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रविवार, 30 मई 2021

अमरकंटक के अतिक्रमण क्षेत्र का संयुक्त टीम ने दौरा कर थमाया नोटिश

अनूपपुर। अमरकंटक में किसी को आश्रम, विद्यालय, खेती, घर बनाने के लिए भूमि की आवश्कता हैं जिस कारण पिछले 2 वर्षों के लॉकडाउन के दौरान हजारों पेड़ों को काट कर मैदान बनाया जा रहा हैं। हरे-भरे पेड़ों का काटकर लोग अपनी इच्छा पूर्ती कर रहें हैं। माफिया अमरकंटक के जंगलों को सफाया कर रहा हैं और जिम्मेदार प्रशासन गहरी निंद्र में सोया हैं। कट रहें पेड़ों से जहां पर्यावरण को क्षति पहुंचाई जा रही है। वहीं माफिया समतल भूमि में बाबा बनकर कब्जा कर अपना अशियाना बना रहें हैं। लगातार हो रहीं पेड़ों की कटाई से पर्यावरण के साथ मां नर्मदा के उद्गम के जलस्रोत्र में संकट हो सकता हैं। रविवार को वन,राजस्व एवं स्थानिय प्रशासन ने संयुक्त टीम बनाकर जमुनादादर का दौराकर जमीनी हकीकतों को देखा।

 टीम ने पेड़ों की कटाई के बाद ठूठ और कई पेड़ों में काटे जाने के निशान देखा और लोगों को नोटिश भी थमाया। टीम ने बताया कि अमरकंटक के प्राकृतिक वातावरण से प्रभावित होकर लोग आते हैं फिर आदिवासियों को काम के बहाने उनकी जमीन में घर बना धीरें-धीरें कब्जा कर लेते हैं। इस तरह से घर जंगल में घर बना लेते हैं,और जंगली जानवरों से बचाओ के लिए करेंट लगाकर डराता जिससे जानवर जंगल से भाग जातें हैं। इसके बाद अमरकंटक के प्राकृतिक वातावरण को क्षति पहुंचाने का पेड़ काटकर सीमा बढ़ा ली जाती हैं। टीम ने बताया कि 15 जून के बाद अतिक्रमण अभियान चलाकर क्षेत्र की भूमि अतिक्रमण हटानें की कार्यवाई की जायेगी। अमरकंटक में जल, जंगल, जमीन बचाने के लिए एक निष्पक्ष समिति बने जो अमरकंटक के पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाई कर सकें।


 

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