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शनिवार, 11 दिसंबर 2021

छात्राओं के जिम्मे स्कूल की चाभी, शिक्षक पड़ोसी प्रदेश से करते आना जाना

बिना शिक्षको के अध्ययन कर रही कन्या माध्यमिक विद्यालय वेंकटनगर की छात्राएं अपने उत्तरदायित्वों से मुंह फेरी संकुल प्राचार्य, जवाब न देने पर कार्यालय छोड़कर भागी अनूपपुर। कोरोना संक्रमण को देखते हुए डेढ़ वर्ष बाद 50 प्रतिशत बच्चो की उपस्थिति में स्कूल को खोलने का आदेश शासन ने दिए है। जिसके बाद स्कूल तो खोल दिया गया, वहीं बच्चो की पढ़ाई के लिए स्कूल पहुंचने लगे, लेकिन बच्चों को शिक्षा देने के लिए यहां शिक्षक ही विद्यालय में नहीं आ रहें हैं। छात्राएं जहां स्वयं स्कूल खोलकर अपने कक्षाओं में बैठ बिना शिक्षको की पढ़ाई कर रही है। वहीं छुट्टी होने पर ताला बेद कर बिना पढ़े घर चली जाती हैं। यह है मामला शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय वेंकटनगर में अध्ययनरत 54 छात्राओं को पढ़ाने के लिए 3 शिक्षक पदस्थ है। लेकिन 11 दिसम्बवर शनिवार को विद्यालय में 9 छात्राएं उपस्थित रही, जो बिना शिक्षको के ही अपनी कक्षाओं में बैठी रही। छात्राओं से शिक्षक के संबंध में पूछा गया तो उन्होने बताया आज कोई भी शिक्षक विद्यालय ही नही आये है और स्कूल का निर्धारित समय में बंद होने का इंतजार के बाद स्वंछम स्कूाल बंद कर घर चली गई। जब छात्राओं से विद्यालय में दर्ज व उपस्थित बच्चों की संख्यां पूछी गई तो उन्होने बताया कि कक्षा 6वीं में 15 में 1 उपस्थित, कक्षा 7वीं में 13 में 5 उपस्थित एवं कक्षा 8वीं में 26 में 3 छात्रायें उपस्थित है। तीनो शिक्षक एक साथ हुए नदारद विद्यालय में पदस्थ तीन शिक्षको जिनमें प्रधानाध्यापक मन्नू लाल रौदास एवं दो शिक्षिका नीलकुश मिंज व संगीता चौधरी पदस्थ है। अचानक 11 दिसम्बमर को तीनों शिक्षको के एक साथ नदारद मिले छात्राओं को मिलने वाली गुणवत्ता युक्त शिक्षा व शिक्षको के कर्तव्यों पर प्रश्र चिन्ह खड़ा कर रहा है। जबकि विद्यालय परिसर से ही महज 100 मीटर की दूरी पर संकुल प्राचार्य का विद्यालय संचालित है। लेकिन तीनों शिक्षको की अनुपस्थिति होने पर उनके द्वारा निरीक्षण तक नही किया गया। जब इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक मन्नू लाल रैदास से फोन में चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि मै आज अवकाश पर हूं तथा दो शिक्षको के विद्यालय पर न होने के संबंध में मुझे कोई जानकारी नही है। जानकारी अनुसार वेंकटनगर में संचालित प्राथमिक से लेकर हायर सेकेण्ड्री विद्यालय में कार्यरत अधिकांश शिक्षक व शिक्षिकाएं मुख्याालय में नहीं रहती बल्ि्ड् पड़ोसी के प्रदेश छत्तीसगढ़ के गौरेला पेण्ड्रा में रहती है, जहां से प्रतिदिन विद्यालय आना जाना करती है, और समय से पूर्व ही विद्यालय को छोड़ कर चली जाती है। जिसके कारण विद्यालय समय पर नही खुल पाता है और बच्चों् को पूरी शिक्षा नहीं मिल पा रहीं हैं। जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश है कि जहां विद्यालय संचालित है, वहीं पर मुख्या़लय बनाकर निवास करना है। जिम्मेदारी से मुंह फेरी संकुल प्राचार्य पूरे मामले में जब संकुल प्राचार्य शासकीय उमावि बालक वेंकटनगर सुषमा श्रीवास्तव से जब इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि कन्या माध्यमिक विद्यालय से किसी भी शिक्षक का अवकाश पर जाने के संबंध में मेरे पास कोई भी आवेदन नही आया है। वहीं प्रधानाध्यापक मन्नूलाल रैदास की ड्यूटी टीकाकरण अभियान में लगी हुई है। शिक्षको के छत्तीसगढ़ से आने जाने के कारण विद्यालय समय से न खुलने व निर्धारित समय से पहले बंद होने के संबंध में पूछा गया तो उन्होने कहा की मै अपने स्वयं की साधन से समय पर विद्यालय पहुंच जाती हॅू और 4 बजे के बाद ही गौरेला-पेण्ड्रा जाती हॅू। जबकि शासन द्वारा स्कूल बंद होने का समय 5 बजे निर्धारित है। जिसके बाद संकुल प्राचार्य अपना आपा खोते ही महिला अधिकारों की बात करते हुए धमकी देना प्रयास किया और सवालों से बचते हुए अपना ही कार्यालय छोड़कर भाग निकली। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग पी.एन.चतुर्वेदी कहा कि मुख्या लय पर सभी शिक्षको को रहना अनिवार्य है साथ ही पूरे समय तक विद्यालय संचालित करना है। अनुपस्थित शिक्षको के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

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