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शुक्रवार, 15 मार्च 2019

झमाझम बारिश के साथ ओलो ने बरसाई अरफत,शहर हुआ पानी-पानी




दो दिनों से लगातार बारिश से दलहनी फसलों और सब्जियों को भारी नुकसान
अनूपपुर शुक्रवार का दिन जिले के लिए आफत भरा रहा। अनूपपुर समेत जिले के कोतमा, जैतहरी और पुष्पराजगढ़ विकासखंड के अधिकांश हिस्सों में दोपहर तेज गरज के साथ मूसलाधार बारिश और 8-10 मिनट तक जोरदार ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि इतनी संघनित थी कि पूरी धरती चंद मिनटों में ही सफेद चादरों में तब्दील हो गई। राजस्थान के उपर बने प्रेरित चक्रवात में बदले मौसम के मिजाज का असर यह रहा कि लगभग पौने घंटे की झमाझम बारिश की बौछार में खेत-खलिहानों में पानी भर आया, सड़कें नालों में तब्दील हो गई। आंवला आकार के गिरे ओलों से अनुमान है कि सब्जी और खेतों में तैयार रबी की फसलों को भारी नुकसान होगा। इस दौरान तेज हवाओं में कई स्थानों पर घरों के छप्पर उड़ गए तथा पेड़ जड़ सहित धराशायी हो गई। यहीं नहीं बारिश के दौरान जैतहरी में आकाशीय बिजली की चेपट में आने से एक अधेड़ की मौत भी हो गई। हालांकि दो दिनों से लगातार बारिश के कारण अब मौसम में ठंडक बन आई और जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कृषि विभाग का मानना है कि आंवला आकार के गिरे ओलावृष्टि में सर्वाधिक चार मुख्य फसलों चना, सरसो, महुआ और आम के साथ मौसमी सब्जियों को नुकसान है। इसके अलावा दलहनी फसलों में मटर, मसूर, अरहर जो तैयार होकर कटाई में लगी है इसके भी नुकसान होगा। हालांकि कृषि विभाग ने माना है कि कल और आज हुई ओलावृष्टि के साथ मूसलाधार बारिश से जिले के समस्त रबी फसलों को नुकसान है और अभी बारिश की सम्भावना बनी हुई है। दूसरी ओर किसानों का कहना है कि जिले में लगभग 80 प्रतिशत से अधिक किसान असिंचित रकबे पर रबी फसल की बुवाई करते हैं। असिंचित रकबे में बोई गई फसलों को भारी नुकसान है, क्योंकि इनकी बुवाई दीपावली के आसपास हो जाती है और मार्च माह होली के समय इनकी कटाई होती है। जिसके कारण अब ओला या बारिश होने पर इनके दाने चोटिल होकर झड़ जाते हैं। जबकि पानी से दानों की चमक भी फीकी हो जाती है और भंडारित अनाज जल्द खराब हो जाते हैं। वहीं असिंचित फसल फसलों की बुवाई नम्बर दिसम्बर से लेकर जनवरी के प्रथम सप्ताह तक की जाती है। ये फसलें अप्रैल माह तक तैयार होती है। जिसमें इनको अधिक नुकसान की सम्भावना कम होती है। विदित हो कि जिले वर्ष 2018-19 के लिए अनूपपुर जिले में रबी फसल 74 हजार 400 हेक्टेयर भूमि में लक्षित की गई है। जिसमें गेहूं 20.50 हजार हेक्टेयर, जौ एवं अन्य अनाज 0.07 हेक्टेयर, चना 18.30 हजार हेक्टेयर, मटर 2.60 हजार हेक्टेयर, मसूर 16.60 हजार हेक्टेयर, अन्य दलहन 0.22 हजार हेक्टेयर, सरसो 7.40 हजार हेक्टेयर, अलसी 8.70 हजार हेक्टेयर सहित गन्ना 0.01 हजार हेक्टेयर पर बुवाई की गई है। 
सड़कें बनी तलाब, तेज हवाओं में पेड़ हुए धराशायी
पिछले दो दिनों से जोरदार बारिश की बौछार में अनूपपुर सहित जिले की समस्त नगरीय क्षेत्रों की सड़कें तलाब के रूप में नजर आने लगी है। अनूपपुर जिला मुख्यालय स्थित अनूपपुर-जैतहरी मुख्य मार्ग की निर्माणाधीन दो किलोमीटर लम्बी सड़क 70 फीट चौड़ी नालें में तब्दील नजर आई। इसके अलावा सब्जी मंडी पानी से भर गया। वहीं अन्य वार्डो में पानी निकासी के अभाव में जगह जगह पानी भर गया। यही हालात कोतमा, बिजुरी, पसान, भालूमाड़ा जैतहरी में बनी नजर आई। जबकि भालूमाड़ा के वार्ड ११ में मकान पर इमली का विशाल पेड़ गिर गया। बिजुरी में भी अधिकांश स्थानों पर पेड़ जड़ से जमीन पर धराशायी हो गई। राजनगर में भी सड़क किनारे खड़ी लिप्टस पेड़ तेज हवाओं में जड़ से उखड़कर जमीन पर जा गिरी।


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