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बुधवार, 10 अप्रैल 2019

पुराने विवाद व झगड़े को लेकर की थी हत्या, तीन आरोपी गिरफ्तार

अनूपपुर अमरकंटक थाना क्षेत्र अंतर्गत बीते 5 माह पहले 9 नवम्बर 2018 को गुमशुदा हुए 28 वर्षीय युवक का शव 7 अप्रैल को बराती नाला के पास जमीन में गड़ा हुआ मिला, जहां शव के सर और हाथ को जानवरो नोंच ले जाया गया था। जिसके बाद शव की शिनाख्त उसके कपड़ो से पुलिस ने भीष्म पितामह उर्फ भीमा पिता चैतू बैगा के रूप में की गई, पुलिस ने पंचनामा तैयार करते हुए शव को पीएम के लिए अस्पताल में भेजते हुए मर्ग कायम कर मामले की विवेचना में जुट गई। विवेचना के दौरान 9 नवम्बर को पुलिस ने बाराती निवासी तीन युवको को संदेह के आधार पर पकड़ते हुए पूछताछ सख्ती के साथ की गई जिस पर तीनो आरोपियों ने पुराने विवाद को लेकर हत्या कर शव गड्ढा खोद दफना देना स्वीकार किया। अमरकंटक थाना प्रभारी आर.बी.सोनी ने बताया कि 15 नवम्बर 2018 को चैतू बैगा पिता पनकू बैगा उम्र 55 वर्ष निवासी हिण्डालको द्वारा थाना पहुंच सूचना देते हुए बताया कि 9 नवम्बर 2018 को उसका पुत्र भीष्म पितामह उर्फ भीमा बैगा लापता की सूचना पर पुलिस ने गुमशुदगी का मामला पंजीबद्ध करते हुए युवक की पड़ताल में जुट गई। जिसके बाद चैतू बैगा ने 7 अप्रैल को बाराती नाला के पास से दुर्गांध आने पर तथा अपने पुत्र की हत्या कर उसे यहां पर गड़ा देने की आशंका पर उसने मोहल्लेवासियों तथा पुलिस को दी गई। सूचना पर अमरकंटक थाना ने एसडीओपी पुष्पराजगढ़ को सूचना देते हुए पत्र के माध्यम से कार्यपालिक दंडाधिकारी को देते हुए उत्खनन की आज्ञा मांगी,जिसके बाद तहसीलदार शशांक शिंदे की उपस्थिति में दुर्गांध आने वाले स्थल पर खोदाई गई, खोदाई के दौरान शव को बाहर निकाला गया, शव पूरी तरह से सड़ गया था तथा सर व हाथ नही थे, जिससे शव की शिनाख्त चैतू बैगा ने शव के कपडो से अपने पुत्र भीष्म पितामह बैगा के रूप में की तथा पुलिस ने पंचनामा तैयार करते हुए शव को पीएम के लिए अस्पताल भेजा गया, जहां पीएम उपरांत शव परिजनो को सौंप दिया गया। सहायक उप निरीक्षक यू.एन.मिश्रा ने बताया कि विवेचना के दौरान मोहल्ले वासियों में पूछताछ पर पता चला की उन्होने हिण्डालको के तीन युवको एवं मृतक की बीच 9 नवम्बर 2018 की रात झगड़ा होना देखा था, जिसके बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर तीन युवक जिनमें सोनू टांडिया पिता कंधई लाल उम्र 21 वर्ष, संतोष पिता मथुरा सिंह मरावी उम्र 27 वर्ष एवं भूवन कुमार उर्फ गणेश पिता भान सिंह मरावी उम्र 22 वर्ष को 9 अप्रैल को मोहल्ले से पकड़ते हुए थाने लाई जो सख्ती के साथ की गई पूछताछ पर उन्होने भीमा बैगा की हत्या कर बाराती नाला के पास गड्ढा खोद कर गाड देना स्वीकार किया। पुलिस ने तीनो आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 201 के तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए तीनो आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हे जेल भेज दिया गया। तीनो आरोपियों ने पूछताछ पर बताया की मृतक आए दिन उनके साथ झगड़ा विवाद करता था जहां पुराने विवाद को लेकर 9 नवम्बर की रात भी विवाद हुआ जहां तीनो आरोपियों ने मिलकर पत्थर, डंडे से मार कर भीमा बैगा को झाडियों में फेंक घर वापस आ गए तथा आधे घंटे बाद पुन: घटना झाडियों के पास पहुंचे जहां भीमा की मौत हो गई जिसके बाद घर से फडुआ व गैती लाकर रात में ही गड्ढा खोद कर जमीन में गाड दिए। वहीं आरोपियों ने बताया की भीमा साहू की हत्या के बाद वे लाश को वैसे ही जमीन में गाड दिए थे उन्हे शव के सर व हाथ के संबंध में कोई जानकारी नही है। वहीं पुलिस ने बताया की संभवत:गड्ढा अधिक नही होने के कारण जंगली जानवरो द्वारा गड्ढा खोद सर व हाथ ले गए। वहीं हत्या का खुलासा करने व आरोपियों को पकडने में थाना प्रभारी आर.बी. सोनी, उप निरीक्षक यू.एन. मिश्रा, ताकेश्वरी मरकाम, सहायक उप निरीक्षक अजय सिंह टेकाम, आरक्षक धीरेन्द्र कोल, मनोज सिंह की भूमिका सराहनीय रही।

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