प्रशासन कर रहा अधिक मतदान की अपील
अनूपपुर। शहडोल संसदीय क्षेत्र का
मतदान 29 अप्रैल को संपन्न होना है चुनाव प्रचार को अब लगभग 4 दिन ही शेष है। गर्मी
अपने पूरे सवाब पर है मतदाता मौन है। वही शहर प्रचार-प्रसार नही दिखाई दे रहा है। अभी
के प्रचार-प्रसार में भाजपा आगे दिखाई दे रही है, कांग्रेस का प्रचार-प्रसार में पीछे
दिख रही है। प्रशासन मतदान की अपील गांव-गांव, गली-गली व शहर-शहर विभिन्न तरीकों
से कर रहा है की सर्वाधिक मतदान संसदीय क्षेत्र में हो। मैदान में 13 उम्मीदवार अपनी
किस्मत आजमा रहे हैं जिसमें सर्वाधिक उम्मीदवार अनूपपुर जिले से है। अनूपपुर जिले से6
, शहडोल,
उमरिया जिले से 3-3
एवं कटनी जिले से मात्र 1 उम्मीदवार है। वहीं अनूपपुर जिले में एक ही स्थान जिसका नाम
खमरौघ है वहां से सर्वाधिक चार उम्मीदवार चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। जिसमें भारतीय शक्ति चेतना पार्टी एवं 3 निर्दलीय उम्मीदवार
है। ऐसा लग रहा है कि यहां के लोग सर्वाधिक जागरूक हैं अपने क्षेत्र के सर्वांगीण विकास
के लिए। पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत एक अपेक्षित ग्राम ही कहां जा सकता है जिससे
यहां के लोग दिल्ली पहुंचने के लिए आतुर नजर आ रहे हैं। शहडोल संसदीय क्षेत्र में 16
लाख 46 हजार 190 मतदाता मताधिकार का उपयोग करेंगे। जिसमें थर्ड जेण्डर के 22 मतदाता
एवं पुरुष मतदाता की संख्या 849436 एवं महिला मतदाता की संख्या 802732 है। संसदीय क्षेत्र
में सर्वाधिक मतदाता जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र में वही सबसे कम मतदाता कोतमा विधानसभा
क्षेत्र में है। संसदीय के चार जिलों के आठ विधानसभा क्षेत्र समाहित है जिसमें 84 जयसिंहनगर, 85 जैतपुर, 86 कोतमा, 87 अनूपपुर, 88 पुष्पराजगढ, 89 बांधवगढ, 90 मानपुर, 91 बडवारा, शामिल है। इस बार चुनाव में
जहां राष्ट्रीय पार्टियों में भाजपा कांग्रेस के साथ ही कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया,
बहुजन समाज पार्टी,भारतीय शक्ति चेतना पार्टी,
छत्तीसगढ विकास गंगा
राष्ट्रीय पार्टी,पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ ही
पांच निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत अजमा रहे है। चुनाव प्रचार अपने
अंतिम चरण में पहुंचने ही वाला है लेकिन शहरी एवं ग्रामीण अंचलों में प्रचार प्रसार
राम भरोसे चल रहा है। लोगों को पता है कि 29 अप्रैल को मतदान करना है उस दिन काम पर
नहीं जाना है शासन ने अवकाश घोषित कर दिया है लेकिन चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार हर जगह
पहुंच पाए यह संभव नजर नहीं आ रहा। कार्यकर्ताओं के भरोसे चुनावी समीकरण सभी पार्टिया
करा रही है कहीं कार्यकर्ता सक्रिय दिख रहे हैं तो कहीं कार्यकर्ता नाराज नजर चल रहे
हैं। यह किसी एक पार्टी की बात नहीं सभी पार्टियों में ऐसा ही कुछ चल रहा है। आज तक
किसी भी पार्टी प्रत्याशी ने अलग-अलग जिलों में पत्रकार वार्ता करना उचित नहीं समझा
अपनी योजनाओं को जग जाहिर नहीं किया अब मतदाता अपने मन से अपने दिल की आवाज को सुनकर
मतदान करने के मूड में है। वैसे निर्वाचन आयोग के जो रिकॉर्ड है चुनाव जीतने के उसमें
देखा जा रहा है की दिल्ली की संसद में भाजपा ने सर्वाधिक रिकॉर्ड कायम किया है शहडोल
संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार सुबह से देर रात भूखे प्यासे दौरा करने
में व्यस्त हैं गर्मी का शबाब उन पर नजर नहीं आ रहा। अब मतदान का प्रतिशत ही अवगत कराएगा
कि विजय श्री का खिताब किस ओर जा रहा है। अभी से कुछ कहना न्याय संगत ना होगा। जबसे
निर्वाचन आयोग ने कानून को मजबूत कर दिया पेड न्यूज का मामला सामने आ गया जब से प्रचार-प्रसार
का नजराना भी बंद हो गया। चुनाव का बिगुल तो बज चुका है लेकिन चुनाव का शोरगुल पूरी
तरह से शांत है पहले जिस तरह चीख-पुकार होती थी लोगों के कान पक जाते थे अब कान में
सुनाई नहीं देता कि कौन सा प्रत्याशी चुनाव के मैदान में हमारा दुख दर्द दिल्ली तक
पहुंचाएगा। किसी तरह 29 अप्रैल
को चुनाव तो संपन्न हो जाएंगे फिर लोगों को बेसब्री से 23 मई का इंतजार रहेगा जब तक
तरह-तरह की चर्चाएं होटलों में पान दुकान में,चाय ठेलों में, सैलून की दुकान में एवं नेताओं
की महफिल में सुनाई देगी। सभी अपनी अपनी जीत का दावा करेंगे लेकिन 23 मई का दिन होगा जब किसी
एक पक्ष का दावा सही साबित होगा। अब 4 दिन में राजनीतिक दल क्या भूचाल ला रहे हैं। शहडोल संसदीय क्षेत्र
का यह चुनाव इस बार अन्य वर्षो की अपेक्षा कुछ ज्यादा रोचक नजर आ रहा जो शायद पूरे
भारत में अपना अलग स्थान रखेगा क्योंकि प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस एवं भाजपा ने दल
बदल कर आने वाले उम्मीदवारों को ही टिकट दिया है जहां प्रमिला सिंह भाजपा से कांग्रेस
में आई है वहीं हिमाद्री सिंह कांग्रेस से भाजपा में गई है।
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