भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों की बंद हुई सुविधाएं
अनूपपुर। कोतमा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत उमरदा में स्थापित किए जाने वाले वेलस्पन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड से प्रभावित किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। एक ओर कंपनी जहां भू-अर्जन कर प्लांट का संचालन नहीं कर पाई है। वहीं भू अधिग्रहित से प्रभावित किसानों के लिए दी जाने वाली सुविधाओं को बंद कर दिया गया है। बताया जाता है कि वर्ष 2012 में यहां से लगे 5 गांव के 243 किसानों से 935 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था। कंपनी के द्वारा यह अधिग्रहण यहां स्थापित होने वाली 1320 मेगा वाट की विद्युत परियोजना स्थापित करने के लिए किया गया था। लेकिन पिछले 9 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक प्लांट आरम्भ नहीं हो पाया है। वहीं स्थानीय कृषकों के लिए कंपनी के द्वारा जो सुविधाएं प्रारंभ की गई थी उसे भी कंपनी के द्वारा बंद कर दिया गया है।
दो माह से नहीं मिला भत्ता
प्रभावित किसानों के द्वारा बताया गया कि रोजगार न मिलने तक कंपनी के द्वारा प्रत्येक माह काश्तकारों को 3800 रुपए भत्ते के रूप में दिया जाता था। जिससे किसानों को कुछ सहायता मिल जाया करती थी। लेकिन पिछले 2 महीनों से यह भत्ता भी कंपनी के द्वारा बंद कर दिया गया है। जिससे किसान परेशान हैं। वहीं 31 मई सोमवार की शाम इस समस्या को लेकर स्थानीय किसानों के द्वारा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें यह बात सामने आई कि कंपनी के अधिकारियों द्वारा काश्तकारों का फोन भी नहीं उठाया जा रहा है। और ना ही कभी वह किसानों की सुध लेने के लिए गांव पहुंच रहे हैं। जिस पर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर इसकी शिकायत दर्ज कराए जाने का निर्णय किसानों द्वारा लिया गया है।
जानकारी के अनुसार कंपनी भूमि मिलने के बाद आज तक कोल माइंस का आवंटन नहीं होने से पावर प्लांट समस से नहीं लग सका। अगर सरकार कोल अवंटित करें तो बिजली खरीदनें का समझौता (पावर परचेंज एग्रीमेंट) करें और कंपनी प्रति डबाव डाल कर कुछ उत्तम परिणम आ सकता है। वहीं कंपनी के समझौते के कंडिका 10 के अनुसार किसानों को पांच वर्ष तक ही भत्ता देना तय हुआ था।
एसडीएम कोमता ऋषि सिधंई ने कहा कि मामला संज्ञान में आया हैं इसे दिखवाता हूं।
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