डाकपाल रहते ग्राहकों के 35 हजार से अधिक राशियों को
खाते में जमा नहीं कर स्वयं उपयोग कर लिया
अनूपपुर। बिजुरी थाना
क्षेत्र के मलगा में डाकपाल प्रभारी रहते हुए बचत खाता की 35 हजार की राशियों को षड्यंत्र
पूर्वक निकासी कर स्वयं के उपयोग में दोषी पाए जाने पर अपर सत्र न्यायालय कोतमा न्यायाधीश
एके सोंदिया ने प्रकरण में दोषी डाकपाल 41 वर्षीय लोहारी थाना मरवाही छत्तीसगढ़ निवासी भारतलाल परस्ते
को आजीवन कारावास तथा 5 सौ रूपए का अर्थदंड सुनाया है। प्रकरण की पैरवी शासन की ओर
से एजीपी गणेश अग्रवाल द्वारा की गई थी। लोक अभियोजक के अनुसार मलगा शाखा में डाकपाल
प्रभारी रहते भारतलाल परस्तेने 27 मार्च से 30 मार्च 2006 के दौरान बचत खाता की राशि 35 हजार 250 रूपए को षड्यंत्र पूर्वक अपने उपयोग में किया था। अमानत राशियों
के दुरूपयोग मामले में की शिकायत संभाग डाक प्रभारी शहडोल आरके रजक ने पुलिस अधीक्षक
से किया था। शिकायत की जांच विवेचना थाना बिजुरी पुलिस ने करते हुए पाया कि भारतलाल परस्ते द्वारा खातेदारो के खाता में जमा रकम की
पावती लगाकर दे दी गई थी। लेकिन राशि को शासकीय खजाने में जमा नहीं कराया था। इसे धोखाधडी
पूर्वक राशि आहरित करने पर धारा 409 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को न्यायालय में प्रस्तुत
किया गया। जिसमें अपर सत्र न्यायाधीश ने उभय पक्षो के तर्क सुनने व प्रकरण अवलोकन उपरांत
एजीपी की तर्को पर सहमति रखते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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