित हो कि 31 अगस्त की दोपहर 3.56 बजे मुन्ना गुप्ता उर्फ
धन प्रसाद पिता बलभद्र गुप्ता निवासी वार्ड क्रमांक ४ कोतमा अपनी नातिन को मृत अवस्था
में अस्पताल लेकर आए थे। जिसका चिकित्सकीय परीक्षण डॉ.चिनमय पटेल द्वारा कर उसे मृत
घोषित किया गया था। इसी दौरान डॉ.के.एल.दीवान एवं डॉ. शिव कुमार पांडेय द्वारा भी मृत्यु
की पुष्टि की गई। जिसके बाद परिजनो ने डॉक्टर्स पर इलाज में लापरवाही का दोष लगाते
हुए अस्पताल को जलाने की बात कहते हुए बीएमओ के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया था।
जिससे नाराज डॉक्टरों ने 1 सितम्बर को सामूहिक कार्य बहिष्कार कर कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक
को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की अपील की थी। साथ ही ने मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ
कार्रवाई करने तथा 3 दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर समस्त स्टॉफ द्वारा अपने
पद से त्याग पत्र देने व १ सितम्बर से सिर्फ आपातकालीन सेवाएं ही प्रदान करने चेतावनी
दी थी। जिसके बाद 1 सितम्बर से तीन सितम्बर तक कोतमा स्वास्थ्य केन्द्र में बाह्यरोगी
विभाग के कक्ष तो जरूर खुले, लेकिन डॉक्टरों ने इस कक्ष से दूरी बनाई रखी। जिसके कारण
सामान्य बीमारों का उपचार नहीं हो सका।
आज से चालू होगा पुलिस सहायता केन्द्र
स्वास्थ्य केन्द्र में घटी घटना तथा
आए असुरक्षा के बीच उपचार करने वाले डॉक्टरों की मांग पर पुलिस अधीक्षक तिलक सिंह ने
थाना प्रभारी को बल की तैनाती के आवश्यक निर्देश दिए हैं। बताया जाता है कि पुलिस सहायत
चौकी में 2 पुलिस कर्मी 1 प्रधान आरक्षक एंव 1 आरक्षक की डयूटी परमानेंट लगाई जाएगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें