अनूपपुर। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश
पवन शंखवार राजेन्द्रग्राम की न्यायालय ने थाना करनपठार के अपराध की धारा 302, 201 भादवि के आरोपी 34 वर्षीय चतुरा उर्फ कोमल
नायक पुत्र चम्मू नायक निवासी चरकूमर को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं
2000 रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 201 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000
रूपये अर्थदण्ड सभी धाराओं को मिलाकर आजीवन कारावास एवं 3000 रूपये अर्थदण्ड के
दण्ड की सजा सुनाई हैं। पैरवी अपर लोक अभियोजक/सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी
नारेन्द्रदास महरा ने की।
अपर लोक अभियोजक ने बताया कि ग्राम
करपा निवासी हीरा नायक ने 05 अक्टूिबर 2017 को थाना करनपठार में सूचना दी कि उसकी
छोटी बहन खेमीबाई, जिसकी शादी 7-8 वर्ष पूर्व चरकूमर
निवासी चतुरा नायक के साथ हुई थी। उसे सुबह पता चला कि खेमीबाई खत्म हो गयी है, तब वह अपने परिवारजनों के साथ चरकूमर गया तो
देखा कि खेमीबाई अपने कमरे में मृत अवस्था में पड़ी थी। गांव वालों और परिवारजनों
के साथ जब खेमीबाई के शव को अंतिम संस्कार हेतु श्मशान घाट ले गये, तब जलाने से पूर्व मृतिका के मायके पक्ष के लोग
देखा तो मृतिका खेमीबाई के गले में नाखून के निशान, होठ में चोट के निशान व गर्दन में नाखून के
निशान दिख रहे थे। सूचना पर थाना करनपठार में मर्ग कायम कर धारा 174 दं0प्र0सं0
दर्ज किया गया। मर्ग जांच के दौरान पुलिस ने मृतिका खेमीबाई के अंतिम संस्कार को
रोका दिया और पंचों की उपस्थिति में तहसीलदार से शव पंचायतनामा की कार्यवाही की
गई। जांचकर्ता अधिकारी व पंचों ने मृतिका के मृत्यु गला दबाने से होना व मृत्यु का
सही कारण जानने के लिये पोस्टमार्डम की सलाह दी। जांच कथन के दौरान साक्षीयों ने
मृतिका के पति द्वारा मारपीट कर प्रताड़ित कर उसकी हत्या करने का संदेह जाहिर किया।
पोस्टमार्डम रिपोर्ट में मृतिका की मृत्यु गला घोटकर हत्या करना बताया गया, जिस पर संदेही चतुरा उर्फ कोमल नायक को
अभिरक्षा में लेकर उससे पूछताछ करने पर लकड़ी से मारपीट कर उसका गला दबाकर हत्या
करना बताया और उक्त लकड़ी को घर में छिपाकर रखना बताया, जिसके आधार पर मेमोरेण्डम कथन लेखबद्व कर
आरोपित के विरूद्व अपराध प्रमाणित पाये जाने पर न्यायालय ने सजा सुनाई।
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