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मंगलवार, 21 मार्च 2023

बारिश और ओले से पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के कई ग्रामों की सैकड़ो एकड़ फसल बर्बाद

अनूपपुर। जिले में अचानक बदले मौसम के तेवरों से किसानों के चेहरे का रंग उड़ गया है, अनूपपुर जिले में कई जगह बारिश होने तथा पुष्पराजगढ़ विकासखंड अंतर्गत कई ग्रामों में तेज हवा के साथ हुई बारिश के साथ ओलावृष्टि से किसानों की फसलें खराब हो गई है। मंगलवार की सुबह एक बार ऐसा लगा कि मौसम में सुधार हो जाएगा और फसलें पूरी तरह सुरिक्षत हो जाएंगी। कारण सुबह आसमान खुला हुआ था और तेज धूप निकल आई थी। हालांकि बादलों का डेरा था पर आसमान खुला हुआ था। पर दोपहर होते-होते बादलों ने एक बार फिर आकाश को घेर लिया और वर्षा का मौसम बन गया। मौसम मे आये बदलाव ने रबी फसल के गहाई की तैयारियों में व्यवधान पैदा कर दिया है। जिले मे बीते दो दिनो से रह-रह कर गरज और चमक के साथ हो रही बूंदाबांदी ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।
जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखंड के कई ग्रामों जिनमें करौंदाटोला, भीमकुंडी, सरईटोला में तेज हवा के साथ हुई बारिश के साथ ओलावृष्टि से किसानों की फसलें खराब हो गई है। जिसके कारण जिले में बे-मौसम बरसात और वातावरण में हो रहे परिवर्तन का बुरा असर देखने को मिला। कई क्षेत्रों में इलाकों में लगातार तेज बारिश के साथ-साथ आंधी तूफान और ओले गिरे। इसके चलते किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। उपसरपंच जगजीवन राम महोबे ने एसडीएम पुष्पराजगढ़ को पत्र लिख कर फसलो की क्षतिपूर्ति दिलाये जाने की मांग है। जिसमे कहा हैं कि ग्राम पंचायत करौंदाटोला, भीमकुंडी एवं सरईटोला में बारिश के साथ ओले गिरने से खेतों में लगी फसल चना, मसूर, बटरी, अरहर, गेहॅू सहित अन्य फसलो का 50 प्रतिशत नुकसान हुआ हैं जिसका सर्वे कराकर किसानो को क्षतिपूर्ति दिलाये जाने की मांग की हैं। दलहन- तिलहन पर खतराः सबसे ज्यादा क्षति खेतों में लहलहा रही चना, मसूर, अरहर, सरसों आदि दलहन-तिलहन की फसलों को हुई है। वहीं लगातार आसमान मे छाये बादलों एवं बिजली चमकने से पेड़ों मे लगे आम के बौर और महुए फूल को तबाह कर दिया है। ले दे कर किसान के हाथ मे अब गेहूं की फसल बची हैं, वो भी ज्यादा दिनो तक वर्षा बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है। ठिठुरन भी बढ़ी: रूक-रूक कर हो रही वर्षा की वजह से सर्दी एक बार फिर से लौट आई है। रविवार को सुबह से ही वातावरण में गुलाबी ठण्डक घुल गई थी। दोपहर तक इसका प्रकोप और भी बढ़ गया। जिससे बचाव के लिये लोग दुकानो और घरों में अलाव का सहारा लेते दिखे। वहीं चैत लगते ही अलमारियों मे रख दिये गये गर्म कपड़े भी बाहर निकालने पड़े हैं। अलर्ट जारीः मौसम विभाग के मुताबिक मौसम अभी दो-तीन दिन इसी तरह बना रहेगा। इसके बाद तापमान में फिर उछाल आने की संभावना बन रही है। इसे लेकर विशेषज्ञों ने ऑरेंज और यलो अलर्ट शहडोल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं ह ओलावृष्टि एवं बिजली गिर सकती है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अलग- अलग स्थानों पर बने पांच वेदर सिस्टम के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है। इसी वजह से रुक-रुककर वर्षा भी हो रही है। वर्तमान मे एक पश्चिमी विक्षोभ जबलपुर के आसपास एक्टिव है। एक नया पश्चिमी विक्षोभ ईरान और अफगानिस्तान के बीच में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। राजस्थान के मध्य में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। राजस्थान और उससे लगे पश्चिमी मध्य प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में भी चक्रवात बना हुआ है।

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