शहर की सड़के बनी तलाब,बे परवाह रहें अधिकारी
अनूपपुर। एक किलोमीटर
की सड़क को बनाने के लिये ठेकेदार ने कई अडग़े लगाये इसके बाद जिला योजना समिति की बैठक
में 3 करोड़ रू. दिया गया तब ठेकेदार
ने अधूरे सड़क का काम घीमे गति से चालू किया। जिससे थोड़ी सी बरसात होने पर जाम की
स्थिति बन जाती है। वही शहर में बिजली की कमी से होने वाली परेशानियों से वर्तमान प्रशासनिक
अधिकारियों को परहेज है। यहां तक कार्यालयीन कार्य के उपरांत कभी भी प्रशासनिक अधिकारियों
ने शहर की व्यवस्थाओं का जायजा लेने सरजमीं पर नहीं उतरते। जिसके कारण पिछले सालभर
से दलदल में तब्दील अनूपपुर-जैतहरी मुख्य मार्ग के कार्य पूर्ण कराने कोई ठोस पहल नहीं
की। जबकि प्रत्येक बारिश के उपरांत लग रहे जाम से बचाने भारी वाहनों के प्रवेश बंद
कराने कार्रवाई नहीं की। पिछले चार दिनों से
अनूपपुर जिले में लगातार आंधी और बारिश के बन रहे माहौल में रविवार की रात अनूपपुर
नगरवासियों के लिए काली स्याह रात साबित हुई। जहां एक रूक रूक कर हो रही बारिश से अनूपपुर
शहर की सड़कें तालाबों में तब्दील हो रही थी और अनूपपुर जैतहरी मार्ग कीचड़ के कारण
भारी वाहनों की जाम में अटा पड़ा था। वहीं अनूपपुर उपकेन्द्र से बहाल होने वाली बिजली
के अघोषित 9 घंटे
की कटौती में पूरा अनूपपुर नगर सहित आसपास के 54 गांव अंधेरे की आगोश में सिमटा रहा। दिन के समय हर दो मिनट
पर बार बार ट्रिप की समस्या बनती रही तो रविवार की शाम 7 बजे से सुबह सोमवार 4 बजे तक ब्लैक आउट रही। बिजली में
बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारियों का मोबाइल कोई जवाब नहीं दे रहा था। रातभर पानी
और अंधेरे में नगरवासी हालाकान रहे, तो दूसरी ओर जिला प्रशासन सहित वरिष्ठ अधिकारी चैन की
नींद सो रहे थे। प्रशासनिक अधिकारियों का आवासीय परिसर बिजली की रोशनी में जगमगा रहा
था। नगरवासियों ने बिजली की बार बार कटौती और शाम 7 बजे से दरमियानी रात तक गुल रही बिजली पर अधिकारियों को सूचना
देकर सुधार की मांग की। लेकिन इस दौरान किसी प्रशासनिक अधिकारी ने शहर का जायजा लेना
उचित नहीं समझा, और ना ही बिजली विभाग के अधिकारियों से कोई जानकारी ली। जिसके कारण अनूपपुर में
बिजली की अघोषित कटौती से रोष का माहौल बना हुआ है। नगरवासियों का कहना है कि जिले
में फीडर सेपरेशन की कमी का दंश पिछले 8 सालों से अनूपपुर नगरवासी झेल रहे है। साल के बारहो मास हल्की
हवाओं में पत्तों की खडख़ड़ाहट से अनूपपुर उपकेन्द्र की बिजली आपूर्ति शटडाउन हो जाती
है। इससे सबसे अधिक परेशानी बारिश के दौरान बनती है। लेकिन जिला मुख्यालय के अधिकारियों
की नाराजगी और अपनी नाकामियों को छिपाने बिजली विभाग ने उपकेन्द्र से अलग फीडर चालू
कर प्रशासनिक आवासीय कॉलोनियों तक पहुंचा दिया है। जिसमें बारिश और तूफान के दौरान
भी अधिकारियों के आवास बिजली की रोशनी में रोशन रहते हैं। लेकिन हर बार लम्बे अंतरात
की ब्लैक आउट के बाद शहर और ग्रामीण अंचलों की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाती है। जिसमें
आजतक कभी किसी प्रशासनिक अधिकारियों ने लम्बे समय तक गुल होने वाली बिजली आपूर्ति के
सम्बंध में न तो विभागीय अधिकारियों से पूछताछ की और ना ही इस समस्या के निदान के लिए
कोई रणनीति बनाई। विभागीय सूत्रों का कहना है कि बिजली विभाग द्वारा वर्तमान में फीडर
सेपरेशन जैसी व्यवस्था बनाई जा रही है। जिसमें शहर की बिजली आपूर्ति को निर्बाध जारी
रखने ग्रामीण क्षेत्रों को अलग अलग स्थानों पर सुधार कार्य कराए जा रहे हैं। वहीं उनका
कहना है कि विभाग में कर्मचारियों की तादाद कम होने के कारण समय पर सुधार नहीं हो पाता।
इसके अलावा बारिश के दौरान सुरक्षा के उपकरण नहीं होने के कारण कर्मचारी सुधार नहीं
कर पाते। विदित हो कि वर्तमान में अनूपपुर उपकेन्द्र से अनूपपुर नगरपालिका के साथ साथ
आसपास के 54 गांवों
की विद्युत आपूर्ति एक ही फीडर से आपूर्ति कराई जाती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें