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रविवार, 19 मार्च 2023

कलेक्टर को गुमराह कर डीपीसी ने अपने चहेते को दिया बीआरसीसी का प्रभार

निर्देशों की अव्हेलना, मामला पुष्पराजगढ़ बीआरसीसी के निलंबन का
अनूपपुर। 6 से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त व संतोषजनक गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने वाला जिला शिक्षा केन्द्र कार्यालय अब तक किये गये भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में है। 15 मार्च को कलेक्टर ने पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय गुड़ाडोंगरी के औचक निरीक्षण पर पहुंचकर अव्यवस्थाओं से रूबरू हुये। जहां बच्चों के पेयजल की व्यवस्था नही होने तथा मॉडलर एजुकेशन किट का वितरण नही किये जाने को लेकर नाराजगी जताते हुये मौके पर ही जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) हेमंत खैरवार तथा बीआरसीसी पुष्पराजगढ़ हर प्रसाद तिवारी को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिये थे। दूसरे ही दिन 16 मार्च को जिला परियोजना समन्वयक हेमंत खैरवार ने बीआरसीसी पुष्पराजगढ़ को निलंबन से बचाने के लिये एैसा आदेश जारी कर दिया, जिसके कारण उन पर फिर से प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है। अपने आदेश में प्रशासनिक व्यवस्था का हवाला देते हुये हर प्रसाद तिवारी को उनके पदीय दायित्वों से तो पृथक कर अपने कार्यालय में संलग्न कर लिया गया। एपीसी को दिया गया बीआरसीसी को प्रभार कलेक्टर की नाराजगी पर जिला परियोजना समन्वयक हेमंत खैरवार ने हर प्रसाद तिवारी से बीआरसीसी पुष्पराजगढ़ का प्रभार तो छीन लिया गया, लेकिन उनके स्थान पर सहायक परियोजना समन्वयक (एपीसी) राजाराम प्रधान को बीआरसीसी पुष्पराजगढ़ का दायित्व सौंप दिया गया। जबकि पूर्व में चार शिक्षको को प्रतिनियुक्ति बीआरसीसी में हो चुकी है। लेकिन उक्त चार शिक्षको की प्रतिनियुक्ति आदेश पर जिला परियोजना समन्वयक ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुये आज दिनांक तक नही किया गया है। कोर्ट के आदेश की स्वयं कर रहे उल्लंघन परीक्षा में चयनित चार शिक्षको को बीआरसीसी का प्रभार देने पर जिला परियोजना समन्वयक ने हाईकोर्ट का हवाला देकर उनकी प्रतिनियुक्ति रोक दी। लेकिन दूसरी ओर भ्रष्टाचार व लापरवाही बरतने वाले बीआरसीसी हर प्रसाद तिवारी को बिना निलंबित किये तथा बीआरसीसी की प्रतिनियुक्ति का मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन होने पर उन्हे जिला शिक्षा केन्द्र कार्यालय में कैसे संलग्न किया गया, जो विचारणीय प्रश्न बना हुआ है। इस पूरे मामले में जिला परियोजना समन्वयक द्वारा स्वयं ही हाई कोर्ट के आदेशो का उल्लंघन किया है। बीआरसीसी के प्रभार में वरिष्ठता का नही रखा गया ध्यान बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने की जगह भ्रष्टाचार व लापरवाही में डूबे जिला परियोजना समन्वयक ने अपने आप को बचाने के चक्कर में अपने चहेते एपीसी राजाराम प्रधान को प्रभार दिया गया है। जबकि जिला शिक्षा केन्द्र में तीन वरिष्ठ एपीसी पदस्थ होने के बावजूद डीपीसी ने एपीसी की वरिष्ठता सूची का बिना ध्यान रखा अपने चहेते कनिष्ठ एपीसी राजाराम प्रधान को बीआरसीसी पुष्पराजगढ़ का प्रभार दे दिया गया। जबकि नियमतः बीआरसीसी के लिये प्रतिनियुक्त शिक्षकों को उनकी पहली प्राथमिकता के आधार पर उक्त आदेश जारी किया जाना चाहिये था।

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