एक सप्ताह की विशेष कार्यशाला सांख्यिकी
पर इंगांराजवि में प्रारंभ
अनूपपुर। शोधार्थियों को सांख्यिकी
के विभिन्न आयाम समझाने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय
अमरकटंक के सांख्यिकी विभाग के तत्वावधान में एक सप्ताह की विशेष कार्यशाला सोमवार
से प्रारंभ हुई। इसमें विशेषज्ञों ने शोधार्थियों से कहा कि वे अपने शोध में सांख्यिकी
के विभिन्न सूत्रों का प्रयोग कर उसे समाज के लिए और अधिक उपयोगी बना सकते हैं। विभागाध्यक्ष
प्रो.दिलीप कुमार डे का कहना था कि सांख्यिकी के सिद्घांतों को समझकर शोधार्थी अपने
शोध से उपयोगी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शोध के लिए आवश्यक
प्रतिदर्श और इसकी संख्या निर्धारित करना किसी भी शोध का अहम भाग होता है। इसी दिशा
में कार्यशाला आयोजित कर शोधार्थियों की मदद करने का प्रयास किया जा रहा है जिससे वे
सांख्यिकी के सिद्घांतों का सही उपयोग कर सके। कार्यशाला समन्वयक डॉ. संजीव बख्शी ने
बताया कि कार्यशाला में प्रतिदर्श एकत्रित करना, इसका विश्लेषण और ओपन सोर्स के प्रयोग
पर विशेष जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि शोधार्थी सांख्यिकी के सिद्घांतों और
टूल का सही प्रयोग करना सीखे ले तो इससे वे करियर के कई अन्य अवसरों के लिए भी स्वयं
को तैयार कर सकते हैं। डीन (विज्ञान) प्रो. भूमिनाथ त्रिपाठी ने वैज्ञानिक शोध में
सांख्यिकी को बहुत उपयोगी बताते हुए कहा कि विभिन्न सिद्घांतों का प्रयोग करके शोधार्थी
विभिन्न प्रकार के परिणाम जान सकते हैं जो उनके शोध में उपयोगी होगा। डीन (अर्थ साइंस)
प्रो.ए.के.शुक्ला का कहना था कि आंकड़ों का सही विश्लेषण और इसमें सांख्यिकी के उपयोगी
सिद्घांतों का प्रयोग ही शोधार्थी के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। प्रो. नवीन कुमार
का कहना था कि सूचना युग में सूचनाओं का सही विश्लेषण ही शोधार्थी को आगे बनाए रख सकता
है। उन्होंने शोधार्थियों से विभिन्न प्रकार के आंकड़ों को एकत्रित कर उनसे उपयोगी
सूचनाएं प्राप्त करने का भी आह्वान किया।
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