जिला चिकित्सालय ने किये कई बहाने, कलेक्टर के हस्ताक्षेप पर मिला वाहन
अनूपपुर। कोतवाली थाना अनूपपुर के बैरीबांध गांव के समीप 17 वर्षीय नाबालिक युवक ने मंगलवार की सुबह काम की तलाश में बाहर जाने से मां -पिता के मना करने पर खेत के पास फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंचकर मृतक के शव का पंचनामा एवं माता-पिता एवं अन्य गवाहों के बयान दर्ज किया, इस बीच जिला चिकित्सालय अनूपपुर से शव वाहन मांगे जाने पर निरंतर दो घंटे इंतजार,बहाना -बाजी करने पर शव वाहन के न पहुंचने से गुस्साए ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के सरपंच को बताया जिस पर सरपंच ने अनूपपुर कलेक्टर को फोन कर स्थिति से अवगत कराये जाने पर कलेक्टर के हस्ताक्षेप पर 2 घंटे से अधिक समय बाद शव वाहन पहुंच। इसके बाद डॉक्टर से पोस्टमार्डम उपरांत अंतिम संस्कार हेतु परिजनों को सौप कर पुलिस ने जांच प्रारंभ की। इसके पूर्व घंटो तक मेन रोड के किनारे शव रख कर परिजन एवं ग्रामीण इंतजार करते रहे हैं। मुख्य मार्ग में चलने वाले वाहनों एवं राहगीरों की भीड़ लगी रही है जिले की लचर व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए कोसते रहे एवं अधिकारियों एवं नेताओं को फोन लगाते रहे हैं।
जिला चिकित्सालय की लगातार बिगडती व्यवस्था के बाद कलेक्टर आशीष
वशिष्ठ ने इसे पटरी पर लाने के लिए इसकी जिम्मेदारी अपने हाथों में लेकर मिडिया से
दूर रह अकेले में व्यवस्था सुधरने के लिए जिला चिकित्सालय का दो बार निरिक्षण कर चुके
हैं किन्तु व्यवस्था जस की तस बनी हुई हैं। शव वाहन न मिलने से लोगो को अपने निजी
वाहनों से अपने गंतव्य तक ले जाना पड़ता हैं। यह कोई पहला मामला नहीं हैं। इसके पूर्व
भी शव ले जाने के लिए परिजनों को कलेक्टर से सिफारिस करानी पड़ी थी। सिविल सर्जन ने
कहा था कि हमारे पास शव वाहन के लिए तेल नहीं हैं। इसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य अधिकारी अशोक कुमार अवधिया ने हस्ताक्षेप कर सिविल सर्जन की पैरवी करनी
पड़ी और तब कहीं मामला सुलझा। जिला चिकित्सालय में चिकित्सक ड्यूटी के शराब पीने का
विडियो वायरल होने पर आज तक चिकित्सक पर कोई कार्यवाई नहीं हुई। इसी तरह चिकित्सक की
लापरवाही समय पर इलाज न करने से महिला की मृत्यु हो गई जिसके बाद जिला चिकित्सालय
में परिजनों ने कार्यवाई के लिए जमकर हंगामा किया, फिर भी अबतक कुछ नहीं। आज भी ऐसा हुआ।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत जमुडी के घोघराटोला निवासी अमर सिंह
का 17 वर्षीय नाबालिक पुत्र रवि सिंह विगत दो-तीन वर्षों से कक्षा 8 की पढ़ाई करने
बाद गांव में ही इधर-उधर घूमता रहा और गांव के अन्य साथियों के साथ बाहर जाकर काम
की तलाशने को लेकर माता-पिता से अनुमति मांग रहा था, माता-पिता द्वारा बाहर जाने मना कर रहे थे
कि अभी नाबालिक एवं छोटे हो काम करने लायक नहीं हो पढ़ाई लिखाई करो जिससे नाराज पुत्र
मंगलवार की सुबह साथी ललन सिंह के साथ प्रतिदिन की तरह सुबह घूमने-दौड़ने के लिए
जमुड़ी से बैरीबांध के पास कल्छीनाला आकर दिशा मैदान जाने के लिए पहुंचकर दिशा
मैदान जाने बाद रवि ने मित्र ललन से कहा कि मैं फांसी लगाने जा रहा हूं इस बीच ललन
के मना करने व कारण पूछने पर वह कुछ नहीं बोलते हुए तेजी से नाला के दूसरी ओर जाने
लगा जिस पर ललन दौड़कर रवि के घर जाकर रवि की मां को बताया जिस पर नाराज पुत्र की
तलाश में पिता एवं पड़ोस के अन्य लोग अनूपपुर रेल्वे स्टेशन सुबह आए रहे जिसके
नहीं मिलने वह रास्ते में पूछने पर रवि के घर की ओर जाने की बात बताई। मां पुत्र
को खोजने कल्छीनाला के पास गयें तो देखा कि रवि पेड़ की ढगाल में अपनी टी-शर्ट को
ढगाल एवं गर्दन में बांधकर फांसी में लटका मृत स्थिति मे मिला। घटना की जानकारी पिता एवं अन्य को दिए
जाने पर लोग इकट्ठा हुए इसके बाद कोतवाली थाना अनूपपुर में घटना की सूचना दी। सूचना
पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा मां,पिता,ललन सिंह आदि
के बयान दर्ज कर कार्यवाही प्रारंभ की।
इस दौरान पुलिस द्वारा जिला अस्पताल अनूपपुर चौकी में फोन कर
मृतक के शव को जिला चिकित्सालय अनूपपुर ले जाने हेतु शव वाहन भेजने की बात की जिस
पर शव वाहन का चालक घंटो तक तेल नहीं है,गाड़ी ठीक नहीं है जैसे अनेकों बहाना करता रहा पुलिस एवं
ग्रामीणों ने मृतक के शव को अनूपपुर-अमरकंटक मुख्य मार्ग के मध्य बैरीबांध के उप
स्वास्थ्य केंद्र के पास लाकर शव वाहन का इंतजार करते रहे शव वाहन के न आने पर
गांव एवं निकलने वाले आटो व अन्य वाहनो से अनूपपुर जिला अस्पताल तक मृतक के शव ले
जाने का आग्रह किया गया इस बीच कोई वाहन चालक तैयार न होने पर परिजनों एवं
ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत जमुडी के सरपंच प्रतिनिधि संतोष सिंह उईके को जानकारी
देते हुए शव वाहन या अन्य वाहन ला जाने की बात कहने पर संतोष सिंह द्वारा अनूपपुर
कलेक्टर आशीष वशिष्ठ से फोन पर चर्चा कर स्थिति से उन्हें अवगत कराते हुए शव वाहन
हेतु निर्देशित करने का आग्रह किया जिसके एट घंटे बाद कलेक्टर अनूपपुर की
हस्ताक्षेप पर शव वाहन पहुंच सका जिला अस्पताल अनूपपुर का शव वाहन को लेकर आए दिन
मृतकों के परिजन एवं सबसे ज्यादा पुलिस परेशान रहती है जिससे कभी भी अशांति की
स्थिति उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है दो घंटे बाद शव वाहन आने पर मृतक के
शव को जिला अस्पताल अनूपपुर भेजकर पुलिस ने पी,एम,कराने बाद
अंतिम संस्कार हेतु परिजनों को सौंप कर जांच प्रारंभ की, पुलिस कार्यवाही के बाद से दो घंटे से अधिक
समय तक पुलिस,मृतक के परिजन
ग्रामीण जन सिर्फ शव वाहन का इंतजार करते रहें।
जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन ने कहां कि हमे जानकारी मिली तो
तत्काल शव वाहन भेजा गया।
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