
अनूपपुर। संतान
सप्तमी व्रत भद्र पद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन किया जाता हैं। संतान
सप्तमी व्रत 16 सितम्बर रविवार को नगर सहित कोयलांचल क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र मे मनाया गया।
यह व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति संतान रक्षा और संतान की उन्नति के लिए किया जाता
है। इस व्रत में भगवान षिव और माता गौरी की पूजा का विधान है सप्तमी का व्रत विषेश
महत्व रखता हैं। सप्तमी का व्रत मां अपनी संतान के लिए करती हैं। 16 सितम्बर को सुबह से ही महिलाओं
ने प्रात:काल स्नान कर व्रत की तैयारी में जुट गई। माताओं ने भगवान विष्णु एवं शिव
की पूजा अर्चना कर व्रत शुरू किया। निराहार व्रत रह कर संतान की रक्षा की कामना करते
हुए खीर पूरी तथा गुढ के पुए बनाए। भोलेनाथ को कलावा अर्पित करा स्वयं धारण कर इस व्रत
की कथा सुनी। माताओं ने अपने बच्चों की सुख समृद्घि के लिए ईश्वर की कामना की।
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