सीईओ ने सरकार पर बार-बार स्थानांतरित करने का लगाया था आरोप
अनूपपुर। म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा 20 जुलाई को तत्कालीन जिला पंचायत अनूपपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभय सिंह ओहरिया का स्थानांतरण किये जाने से नाखुश अभय सिंह ओहरिया ने उच्च न्यायालय जबलपुर में सरकार के खिलाफ याचिका दायर जहां उन्होने सरकार के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण और बार-बार स्थानांतरित करने का आरोप लगाया गया था। जिस पर 10 जुलाई को उच्च न्यायालय ने सरकार के खिलाफ याचिका दायर में सुनवाई करते हुए अभय सिंह ओहरिया को जमकर फटकार लगाते हुए आवेदन निरस्त कर दिया। वहीं उच्च न्यायालय ने निर्णय सुनवाई के बाद सुरक्षित कर लिया हैं, अब देखना ये है कि कोर्ट याचिका करता पर कितने की कास्ट लगाता हैं।
उच्च न्यायालय
जबलपुर अभय सिंह ओहरिया को फटकार लगाते हुए कहा कि एक आईएएस को शोभा नहीं देता अनूपपुर
में ज्यादा मलाई मिलती हैं क्या जिस पर अभय सिंह ओहरिया के अधिवक्ता कुछ जबाब नहीं
दे सकें और उच्च न्यायालय जबलपुर आवेदन निरस्त करते हुए स्थानांतरण हुए स्थान जाने
के आदेश दिया।
मामला
याचिकाकर्ता
के अनुसार वह बार-बार स्थानांतरण का शिकार हो रहे है, और ये सभी
तबादले 8 माह महीने के अवधि के अंदर किया गया है। जिसमें 2 अगस्त 2021 को बड़वानी
से सागर, 30 मई 2022 को सागर से टीकमगढ़ और फिर 10 नवम्बर 2022 को टीकमगढ़
से अनुपपुर तथा अब 20 जुलाई 2023 को अनुपपुर से भोपाल स्थानांतरित किया गया है।
सीईओ अभय सिंह
ओहरिया पर आदिवासी महिला सरपंच को जूता मारने का आरोप
तत्कालीन जिला
पंचायत सीईओ अभय सिंह ओहरिया सुर्खियों में रहे है, जिसमें
सार्वजनिक रूप से आदिवासी महिला सरपंच को जूता मारने की बात पर विवादों में घिरे
हुये थे, जिस पर सरपंच संघ ने लामबंद होते हुये ज्ञापन सौंप कर 3 दिन के
अंदर कार्यवाही की मांग की गई तथा कार्यवाही नही होने पर प्रदेश भर में आंदोलन
किये जाने की चेतावनी दी गई। जिसके बाद 20 जुलाई को राज्य शासन ने उनका स्थानांतरण
भोपाल कर दिया था।
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