अंतिम संस्कार से पहले हुआ खुलासा करवाया पोस्टमार्डम, परिजन बोले- सिर का ऑपरेशन हुआ तो पेट में चीरा क्यों
अनूपपुर। इलाज के नाम पर निजी चिकित्सालयों में मानव अंग निकलने का खेल चल रहा हैं। मामला अनूपपुर के 23 वर्षीय युवक की किडनी निकालने का आरोप जबलपुर के कटनी रोड पर संस्कारधानी हास्पिटल शंकर नगर पर परिजनों ने लगाया हैं। युवक के परिजनों का कहना है कि जबलपुर के निजी चिकित्सालय में युवक की किडनी निकाली गई। इसके बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार से पहले युवक का पोस्टमार्डम कराया। जिसमें खुलासा हुआ है कि सिर की हड्डी निकालकर पेट में रखी थी। मौके पर पहुचे पूर्व विधायक एवं वर्तमान कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त रामलाल रौतेल ने प्रशासन से कार्यवाई की बात कहीं हैं।
जानकारी के अनुसार 46 वर्षीय दयाराम पुत्र स्व. शिवप्रसाद सिंह गोड निवासी
चचाई बस्ती अनूपपुर ने जबलपुर के एक निजी चिकित्सालय पर आरोप लगाते हुए चचाई थाने
में लिखित शिकायत में बताया कि मेरा लड़का महेंद्र सिंह 13 जुलाई की 10 बजे घर से रेत खदान में ड्यूटी करने के लिए जा
रहा था। तभी चचाई बस्ती के पास बाइक के सामने एक गाय अचानक आने से उसका एक्सीडेंट
हो गया। जिससे सिर में चोट लगी गंभीर स्थिति में जिला चिकित्सालय अनूपपुर लाया
गया। जहां डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज शहडोल रेफर किया। शहडोल में 14 जुलाई को उपचार दौरान जबलपुर मेडिकल कॉलेज के
लिए रेफर किया गया।
दयाराम ने बताया कि जबलपुर पहुंचने पर एडमिट
नहीं किया गया। वहीं आदर्श नाम के व्यक्ति ने संस्कारधानी हास्पिटल शंकर नगर कटनी
रोड जबलपुर ले जाने की सलाह दी। और चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती कराया डॉक्टरों
ने मरीज के सिर का आपरेशन 15
जुलाई को किया था। 16 और 17 जुलाई को महेंद्र अस्पताल में ही भर्ती था। 18 जुलाई को रात 11.45 बजे डॉक्टरों ने कहा कि इसे घर ले जाओ। मैंने
महेंद्र को देखा तो उसकी मृत्यु हो गई थी। सांस नहीं चल रही थी। हाथ पैर ठंडे हो
गए थे। फिर हम उसे निजी एम्बुलेंस से घर ले आए। अंतिम संस्कार करने के लिए सोन नदी
में ले गए। जहां कपड़े उतारकर देखा तो पेट में चीरा जैसा लगा था। मुझे शंका है कि महेंद्र
के साथ डॉक्टरों ने मौत के संबंध में लापरवाही की है। परिजनों ने रिपोर्ट कर
पोस्टमार्टम कराकर कार्रवाई की मांग की हैं।
भाई ने लगाए गंभीर आरोप
मृतक महेंद्र के भाई हीरा सिंह गौड़ ने
आरोप लगाया लगाते हुए बताया कि अस्पताल प्रबंधक ने पहले उससे 55 हजार रुपए जमा कराएं। इसके बाद उसके ऑपरेशन के
लिए कहा,
लेकिन भाई से मिलने नहीं दिया। सिर में
चोट की वजह से हॉस्पिटल ने लगभग 3.50
लाख एस्टीमेट बनाकर हमें दिया। हॉस्पिटल ने कहा कि भाई के इलाज में इतने खर्चे
होंगे। जिससे मृतक महेंद्र के परिजन गरीब होने की वजह से उन्होंने पूर्व विधायक
एवं वर्तमान कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त रामलाल रौतेल से गुहार लगाई। जहां
रामलाल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिख अनुरोध किया कि महेंद्र
सिंह पिता दयाराम सिंह निवासी चचाई बस्ती मेडियारास अनूपपुर मध्यप्रदेश इनका उपचार
जबलपुर स्थित इस चिकित्सालय संस्कारधानी हास्पिटल शंकर नगर प्रईवेट लिमिटेड के चिकित्सक डॉक्टर अमितेष दुबे ने
किया है। व्याक्ति सड़क दुर्घटना में घायल हुआ है। सिर का आपरेशन होना है। ऑपरेशन
की लागत लगभग तीन लाख पचास हजार रुपए राशि का व्यय होना संभावित है। आर्थिक स्थिति
अच्छी न होने करण यह राशि अस्पताल में जमा नहीं कर पा रहे है। उन्होंने स्वेच्छा
अनुदान से राशि स्वीकृत कराने की मुख्यमंत्री से निवेदन किया। परिजनों ने बताया कि
निजी चिकित्सालय प्रबंधक ने उसी रात महेंद्र को मृत घोषित कर दिया। परिजनों से
बकाया रुपए भी नहीं लिए। आनन-फानन में उसे घर भिजवाया। वंही निजी चिकित्सालय ने
परिजनों से फोन-पे के माध्यम से भी पैसे लिए थे।
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