एसईसीएल प्रबंधन ने जल्द निर्माण का दिया आश्वासन, आंदोलन के दौरान एंबुलेंस को रोकने का मामला
अनूपपुर। एसईसीएल
प्रबंधन द्वारा किए जा रहें सौतेले व्यवहार के कारण एसईसीएल क्षेत्र अंतर्गत
देवहरा- अमलाई मार्ग जर्जर में हो रही दुर्घटना पर जनता की समस्याओं का निराकरण
करने के लिए नगर परिषद बरगंवा उपाध्यक्ष डॉ.राज तिवारी के नेतृत्व में ग्रमीणों ने
प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए शुक्रवार की सुबह से धरना प्रदर्शन किया। जिससे
देवहरा- अमलाई मार्ग कई घंटे तक बंद रहा। कई घंटो बाद एसईसीएल के अधिकारी मौके पर
पहुंचे और मार्ग का निर्माण करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद धरना प्रदर्शन खत्म हुआ।
यह हैं, मामला
एसईसीएल
क्षेत्र जहां सैकड़ो की संख्या में एसईसीएल खदानों में काम करने वाले अधिकारी एवं
कर्मचारी रहते हैं। जो प्रतिदिन दस मार्ग का उपयोग कर अपने कार्य स्थल जाते हैं। देवहरा
से अमलाई वाया संजय नगर को जाने वाली 2 किलो मीटर लंबी सड़क, जिसका निर्माण
एसईसीएल द्वारा कराया गया था। देवहरा-संजयनगर में रहवासियों को अमलाई रेलवे स्टेशन
एसईसीएल हॉस्पिटल धनपुरी नंबर 3, भारतीय स्टेट बैंक, अमलाई मार्केट जाने का एकमात्र रास्ता है। इस रास्ते का निर्माण
एसईसीएल प्रबंधक ने कराया था, लेकिन वर्तमान में रास्ते का हालत जर्जर हो गया। जगह-जगह पर
रास्ते में गड्ढे हैं। बरसात की स्थिति में रोड दलदल की स्थिति में है। जिससे
राहगीरों साथ आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। इस रास्ते पर कई दुधर्टनायें भी हो चुकी
हैं। ग्रामीणों ने लगातार एसईसीएल प्रबंधक से रास्ते को बनवाने की मांग कई वर्षों
से कर रहें थे किन्तु एसईसीएल प्रबंधक लगातार आश्वासन दे रहा था। और मार्ग का
निर्माण नहीं कराया। जिससे आक्रोशित होकर शुक्रवार को कई घंटे तक ग्रामीणों ने
चक्का जाम किया। जिससे दोनों तरफ के रास्ते 6 से 7 घंटे तक बंद रहें। इस बीच भारी
संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था। मौके पर पहुंचे एसईसीएल प्रबंधन ने जल्द सड़क
निर्माण का आश्वासन दिया। तत्कालीन व्यवास्था करते हुए मौके पर जेसीबी मशीन को
बुला रास्ते पर कीचड़ हटा कर गिट्टी डाल रास्ते को चलने के लिए बनाया गया।
संजय नगर
वेलकम गेट के सामने किये जा रहें आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों द्वारा एंबुलेंस को
रोकने का मामला सामने आया। जिसमें एक महिला मरिज चिकित्सा लाभ लेने केंद्रीय चिकित्सालय
बुढार जा रही थी। यह आरोप युवक कांग्रेस के महामंत्री विक्रांत
तिवारी ने लगाया हैं।
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