सरकार पर लगाया आरोप कहां दुर्भावनापूर्ण और बार-बार स्थानांतरण हुआ
अनूपपुर। म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा 20 जुलाई को तत्कालीन जिला पंचाायत अनूपपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभय सिंह ओहरिया का स्थानांतरण किये जाने से नाखुश अभय सिंह ओहरिया ने हाईकोर्ट जबलपुर में सरकार के खिलाफ याचिका दायर की गई है। जहां उन्होने सरकार के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण और बार-बार स्थानांतरित करने का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि 24 जुलाई को उन्हे कार्यमुक्त कर दिया गया है और 31 जुलाई को नया पदाधिकारी जिसे बालाघाट से अनूपपुर स्थानांतरित कर दिया गया है।
याचिकाकर्ता के अनुसार वह बार-बार स्थानांतरण का शिकार हो रहे है, और ये सभी तबादले 8 माह महीने के अवधि के अंदर किया गया है। जिसमें 2 अगस्त 2021 को बड़वानी से सागर, 30 मई 2022 को सागर से टीकमगढ़ और फिर 10 नवम्बर 2022 को टीकमगढ़ से अनुपपुर तथा अब 20 जुलाई 2023 को अनुपपुर से भोपाल स्थानांतरित किया गया है। जिस पर हाईकोर्ट ने याचिका पर 20 जुलाई के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी गई है साथ ही राज्य सरकार को एक सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। जानकारी के अनुसार तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ अभय सिंह ओहरिया के कार्यमुक्त होने के बाद वर्तमान में तन्मय वशिष्ठ शर्मा ने जिला पंचायत अनूपपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का विधिवत प्रभार भी ग्रहण कर लिया गया है।
वहीं तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ अभय सिंह ओहरिया सुर्खियों में रहे है, जिसमें सार्वजनिक रूप से आदिवासी महिला सरपंच को जूता मारने की बात पर विवादों में घिरे हुये थे, जिस पर सरपंच संघ ने लामबंद होते हुये ज्ञापन सौंप कर 3 दिन के अंदर कार्यवाही की मांग की गई तथा कार्यवाही नही होने पर प्रदेश भर में आंदोलन किये जाने की चेतावनी दी गई। जिसके बाद 20 जुलाई को राज्य शासन ने उनका स्थानांतरण भोपाल कर दिया था।
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