5 राज्यों के 82 जनजातीय कलाकारों ने दी प्रस्तुतियां
अनूपपुर/अमरकंटक। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज एवं जिला प्रशासन अनूपपुर के सहयोग से मां नर्मदा उद्गम स्थली/ पवित्र नगरी अमरकंटक में तीन दिवसीय 29 सितंबर से 01 अक्तूबर रात तक विभिन्न राज्यों की जनजातीय लोक कलाओं की मनमोहक प्रस्तुति रामघाट में 5 राज्यों के 82 जनजातीय कलाकारों का तीन दिवसीय प्रस्तुतियां दी। जिसमें जनजातीय लोक कलाकारों ने लोक संस्कृति, लोक गायन एवं कला से रूबरू कराया। केंद्र के निदेशक प्रोफेसर सुरेश शर्मा ने जिस परिकल्पना के साथ इस कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसमे अनेक स्वरूपों जैसे गायन, नाटक, नृत्यों इत्यादि के माध्यम से एक क्षेत्र के लोगों को दूसरे प्रदेश की विलुप्त होती सांस्कृतिक परंपराओं को सांस्कृतिक उत्सवों के माध्यम से पहचान कराया, ताकि लोग न केवल अपनी सांस्कृतिक विरासत को पहचान सकें बल्कि इससे जुड़े रहें, वह पूरी होती हुई नजर आई।
उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय आयोजन के दौरान
बारिश के बाद भी पंडाल में दर्शकों की भीड़ बनी रही जो इस बात की प्रतीक हैं कि लोग
दूसरे प्रदेशों की संस्कृतियों को जानने और समझने के लिए इच्छुक हैं। जनजातीय
उत्सव के अंतिम दिन पीलीभीत उत्तर प्रदेश के रजनेस सिंह और उनके साथी कलाकारों के
द्वारा भजन गायन व होरी नृत्य की प्रस्तुति दी। साथ ही छत्तीसगढ़ के बेमेतरा की प्रेमशिला
वर्मा के दल द्वारा प्रसिद्ध पंडवानी गायन के माध्यम से कलाकारों ने द्रौपदी का
चीरहरण की प्रस्तुति दी।
मध्यप्रदेश के धार जिले के गोविंद
गहलोत और उनके साथियों द्वारा भगोरिया लोकनृत्य, उत्तराखंड के
देहरादून की उर्मिला राणा ने साथीयों ने
जौनसारी लोक नृत्य की प्रस्तुति और भासू महाराज को खुश करने के भाव से नृत्य किया।
बैतूल जिले के अर्जुन बाघमारे के साथ साथियों द्वारा थाटिया की प्रस्तुति दी। राजस्थान
शिरोही के मावाराम व साथियों ने गरासिया लोकनृत्य एवं रजनेश सिंह ने थारू जनजाति
के कलाकारों द्वारा झींझी नृत्य की प्रस्तुति दी गई।
श्रवण उपाध्याय
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