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शनिवार, 11 फ़रवरी 2023

शंकराचार्यों में घमासान: निश्चलानंद सरस्वती पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का पलटवार- बताएं कि क्या अमर्यादित आचरण किया

अनूपपुर। बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री तो इन दिनों सुर्खियों में हैं। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती भी चर्चा में हैं। आरोपों-प्रत्यारोपों की वजह से ये एक-दूसरे के कोपभाजन बने हुए हैं। धर्मगुरु वैरागी होते हैं. लोभ, कामना, ऐश्वर्य, ईर्ष्या सभी रागों से दूर, ऐसे में जब दो शंकराचार्यों के बीच वाकयुद्ध छिड़ जाए तो उनका सुर्खियों में आना लाजिमी हैं। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के बीच बयानबाजी से ऐसा ही हो रहा है. ताजा मामले में अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने एक बार फिर निश्चलानंद सरस्वती पर पलटवार किया हैं।
शुक्रवार की रात जबलपुर से अचानक अमरकंटक पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने शनिवार की सुबह मॉ नर्मदा की पूजा अर्चना कर छग के बिलासपुर के लिए रवाना हो गये। अनूपपुर जिले के अमरकंटक नर्मदा मंदिर प्रांगण में शनिवार की सुबह कांग्रेस को नसीहत, रामचरितमानस पर चल रहे विवाद और संघ प्रमुख मोहन भागवत के जाति व्यवस्था के बयान पर भी जवाब दिया। ज्ञात हो कि बीते दिनों निश्चलानंद सरस्वती ने बिना नाम लिए अविमुक्तेश्ववरानंद सरस्वती को शंकराचार्य मानने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था, 'उनके (अविमुक्तेश्ववरानंद) गुरुजी का 99 साल की आयु में देहावसान हुआ, उन्होंने इससे पहले तक शंकराचार्य की गद्दी किसी को भी क्यों नहीं दी? बाद में दो लोगों को अंगरक्षक की तरह अलग-बगल खड़े कर अभिषेक कराया और शंकराचार्य बन गए। अगर वे शंकराचार्य है भी तो जो मर्यादा का अतिक्रमण करता हो, उसे हम शंकराचार्य नहीं मानते, इनको लगता है कि हम तीन हो गए, पुरी के शंकराचार्य को दबा देंगे, हमें तीस नहीं दबा पाए, तीन क्या दबाएंगे। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'कौन सा अमर्यादित आचरण है, ये तो बताया जाए। वह किसी व्यक्ति या संस्था पर इस प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर पूछे गए सवाल पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, 'हमने अकेले बागेश्वर धाम को लेकर कुछ नहीं कहा, हर उस व्यक्ति को कहा, जो चमत्कार की बात कर रहा है चमत्कार है तो फिर दुनिया में लोग दुखी क्यों हैं? चमत्कार से ही लोगों का दुख दूर क्यों नहीं किया जा रहा है? अस्पताल और अदालतों में भीड़ क्यों लग रही है? हमारा अभी भी वही कहना है और आगे भी वही रहेगा. जो सच है, हमें उसको कहने में कोई दिक्कत नहीं हैं।

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