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रविवार, 16 अप्रैल 2023

प्रदेश का अंतिम थाना बना अपराधिक गतिविधियों का गढ़, सट्टा, कबाड़, जुआं सहित कोयला का कारोबार चरम पर

पुलिस के अंजान बनने की बात लोगो ने ली चुटकी, कहा ये पब्लिक है सब जानती है अनूपपुर। अपराधिक गतिविधियों का ग्राफ सबसे ज्यादा बढ़ने का प्रमुख कारण कोयला, कबाड़, जुआ, सट्टा व शराब का अवैध संचालन है। लेकिन रामनगर थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा इन्हे खुली छूट दे रखी है। इन अवैध धंधो को फलने फूलने के लिये एक आरक्षक द्वारा समय-समय पर संरक्षण देता रहता है। पुलिस द्वारा अपने क्षेत्र में अवैध गतिविधियों की खुली छूट देने के लिये कोयले की चोरी में गोलू-रवि-प्रकाश- मनेन्दर और राजा, सट्टे के सरगना बृजेश और गोलू तथा छत्तीसगढ़ से आने वाले चैनपुर मनेन्द्रगढ़ के एक मुस्लिम को कबाड़ तथा आमाडांड, राजनगर, सेमरा, डूमरकछार के जंगलो सहित बंद पड़े काॅलरी के क्वाटरों में पिंकू-रवि को जुआं के संचालन की पूरी छूट दी गई है। अवैध गतिविधयों के संचालन पर लोगो ने चुटकी लेते हुये आखिर कह ही दिया कि ये पब्लिक है सब जानती है! ये पब्लिक है सब पहचानती है। काले हीरे का काला कारोबार रामनगर में काला हीरा के काला कारोबार का सच तो सबके सामने आ गया, जिस पर रामनगर पुलिस पर कई आरोप प्रत्यारोप लगे। लेकिन इसके बाद कोयला के काले कारोबार में जुड़े अन्य माफियाओं के नाम भी आमजन के मुखर से बाहर आये। जिसमें अभिषेक के बाद प्रकाश, मानेन्दर और राजा ऐसे नाम है जो आमाडांड काॅलरी से सटे गांवों के ग्रामीणों से कोयला चोरी करवाते है और उसके बाद जब कोयले की बड़ी खेप एकत्रित हो जाती है तो घर-घर जाकर कोयले से भरी बोरियों की खेप को वाहनों में लोड़ करवाकर अवैध तरीके से कोयले का परिवहन कर उसे बेच दिया जाता है। पुलिस से इनके साथ सांठगांठ होने पर इन्हे अवैध कोयले के परिवहन किये जाने की छूट प्रदान है। जिसके बाद कोयला आसानी से क्षेत्र के बाहर पड़ोसी प्रदेश छत्तीसगढ़ पहुंच जाता है। दो सट्टा किंग ने फैलाया मकड़जाल जनचर्चा है कि रामनगर थाना क्षेत्र में सट्टे से जुड़े लोगो के नाम पूछने पर ही गोलू और बृजेश का नाम सट्टा किंग में आता है। जिनके द्वारा अलग-अलग स्थानों में सट्टा-पट्टी काटने के लिये युवको की टीम तैयार की गई। युवको की टीम अपने-अपने क्षेत्र से सट्टा-पट्टी काटकर सट्टा किंग को देते है। इस काम में सेंट्रल बैंक के पास स्थित एक दुकान में अग्रहरि तथा चर्च के पास हीरा और जेपी नामक व्यक्ति भी शामिल है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सट्टा पट्टी काटने वाले और खेलने वाले खिलाड़ियों द्वारा अब वाॅटसएप व एसएमएस से पूरा खेल खेला जाता है। जिसमें बकायदा सटोरियें एक यूनिक मोबाइल नंबर के माध्यम से खिलाड़ियों से नंबर देकर सट्टा में लगाते है और रूपयों का अदान-प्रदान भी उसी नंबर में चलने वाले पेंमेंट एप से होता है। इस अवैध खेल में जहां मजदूर वर्ग लालच में अपना पैसा गवां रहे है तो दूसरी ओर काॅलरी कर्मचारी का परिवार भी बर्बाद हो रहा है। छत्तीसगढ़ के कबाड़ी कबाड़ के खेल में संल्पित रामनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत राजनगर आरओं और सीएचपी में खुले अवैध कबाड़ के ठीहों खुल्लेआम संचालित है। इसके लिये छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ स्थित चैनपुर से एक मुस्लिम इन दोनो ठीहों का मालिक है। जो काॅलरी के चोरी कबाड़ सहित अन्य चोरी की घटनाओं से मिलने वाले चोरी के समानों को कबाड़ के रूप मंे खरीदा जा रहा है। जानकारी के अनुसार रात के समय कई अपराधिक प्रवृत्ति काॅलरी परिसर में घुसकर काॅलरी का कबाड़ चोरी करने की शिकायते सहित चोरी के समय काॅलरी के गार्डो से मारपीट व बंधक बना कर खुलेआम चोरी करने तक की घटनायें घटित हो चुकी है। लेकिन मजाल है पुलिस ने इन अवैध कार्यो को बंद करने में अपनी थोड़ी से भी जहमत उठा सके। बंद पड़े काॅलरी के क्वाटरों व जंगलो में नाच रही बावन परी जो क्षेत्र में सट्टा, कबाड़, कोयला तथा अवैध शराब का कारोबार जमकर फल फूल रहा हो तो वहां जुआ का खेल कैसे बंद हो सकता है। जिसकी पोल भी वहां के लोगो ने खोल कर रख दी और पिंकू के साथ रवि का नाम इस खेल संचालन में आ गया। लोगो ने बताया कि पिंकू-रवि जो बावन परी को नचा कर काॅलरी कर्मचारियो के परिवार को बर्बाद कर रहे तो वहीं युवाओं का भविष्य अंधकार मंे डाल रहे है। युवा वर्ग भी जुआ में दांव लगाने के लिये जहां चोरियों की घटनाओं तक में शामिल हो जाते है। जहां शांति नगर, इंदिरा नगर, जेपी काॅलोनी, प्रेम नगर के बंद पड़े काॅलरी क्वाटरों में तो राजनगर, आमाडांड सहित आसपास क्षेत्र के जंगलो में खिलवाया जा रहा है। अपराधियों को गढ़ बनता जा रहा राजनगर नगरवासियों का कहना है कि क्षेत्र में अपराधिक घटनाओं पर लगाम कसने के लिये सबसे पहले वहां संचालित अवैध गतिविधियों व अवैध खेलों का बंद होना जरूरी होता है। जिससे उस क्षेत्र की अपराधिक घटनाओं में कमी लाते हुये वहां निवासरत हर वर्ग के लोगो सुरक्षित रह सके। लेकिन रामनगर में इसका उल्टा है, जहां पुलिस स्वयं इन अवैध गतिनिविधियों को संरक्षण दिये हुये है, जिसके कारण अपराधिक घटनाओं का ग्राफ बढ़ा है। अब पुलिस क्षेत्र के लोगो की नही बल्कि अपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगो को सुरक्षा प्रदान कर रही है। स्थिति यह हो गई है अब लोग स्वयं वा अपने परिवार के सुरक्षा स्वयं करने को विवश है। क्योकि यह क्षेत्र अब अपराधियों का गढ़ बन चुका है।

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