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गुरुवार, 22 दिसंबर 2022

मांग को पूरा कराने संविदा कर्मियों ने भैंस के आगे बजाई बीन: कांग्रेस महासचिव ने दिया समर्थन

सरकार से नियमितीकरण के लिए रक्त से लिखीं चिठ्ठियां
अनूपपुर। नियमितीकरण सहित 2 सूत्रीय मांग को लेकर जिला मुख्यालय में संविदा स्वास्थ्य कर्मी आठवें दिन भी हड़ताल में डटे हैं। आज संविदा कर्मचारियों ने भैंस के आगे बीन बजाई। उन्होंने सरकार को यह संदेश देने की कोशिश की कि हम लगातार 8 दिनों से बैठे हैं, लेकिन सरकार हमारी मांगों को लेकर चुप्पी साधे बैठी हुई है। कोरोना का ड्रेस पहनकर जिला अस्पताल के सामने यह प्रदर्शन किया। इसके साथ ही कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रमेश सिंह ने संविदा स्वास्थ्य कर्मी के धरना स्थ।ल में पहुंचकर अपना समर्थन दिया। जहां संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी मांगों का ज्ञापन कांग्रेस के प्रदेश महासचिव को सौंपा। संविदा स्वास्थ्य कर्मी ने कहा कि सरकार हमारी नियमितीकरण की मांग को पूरा करें। हम सविंदा कर्मी अपनी जान में खेल कर कोरोना में किट पहनकर लगातार काम करते रहे और इतनी मेहनत करने के बाद भी सरकार ने वादाखिलाफी की।
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ने अपना समर्थन देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार संविदा कर्मियों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रहीं हैं। कोरोना काल में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी सेवायें लोगो के बीच रहकर दी हैं। जब लोग घरो से नही निकल रहें थे तब संविदा स्वास्थ्य कर्मी गांव शहर के चिकित्साेलयों में मरीजों के बीच रह कर सेवायें दें रहें थे। इसे पूर्व बुधवार को स्वास्थ्य कर्मियों ने अपने खून से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर पत्र लिखे। इसमें उन्होंने संविदा कर्मियों से किए गए वादे को पूरा करने की मांग की थी। प्रदर्शन स्थल पर मौजूद युवक और युवतियों ने पहले रक्त निकलवाया और उसके बाद उसी रक्त से चिठ्ठियिां लिखी थी। स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ रहा असर लैब टेक्नीशियन भाईलाल पटेल और फार्मासिस्ट विपिन प्रसाद ने बताया कि बीते 4 वर्षों से संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को नियमितीकरण का झुनझुना पकड़ाया जा रहा है। सत्ता पाने के लिए संविदा कर्मियों से बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन सत्ता मिलते ही इन वादों को भुला दिया जाता है। एक दशक से ज्यादा की सेवा देने के बाद भी नियमितीकरण की बाट जोह रहे कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय दिखलाई पड़ रहा है। इस बार जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं की जाएंगी। हम काम पर नहीं लौटेंगे। जिले में 4 सैकड़ा से ज्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर हैं, जिसकी वजह से स्वास्थ्य सुविधाओं पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। भटक रहे मरीज संविदा कर्मियों की हड़ताल का सबसे ज्यादा असर रक्त जांच पर पड़ रहा है। लैब टेक्नीशियन हड़ताल पर हैं और उनके भरोसे ही चलने वाली लैब पर ताला लगने की स्थिति उत्पन्न हो रही है। टीबी और फिजियोथैरेपी विभाग भी बंद पड़ा हुआ है, जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों के ही रक्त का परीक्षण हो पा रहा है, अधिकांश जांच के लिए मरीज प्राइवेट लैब में जा रहे हैं। जैसे-जैसे हड़ताल के दिन बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे ही जिले में स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं।

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