अनूपपुर। आदिवासी संसदीय क्षेत्र का दुर्भाग्य है कि यहां ट्रेन सुविधाएं अन्य राज्यों के सांसदों की बदौलत सुविधाएं मिल रही है। क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह केवल पत्रों तक ही सीमित है। उनके रहते रेल सुविधा में विस्तार मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने बराबर है। जबकि इस क्षेत्र में पर्यटक, धार्मिक एवं कोयला उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। जिसमे उमरिया जिले का राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ एवं अनूपपुर जिले का मां नर्मदा का उद्गम अमरकंटक दोनो ही विश्व प्रसिद्ध हैं। इसके बाद भी ट्रेनों की सुविधा नाम मात्र की हैं। आज भी इस संसदीय क्षेत्र में चल रही ट्रेनों का ठहराव कई जगहों में नहीं हो पा रहा। वहीं पूर्व में चल रहीं गाडिय़ों को भी छिनने का प्रयास हो रहा हैं और जनप्रतिनिधि मौन साधे हैं।
जानकारी अनुसार गोंदिया से बरौनी एवं बरौनी से गोंदिया तक चलने 15231/15232 को इस मार्ग से बंद कर जबलपुर नैनपुर की तरफ से चलाने का प्रस्तव तैयार किया गया हैं। जिसे रेलवे बोर्ड की मंजूरी भी संबंधित रेलवे को मिलने की सूचना हैं। आने वाले समय में कई ट्रेनें नए रेलमार्ग से चलाने की कार्य योजना रेलवे बना चुका है। जब नियमित ट्रेनों का संचालन प्रारंभ करने का समय आएगा तो इन ट्रेनों का इस रूट पर आता पता भी नहीं रहेगा। इसके लिए संसाद को क्षेत्र की आवज बनकर रेल मंत्री से अपनी बात मजबूती से रखना होगा। कोरोना के नाम पर एक वर्ष से अधिक समय से बंद गाडिय़ों को प्रारभ्भ करनें की मांग होनी चाहिए।
राज्य और केंद्र में भाजपा की सरकार है इसके बाद भी भाजपा सांसद की कोई सुनवाई अपनी सरकार में नहीं होने से जनप्रतिनिधी की कार्यशैली पर प्रश्र चिन्ह खड़ा होता हैं। आज भी नागपुर के लिए सीधी ट्रेन सपना बनकर रह गया हैं। स्टॉपेज केवल कागजों तक सीमित रह गए।
यह अपने आप में दुर्भाग्य है की जहां जबलपुर के सांसद अपने क्षेत्र से ट्रेन चलवा लेते हैं वही हमारी सांसद केवल पत्र भेजकर ही कार्य कर रही हैं ना अभी तक पासपोर्ट कार्यालय बना और ना ही कोई नई ट्रेन चलाई गई
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