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बुधवार, 22 मार्च 2023

बंदी की संदिग्ध मौत को लेकर अस्पताल परिसर में घंटो चलता रहा हंगामा, मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश

अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही, सीसीटीवी मिला बंद, भड़के परिजन
अनूपपुर। जिला जेल अनूपपुर में निरूद्ध एक बंदी की संदिग्ध मौत के मामले में परिजनों द्वारा जेल प्रबंधन पर मारपीट का आरोप लगाते हुये न्यायिक जांच की मांग कर शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था। जहां परिजनों के हंगामे के बाद मौके पर प्रशासन व पुलिस ने पहुंच कर परिजनों को शांत कराने का प्रयास किया। इस बीच जिला चिकित्सालय में तीन न्याययिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम द्वारा वीडियों ग्राफी के साथ शव का निरीक्षण कर पंचनामा कार्यवाही करते हुये पोस्टतमार्टम किया गया। इस बीच परिजनों ने जिला चिकित्सालय के सीसी टीवी फुटेज की मांग की गई। अस्पताल प्रबंधन द्वारा सीसीटीवी फुटेज दिखाने का आश्वासन दिया और तीन घंटे बाद सीसीटीवी एक सप्ताह से बंद होने की बात कही। जिसे बाद जिला जेल से सीसीटीवी फुटेज मंगवाते हुये परिजनों को वीडियों फुटेज दिखाया गया। जिससे संतुष्ट होने के बाद परिजनों ने शव को अंतिम संस्कार के लिये अपने साथ ले गये। वहीं गोगंपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ललन सिंह परस्ते ने कलेक्टर एवं पुलिस अधिक्षक को ज्ञापन सौंप कर जिला जेल में मृतक सुभाष सिंह टेकाम के संदेहास्पद मृत्यु के संबंध में मजिस्ट्रेटियल जांच कराये जाने की मांग की हैं। यह था मामला जिला जेल में निरूद्ध बंदी सुभाष सिंह टेकाम पिता रैतु सिंह उम्र 38 वर्ष निवासी राखीताल पुष्पराजगढ़ की 21 मार्च को अचानक पेट दर्द होने पर जेल प्रहरियों द्वारा उसे उपचार हेतु जिला चिकित्सालय लाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। सूचना मिलते ही परिजनों द्वारा अस्पताल परिसर में हंगामा मचाते हुये जेल प्रबंधन पर बंदी के साथ मारपीट के आरोप लगाये। परिजनों का कहना था कि पुलिस द्वारा 20 मार्च को धारा 138 वसूली वारंट के तहत गिरफ्तार कर मेडिकल परीक्षण करवाते हुये न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया था। जिसके बाद परिजनों द्वारा दूसरे दिन 22 मार्च को सुभाष सिंह टेकाम की न्यायालय से जमानत करवाते हुये उसकी रिहाई हेतु जिला जेल पहुंचे। जहां उन्हे पता चला कि सुभाष की अचानक तबियत खराब होने पर उसे उपचार हेतु जिला चिकित्सालय ले गये है। मौत की खबर सुनते ही परिजनों ने मचाया हंगामा
जिला चिकित्सालय में बंदी की मौत हो जाने की खबर सुनते ही परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा मचाते हुये जेल प्रबंधन पर मारपीट का आरोप लगाते हुये जांच की मांग की गई तथा शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया गया। जिसके बाद 22 मार्च को एसडीएम दीप सिखा, एसडीओपी अनूपपुर कीर्ति बघेल, कोतवाली प्रभारी अमर वर्मा, नायब तहसीलदार भावना डेहरिया सहित पुलिस बल मौके पर पहुंच गए। परिजनों का आरोप था कि जिला जेल में ही मारपीट करने के कारण बंदी की मौत हो गई थी, जिसकी संतुष्टि के लिये परिजनों ने जिला जेल से लाये गये बंदी का जिला चिकित्सालय में सीसी टीवी फुटेज देखना चाहते थे। जिसका विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को द्वारा भी परिजनों को समर्थन कर उनकी मांगो के अनुरूप जिला चिकित्सालय व जिला जेल की सीसीटीवी फुटेज दिखाये जाने तथा उन पर दोषी होने पर उक्त व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही गई। अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही, सीसीटीवी मिला बंद परिजनों ने जिला चिकित्सालय के सीसी टीवी फुटेज देखने की मांग की गई, जहां पहले तो अस्पताल प्रबंधन 3 घंटो तक उन्हे फुटेज दिखाने का आश्वासन देते रहे। जिसके बाद अंत में सीसी टीवी एक सप्ताह से बंद होना बता दिया। जिसको सुनते ही परिजन आक्रोशित हो गये। एसडीएम दीप सिखा ने सिविल सर्जन डॉ. एस.आर. परस्ते से सीसीटीवी बंद होने के संबंध में लिखित जानकारी मांगी। सिविल सर्जन ने बताया कि जिस स्थान पर सीसीटीवी सेट लगा हुआ है। वहां डॉयलिसिस के दो बेड का संचालन करने के लिये आर.ओ सिस्टम शिफ्ट किया गया। इस बीच किसी कर्मचारी ने गलती से सीसीटीवी कैमरो का स्विच ऑफ कर दिया गया जिसके कारण चार-पांच दिनो से सीसीटीवी बंद है। अस्पताल प्रबंधन पर कार्यवाही का दिये आश्वासन सिविल सर्जन द्वारा जिला चिकित्सालय परिसर के सीसीटीवी बंद होने तथा फुटेज उपलब्ध नही करा पाने की जानकारी देने के बाद परिजन आक्रोशित होते हुये भड़क गये। जिसके बाद एसडीएम दीप शिखा ने अस्पताल प्रबंधन की इसे बड़ी लापरवाही मानते हुये अस्पताल प्रबंधन पर भी कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया। इस बीच एसडीओपी कीर्ति बघेल ने जिला जेल से सीसीटीवी फुटेज मंगाई और परिजनों को दिखाया गया। जहां परिजन संतुष्ट होते हुये शव को अंतिम संस्कार के लिये लेकर चले गये।
गोगंपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ने मजिस्ट्रेटियल जांच कराये जाने की मांग गोगंपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ललन सिंह परस्ते ने कलेक्टर एवं पुलिस अधिक्षक को ज्ञापन में कहा कि सुभाष सिंह टेकाम पिता रैकू सिंह की रविवार 20 मार्च को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से आरोपी को धारा 138 के तहत् जिला जेल भेज दिया गया। मंगलवार 21 मार्च को परिजनों के द्वारा जमानत हेतु जिला न्यायालय में याचिका लगाई। जिसकी सुनवाई करते हुये न्यायालय ने जमानत दे दी। जमानत की अर्जी लेकर जिला जेल परिजन सुभाष टेकाम को छुड़ाने पहुचे तो उन्हें बताया गया कि बीमार होने पर उसे जिला चिकित्सालय अनूपपुर उपचार के लिए ले जाया गया। जब परिजन जिला चिकित्सालय पहुंचे तो सुभाष टेकाम मृत मिले। जबकि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था तो वह पूर्ण रूप से स्वस्थ अवस्था में था तथा पूर्व में भी उसे कोई घातक बीमारी नहीं था। साथ ही जेल लाने से पहले मेडिकल में भी किसी प्रकार के बीमारी को नहीं बताया गया है। दो दिन में उनके इस प्रकार की मृत्यु का हो जाना संदेह की स्थिति को प्रकट करता है। जिस पर मृतक सुभाष सिंह टेकाम व उनके परिजान को न्याय दिलाने एवं संदेह को दूर करने की लिए 'मजिस्ट्रेटियल जांच कराये जाने की मांग की हैं। एसडीएम दीप सिखा ने बताया कि सीसीटीवी बंद होने की लापरवाही पर अस्पताल प्रबंधन पर कार्यवाही की जायेगी। साथ ही घटना की मजिस्ट्रेटियल जांच कराये जाने के लिए आदेशित किया गया हैं।

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