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शुक्रवार, 9 दिसंबर 2022

जिला अधिकारी विहिन जिले उपार्जन केन्द्र, धान लेकर पहुंचने किसानो को करना पड़ रहा परेशानियों का सामना

धान खरीदी के नोडल अधिकारी लोकायुक्तय के डर से लापता एवं उपार्जन एजेंसी नान जिलाधिकारी छुट्टी में अनूपपुर। यह जिला किसी अजूबे से कम नहीं हैं जहां के खाद्य मंत्री वहीं जिला प्रदेश में सबसे ज्या दा भ्रटाचार और विभाग भी उन्हीं् का कृषि को बढ़ावा देने व किसानो को उनकी फसल का सही लागत मिले इस हेतु प्रदेश सरकार नित नये प्रयास कर रहीं हैं। किन्तुन खाद्य मंत्री के गृह जिले में दो प्रमुख अधिकारी जिनमें नोडल विभाग खाद्य अधिकारी व उपार्जन एजेंसी नान के जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति लापता हैं। मजे की बात मंत्री के जिले में होते हुए अधिकारी लापता हैं। 29 नवंबर से जिले में शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानो से धान खरीदी जा रही है। इसके लिये अनूपपुर जिले में भी 34 धान उपार्जन केन्द्र बनाये गये है। जहां उपार्जन केन्द्र में अपनी धान लेकर पहुंचने वाले किसानो को परेशानियों का सामना न करना पड़ रहा है। जिसका मुख्य कारण खरीदी केन्द्रो में शासन के नियमानुसार कई भौतिक, मानव संसाधन, तौल कांटा तथा अन्य सुविधायें प्रदान की गई है। लेकिन जिले के दो प्रमुख अधिकारी जिनमें नोडल विभाग खाद्य अधिकारी एस.एल.प्रजापति जो 7 दिसम्बर बुधवार की दोपहर से अचानक कहीं लापता हो गये, वहीं उपार्जन एजेंसी नान के जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति अरूण कुमार रावत भी उपार्जन जैसी महत्वपूर्ण कार्यो को छोड़कर छुट्टी का आनंद ले रहे है। इस विशेष परिस्थति में दोनो जिला प्रमुखों का जिले से ही गायब होने की परिस्थिति में किसान उपार्जन केन्द में अव्यस्थाओं के बीच अपनी धान बेच रहे है। 837 किसानो ने बेची 43 हजार 40 क्विंटल धान जिले में बनाये गये 34 धान उपार्जन केन्द्र में 17 हजार 138 पंजीकृत किसानो से धान की खरीदी की जानी है। जहां अब तक 837 किसानो से 43040.59 क्विंटल टन धान की खरीदी हो सकी है। वहीं उपार्जन केन्द्र में धान बेचने आये किसानो को परेशान ना होना पड़े इसके लिये शासन ने सख्त निर्देश दिये है। जिसके लिये जिला स्तर पर समिति का गठन भी किया गया है। जिसमें नागरिक आपूर्ति विभाग, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, वेयर हाउस, सहकारिता विभाग सहित अन्य विभाग के अधिकारियों को उपार्जन कार्य का शासन की गाइड लाईन के अनुसार शत प्रतिशत पर्यवेक्षण एवं पालन करना था। लेकिन महत्वपूर्ण उपार्जन कार्य को छोड़कर अधिकारी अपनी मनमानी पर उतारू है। जिसके कारण उपार्जन केन्द्रों में धान की सुरक्षा व्यवस्था, चोरी, कीटग्रस्तता, मौसम से विपरित परिस्थितियों में उसकी सुध लेना वाला जिले में कोई नही है। उपार्जन केन्द्रों में अव्यवस्थाेओं के बीच हो रही खरीदी उपार्जन केन्द्रों में हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन एवं निर्बाध विद्युत या जनरेटर की सुविधा, इलेक्ट्रानिक उपकरणो में कम्प्यूटर या लैपटाप, पिंरटर, डोंगल, यूपीएस, बैटरी, किसानों के लिये दरी, कुर्सी, पेयजल, शौचालय, छाया, बिजली आदि, छनना, पंखे, परखी तथा सुरक्षात्मक सुविधाओं में तिरपाल, कवर, अग्निशमन यंत्र, रेत, बाल्टियां, फास्टएड बाॅक्स, किसानो की उपज की साफ सफाई हेतु कस्टम हाईरिंग, आउटसोर्सिंग के माध्यम से सफाई उपकरण की उपलब्धता, बायोमेट्रिक डिवाईस आवश्यक है। लेकिन इन व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी लिये उपार्जन एजेंसी व नोडल अधिकारी के गायब होने से किसानो को परेशानियों के बीच धान बेचना पड़ रहा है। इतना ही नही उपार्जन केन्द्रों में किसानो के लिये न तो पीने के पानी की व्यवस्था है और किसानो के आधार लिंक बैंक खाते में आॅनलाईन भुगतान की कोई समय सीमा, यहां तक की किसानो को उनकी धान खरीदी के तुरंत न तो कृषक तौल पर्ची उपलब्ध कराई जा रही है पर्याप्त तौल मशीन की व्यवस्था है। अब तक नही हुआ परिवहन आदेश जारी उपार्जन एजेंसी नागरिक आपूर्ति विभाग के जिला प्रबंधक अरूण कुमार रावत नोडल अधिकारी खाद्य विभाग के डीएसओं एस.एल. प्रजापति के जिले से नदारद होने पर जिले में बनाये गये 34 उपार्जन केन्द्रो की गोदाम से मैपिंग तक नही की गई है। जिसके कारण नाॅन के जिला प्रबंधक द्वारा अब तक धान परिवहन आदेश जारी नही किया गया है। जिसके कारण परिवहनकर्ता के वाहन बीते कई दिनों से उपार्जन केन्द्र में खाली खड़ी हुई है। उपार्जन जैसे महत्वपूर्ण कार्यो को छोड़कर दोनो जिलाधिकारियों का जिले से गायब होना भी उनके कर्तव्यों व विभाग के कार्यो के प्रति साफ लापरवाही उजागर हो रहा है। जिसका खमियाजा जिले के किसानो को उठाना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार उपार्जन केन्द्र खोड़री व मेला ग्राउंड देवगवां का गोदाम स्तरीय मैपिंग भी मनमानी तरीके से की गई है, जहां खोड़री उपार्जन से धान का परिवहन गढ़ी कैप खोड़री में न करते हुये अन्नपूर्णा राईसमिल देवगवां तो वहीं मेला ग्राउंड देवगवां उपार्जन केन्द्र की को अन्नपूर्णा राईसमिल देवगवां न करते हुये गढ़ी कैप खोडरी की मैपिंग कर परिवहन की दूरी को बढ़ा दिया गया है।
डिंडौरी में रिश्वत लेते रंगे हाथ ट्रैप हुये थे खाद्य अधिकारी, चालान पेश करने अनूपपुर में खोजती रही लोकायुक्त पुलिस जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी श्यामलाल प्रजापति पिता सुखलाल प्रजापति को वर्ष 2015 में डिंडौरी जिले के शहपुरा में लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार करते हुये प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। मामले में 8 दिसम्बर को लोकायुक्त जबलपुर के पुलिस अधीक्षक द्वारा उक्त प्रकरण का चालान विशेष न्यायाधीश न्यायालय (लोकायुक्त) डिंडौरी में 10 दिसम्बर की सुबह 11 बजे पेश होने का नोटिस प्रधान आरक्षक जुबेद खान लेकर पहुंचे, इसके पहले ही जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी श्यामलाल प्रजापति अपने कार्यालय से भाग खड़े हुये एवं अपने कार्यालय में नोटिस लेने से मना कर गये। वहीं जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी एस.एल. प्रजापति 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे है। पूरे प्रकरण में 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी लोकायुक्त पुलिस द्वारा चालान पेश करने में नाकाम रही। जहां अब 31 जनवरी को जिला खाद्य अधिकारी एस.एल. प्रजापति सेवानिवृत्त होने जा रहे हे। जानकारी के अनुसार वर्ष 2015 में जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी डिंडौरी के पद पर रहते हुये एस.एल. प्रजापति द्वारा शहपुरा में ए.के. ट्रेडर्स के संचालक कमल गुप्ता से कैरोसीन डीलर शीप का प्रकरण ना बनाने के एवज में 5 लाख की मांग की गई थी, जिस पर 50 हजार रूपये देते हुये लोकायुक्त टीम ने जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी डिंडौरी एस.एल. प्रजापति को 50 हजार रूपये लेते रंगे हाथ पकड़ा था। उनके खिलाफ अपराध क्रमांक 297/15 धारा 7, 13(1)डी, 13(2) पीसी एक्ट 19़88 संशोधित 2018 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। जिस संबंध में 10 दिसम्बर को विशेष न्यायाधीश न्यायालय लोकायुक्त डिंडौरी में चालान पेश करने हेतु प्रधान आरक्षक द्वारा नोटिस देने वर्तमान समय में जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग अनूपपुर में पदस्थ एस.एल. प्रजापति को उनके कार्यालय पहुंचे। लेकिन उसके पहले ही उन्हे भनक लगते ही वे अपने कार्यालय से भाग खड़े हुये और अपने कार्यालय में किसी को भी नोटिस लेने से मना करते हुये जमानत शर्तो का उल्लघंन किया गया है। जिसके बाद प्रधान आरक्षक द्वारा इसकी सूचना लोकायुक्त जबलपुर एसपी को दी गई। इनका कहना है पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियो के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी, धान उपार्जन केन्द्रों में फैली अव्यवस्थाओं को दुरूस्त कराया जायेगा। सोनिया मीना, कलेक्टर अनूपपुर

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