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गुरुवार, 6 जुलाई 2023

वेतन वृद्धि और 25 आशाओं की सेवा बहाली की मांग को ले आशा, ऊषा, आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन



अनूपपुर। वेतन वृद्धि और 25 आशाओं की सेवा बहाली की मांग को लेकर आशा, ऊषा, आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा ने 6 जुलाई गुरूवार को मुख्यमंत्री के नाम संयुक्‍त कलेक्‍टर अजय तिर्की को ज्ञापन सौंपा हैं।

उन्होंने ज्ञापन में बताया कि पिछले 17-18 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में काम कर रही हजारों आशा कार्यकर्ता केंद्र की ओर से दिए जा रहे अल्प वेतन में काम कर रही हैं। आशा को 10 हजार रुपए व पर्यवेक्षकों को 15 हजार रुपए वेतन दिए जाने की मांग को लेकर विगत कुछ वर्षों से आशाओं का आंदोलन जारी है। वर्ष 2018 में आंगनबाड़ी कर्मियों का मानदेय 5,000 से 10,000 किया गया, लेकिन सरकार की ओर से आशा ऊषा व पर्यवेक्षकों की उपेक्षा उस समय भी जारी रही। सरकार की इस उपेक्षा का परिणाम प्रदेश की आशा ऊषा पर्यवेक्षक आज भी भुगत रही है। जबकि महंगाई की मार महिलाएं भी बराबर झेल रही थी। दूसरी तरफ आशा, ऊषा, पर्यवेक्षकों पर काम का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। इस के बीच आशाओं ने किसी तरह अपने आप को और परिवार को जिंदा रखा हैं। सरकार की ओर से न्यायपूर्ण वेतन वृद्धि के सम्बन्ध में अभी तक कोई निर्णय न देते हुए आशाओं की अनदेखी किए जाने से प्रदेश की आशा, ऊषा व पर्यवेक्षकों में व्यापक असंतोष व आक्रोश व्याप्त है। प्रदेश सरकार की ओर से 17 जून 2023 को प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाकर 13,000 रुपए किया गया है। जबकि यह राशि वर्ष 2015 में केन्द्र सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए से बेहद कम है। इसके बावजूद आज प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय देश में सबसे अधिक वाले तीन या चार में हैं।



प्रमुख मांगों में

मिशन संचालक, एनएचएम मध्य प्रदेश की ओर से 24 जून 2021 को दिए अनुशंसा को लागू कर आशा को 10 हजार रुपए व पर्यवेक्षकों को 15 हजार रुपए निश्चित वेतन तुरंत लागू करने, न्यायपूर्ण वेतन की मांग को लेकर किये गये प्रदर्शन के आरोप लगा कर सीएमएचओ ग्वालियर द्वारा अनुचित तरीके से सेवा समाप्त किये गये सभी 25 आशाओं को तुरन्त सेवा में बहाल करने, कर्मचारी के रूप में नियमित करने, तब तक न्यूनतम वेतन दिया जाए। न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए निर्धारित किया जाए। भविष्य निधि, ईएसआई, ग्रेच्युटी, पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ देने, आशा व पर्यवेक्षकों को वेतन सहित राज्य शासन की ओर से घोषित सार्वजनिक अवकाश, 20 आकस्मिक अवकाश दिया जाए व मेडिकल लीव का ठोस नियम बनाने, आशा, पर्यवेक्षको को वेतन सहित रविवार को साप्ताहिक अवकाश, आशा व पर्यवेक्षकों को शासन के कुशल श्रेणी के न्यूनतम वेतन की दर पर 6 माह का मातृत्व अवकाश व अन्य सुविधायें दिये जाने एवं पर्यवेक्षको की सभी रिक्त 100 प्रतिशत पद पर आशाओं की पदोन्नति के माध्य से नियुक्ति देने की मांग की हैं।

 

  

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