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शनिवार, 4 मार्च 2023

बच्चों के हक का पानी तक डकार गये पीएचई व ठेकेदार, कलेक्टर ने पेयजल आपूर्ति करने 20 दिन का दिया समय

जल जीवन मिशन स्कीम में करोड़ खर्च के बाद 1370 विद्यालयों तथा 731 आंगनबाड़ी केन्द्रों में नही है पेयजल की आपूर्ति
अनूपपुर। केन्द्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना के तहत जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों सहित ग्रामीण क्षेत्रों की आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल उपलब्ध कराया जाना था, जिसके क्रियान्वयन पर करोड़ों रुपए का भारी भरकम बजट भी खर्च भी किया गया। लेकिन संबंधित विभागों के अधिकारियों व ठेकेदारों ने मिली भगत कर बच्चो के हक का पानी भी डकार गये और इस नई व्यवस्था अब उपयोग विहीन होकर रह गई है। लगातार खबरों के प्रकाशन के बाद कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने जिले के सभी प्राथमिक, माध्यमिक एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल की व्यवस्था के संबंध में सत्यापन करने के निर्देश दिये गये थे। जहां सत्यापन के बाद चौकाने वाले आंकड़े सामने आये है। जिले में संचालित 1554 प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में 1370 विद्यालयों में पानी ही नही है। इतना ही नही ठेकेदारों द्वारा स्कूलों में पेयजल के लिए जो इन्फ्रा स्ट्रक्चर बनाया गया है, वह उपयोग विहीन होकर क्षतिग्रस्त हालत में है। 868 विद्यालयों में पानी,502 में प्लेटफार्म गायब
सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में कलेक्टर के निर्देश पर विकासखंडवार विद्यालयों के जन शिक्षको के माध्यम सत्यापन कराया गया। जन शिक्षको द्वारा सत्यापन कर जानकारी जिला शिक्षा केन्द्र को भेजा गया। जिसमें विकासखंड अनूपपुर में 67, कोतमा में 54, जैतहरी में 86, पुष्पराजगढ़ में 295 विद्यालय में जल जीवन मिशन द्वारा बनाये गये प्लेटफार्म (प्याऊ) ही गायब मिले। वहीं जहां ठेकेदार द्वारा सिर्फ पेयजल के लिये प्लेटफार्म बना दिया गया है लेकिन वहां पानी गायब कर दिया गया है उसमें अनूपपुर के 119, कोतमा 72, जैतहरी के 200 तथा पुष्पराजगढ़ के 477 विद्यालय शामिल है। 731 आंगनबाड़ी केन्द्रों का यही हाल जानकारी के अनुसार जिले में संचालित 1062 आंगनबाड़ी केन्द्र व 87 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। जहां ग्रामीण क्षेत्रों की 917 आंगनबाड़ी केन्द्रों में जल जीवन मिशन योजना के तहत बोर कराते हुये उसमें सबमर्सिबल पंप डालकर उसे पेयजल यूनिट के साथ ही शौचालय में पानी की व्यवस्था की जानी थी। लेकिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अधिकारी व ठेकेदारों द्वारा मिलकर 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के पानी तक पर डांका डाल दिया। जहां महिला बाल विकास अधिकारी विनोद परस्ते ने बताया कि इसके लिये आंगनबाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्ताओं से सत्यापन कराया गया था। जिसमें 731 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल की व्यवस्था ही नही है। वहीं 250 आंगनबाड़ी केन्द्र ऐसे है, जहां पर आज तक विद्युत कनेक्शन की व्यवस्था ही नही है। पेयजल सहित शौचालय के पानी में डाला गया डांका जानकारी के अनुसार जल जीवन मिशन के अंतर्गत सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में पेयजल यूनिट बनाने के साथ ही शौचालय में पानी की सुविधा के संबंध में जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) के संज्ञान में होने के बाद भी जल जीवन मिशन योजना में बनाये जाने वाले पेयजल यूनिट तथा शौचालय में पानी व्यवस्था पर ध्यान नही दिया गया और विद्यालयों के शिक्षको के माध्यम से ठेकेदार को एनओसी भी प्रदान करवा दी गई थी। जिसका फायदा उठाते हुये कार्य लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार ने मिलकर कई विद्यालयों में गुणवत्ता विहीन कार्य किया तो कई विद्यालयों में आधे-अधूरे निर्माण कार्य कर पूरी योजना की पलीता लगाते हुये बच्चों के हक के पानी को ही डकार गये। कलेक्टर ने 20 दिवस के अंदर पेयजल आपूर्ति के दिये निर्देश जल जीवन मिशन स्कीम के तहत निर्माण कार्य पर भारी भरकम बजट तो खर्च कर दिया गया है, लेकिन उसकी गुणवत्ता और अपूर्ण कार्य की वजह से प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को प्यासे रहने, तो शौचालय में पानी की आपूर्ति नही होने से शौचालय में ताला लटका कर बच्चों को खुले मंे जाने को मजबूर किया गया है। जिसके बाद कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री को 20 कार्य दिवस के अंदर सत्यापन में मिली कमी को दूर करने के संबंध में जिन संविदाकारों द्वारा पेयजल आपूर्ति संबंधी कार्य कराया गया है, उनसे विद्यालयों में पेयजल मय प्याऊ प्लेटफार्म तथा आंगनबाड़ियों में नल-जल कनेक्शन से पेयजल आपूर्ति को सुव्यवस्थित क्रियाशील संचालित कराए जाने के संबंध में निर्देशित किया गया है। कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जितेन्द्र मिश्रा का कहना हैं कि आज अवकाश है, मै फील्ड में हूं। इसलिये अभी आपको किसी भी तरह की जानकारी से अवगत नही करा सकता हूं।

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