जिले की तीनों विधानसभा में 2018 का परिणाम कांग्रेस दोहरायेगी, क्या भाजपा होगी सफल
अनूपपुर। जिले की तीन विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस व भाजपा
ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेसी सिर्फ दो विधानसभा सीटों में
अपने उम्मीदवार की घोषणा की है। अनूपपुर में भाजपा से बिसाहूलाल सिंह तो कांग्रेस
ने नये उम्मीदवार रमेश सिंह को चुनाव मैदान में उतारा हैं। पुष्पराजगढ़ विधानसभा
से कांग्रेस ने अपने वर्तमान विधायक फुन्देलाल लाल सिंह को एक बार फिर मौका दिया
है तो वहीं भाजपा ने यहां भी नये चेहरे जनपद अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम को सामने
खड़ा किया है। भाजपा ने कोतमा सामान्य से पिछड़ा वर्ग से दिलीप जायसवाल को एक बार
फिर मैदान में उतार कर हारे हुए उम्मीदवार पर अपना विश्वास जताया है। ज्ञात होगी
2018 की विधानसभा चुनाव में दिलीप जायसवाल वर्तमान विधायक सुनील सराफ कांग्रेस से
शिकस्त मिली थीं। कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की हैं।
वही एक दिलचस्प बात यह है कि भाजपा सिर्फ शहडोल की दो सीटों को
साधने में लगी हुई है जबकि अनूपपुर की तीन सीटों पर उसका ध्यान नहीं है,लगातार मुख्यमंत्री शहडोल दौरा कर मतदाताओं
को लुभाने का प्रयास कर रहें हैं। जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान शहडोल को कई सौगातों
की घोषणा की थी किंतु अनूपपुर के लिए उन्होंने कोई घोषणा नहीं की। जिससे अनूपपुर जिले
के लोगों में भाजपा को लेकर असंतोष भी देखा जा रहा है। चाहे वह नागपुर के लिए सीधी
ट्रेन सेवा हो या फिर इंदिरा गांधी जनजाति विश्वविद्यालय के माध्यम से मेडिकल
कॉलेज व इंजीनियरिंग कॉलेज के भूमि आवंटन का मामला हो, इन सभी प्रयास पर मुख्यमंत्री ने कोई नहीं
लिया जाना चुनाव के मुद्दे हो सकते हैं। भाजपा की बेरूखी का नतीजा यह रहा कि पुष्पराजगढ़
विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो पंचवर्षीय से कांग्रेस को भारी अंतर से विजय मिल
रही है।
अनूपपुर विधानसभा
अनूपपुर विधानसभा में भाजपा को वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव
करारी शिकस्त देते हुए कांग्रेस के बिसाहूलाल सिंह विजय हुयें थे। जिसका नतीजा कांग्रेस
सत्ता में आई तो दिग्विजय सिंह ने किसी अनुभवी विधायको को मंत्री नहीं बनने दिया
जिसका नतीजा यह रहा कि अल्प समय में कांग्रेस की सरकार गिर गई, जिसमें बिसाहूलाल सिंह ने कांग्रेस से
नराज होकर नाता तोड़ भाजपा के हो गये। जहां उपचुनाव में बिसाहूलाल सिंह रिकॉर्ड मतों
से विजय हुए। किंतु अब परिस्थितियों कुछ भिन्न है जहां उन दिनों कांग्रेस को
बिसाहूलाल पर किये गयें अपमान का बदला लिया था जिसका नतीजा उपचुनाव में देखने को
मिला। लगभग 3 वर्षों के कार्यकाल में उपलब्धि के नाम पर सत्ता पक्ष के पास कुछ खास
बताने को नहीं है ऐसे में बदलाव की बयार का असर हो तो इस पर कोई अतिशयोक्ति नहीं
होगी। वैसे कहा जाता है कि भाजपा उम्मीदवार मतदाताओं की नब्ज पकड़ने में माहिर है।
कांग्रेस उम्मीदवार रमेश सिंह पहली 5 वर्षो में लगतार जनता के
बीच पहुंच कर उनके दुख:सुख में भागीदार बने जिसका नतीजा यह रहा कि जिला पंचायत
चुनाव में पत्नी को सबसे अधिक मतों से विजयश्री दे अपना आशिर्वाद दिया। जिससे आज पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। ज्ञात हो कि रमेश
सिंह संयुक्त कलेक्टर के पद से इस्तीफा देकर जनसेवा के लिए कांग्रेस में शामिल
हुए। वर्ष
2020 के उपचुनाव में अनूपपुर विधानसभा
से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाए जाना था, लेकिन किन्हीं कारणों वस कांग्रेस ने
टिकट नहीं दिया। अब 2023
के विधानसभा में खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहू लाल सिंह के सामने कांग्रेस
ने अपना उम्मीदवार बनाया है। रमेश सिंह अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। जहां एक
ओर कई बार के विधायक एवं मंत्री बिसाहूलाल सिंह, वहीं पहली बार मैदान में उतरे रमेश
सिंह दोनों के बीच मुकाबला दिलचस्प होगा। वहीं रमेश को अपनों
के विरोध का समाना करना पड़ सकता हैं। जिसमें अनूपपुर
आदिवासी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष एवं जैतहरी जनपद के अध्यक्ष राजीव सिंह ने अनूपपुर
विधानसभा के लिए रमेश सिंह की उम्मीदवारी तय होने के बाद फेसबुक पोस्ट में रमेश सिंह
पर जमकर निशाना साधते हुए लिखा कि त्याग, तपस्या, बलिदान का कोई मतलब नहीं निकला। संघर्ष
की कीमत वहीं समझेगा जो संघर्ष किया हो। कल के आए को टिकट दे दिया। इसके कुछ घंटों
बाद अपनी गलती को सुधारते हुए माफी मांग ली थी। इसी तरह पूर्व में रहें प्रत्याशी
विश्वनाथ सिंह ने रमेश सिंह की उम्मीदवार बनाये जाने से नराज पत्रकार वार्ता कर
अपनी बात रखने वाले थे किन्तु पत्रकार वार्ता के एक घंटे पूर्व ही से स्थगित कर
दिया था। माना जा रहा हैं कि दोनो को पार्टी हाईकमान ने तलब करते हुए समझाईस दी
थी।
पुष्पराजगढ़
विधानसभा
अनूपपुर
जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा से लगातार दो बार के विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को को
कांग्रेस ने एक बार फिर अपना उम्मीदवार बनाया है। फुंदेलाल सिंह मार्को लगातार
अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं। आदिवासी विधायक के तौर पर इनकी छवि बनी हुई है। कई
बार विधानसभा में भी है आदिवासी पहनावे के साथ पहुंचते थे, जो काफी चर्चा का विषय बना था। कांग्रेस के इनके सामने भाजपा ने पहली
बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे जनपद अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम को अपना उम्मीदवार घोषित
किया हैं। दोनों के बीच ही मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद हैं। फुंदेलाल सिंह
मार्को कांग्रेस के पहले बसपा से भी अपनी किस्मत अजमा चुके हैं। फुंदेलाल सिंह छात्र
जीवन से राजनीति में सक्रिय रहें हैं। लगातार पुष्पराजगढ़ विधानसभा से 2 बार के
विधायक हैं। 2013 में उन्होंने पहली बार भाजपा के सुदामा सिंह को 35 हजार से अधिक मतों
से पराजित किया था। वहीं दूसरी बार भाजपा के नरेंद्र मरावी को 22 हजार वोटों से
हराया था। यह विधायक के साथ-साथ ही कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी रहें हैं।
कोतमा
विधानसभा
लोकसभा की 8 विधानसभा में कोतमा एक मात्र सामान्य विधानसभा सीट हैं जहां कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार की घोषणा अभी तक नहीं की हैं। यहां से कांग्रेस के सुनील सराफ विधायक हैं। भाजपा ने यहा से पिछड़ा वर्ग के दिलीप जायसवाल को एक बार फिर मैदान में उतार कर हारे हुए उम्मीदवार पर अपना विश्वास जताया है। ज्ञात होगी 2013 की विधानसभा चुनाव में दिलीप जायसवाल वर्तमान विधायक सुनील सराफ कांग्रेस से शिकस्त मिली थीं। कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की हैं। यहां कांग्रेस के विधायक सुनील सराफ की दवेदारी मजबूत मानी जा रहीं हैं। जिससे कांग्रेस को सरकार बनाने में फयदा हो सकता हैं।
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