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शुक्रवार, 10 दिसंबर 2021

राजनीतिक अक्रमण्डता से पिछड़ता जिला,प्रभारी मंत्री का होता है कागजी दौरा

शहडोल में बैठ कर जनसंपर्क जारी करता हैं खबर,सच्चा ई से कोषो दूर अनूपपुर। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बचने के लिए जहां मुख्यमंत्री दिन रात एक कर व्यवस्थाओं को बनाने में जूटे है इसके लिए उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठकों में मंत्रियों को बार-बार हिदायत देते हुए निर्देशित किया है कि मंत्री भोपाल में ना बैठे बल्कि अपने-अपने क्षेत्रों के साथ प्रभार वाले जिलों में जाकर संक्रमण से बचने के लिए किए जा रहे उपायों पर अपनी नजर रखकर कार्य शीघ्र कराएं ताकि आम जनमानस को इसका फायदा मिल सके। बार-बार इस हिदायत के बाद भी मंत्रियों के रवैया में कोई सुधार नहीं आया हैं। अनूपपुर जिले की प्रभारी मंत्री मीना सिंह आदिम जनजाति कल्याण मंत्री बुधवार को गुपचुप तरीके से जिला मुख्यालय पहुंच कर जिला चिकित्सालय में बन रहे ऑक्सीजन प्लांट और सीटी स्कैन मशीन को देखकर बिना कुछ निर्देश देकर निकल गई और इसकी खबर शहडोल में बैठकर जनसंपर्क ने उनके अपने ढंग से बना कर प्रसारित कर कर दिया। मजे की बात यह रहीं कि इसी दिन शहडोल में भी प्रभारी मंत्री का कार्यक्रम था जिसे जनसंपर्क विभाग के अधिकारी चलाकी दिखाते हुए शहडोल की खबर को अनूपपुर की बनाते नाम बदल कर चपका दी। जिससे मंत्री सरकारी भोंपू से अपने मुंह मिट्ठू बन गई। मंत्री के गुपचुप दौरे की जानकारी मीडिया में ना आना सवाल खड़े करता है। जिला प्रशासन दौरों की जानकारी छिपाने का प्रयास करता है। ताकि पत्रकार उनसे ना मिल सके जिससे जिले की कमिया उजागर न हो। नाकामी छिपाने के लिए जिला प्रशासन अपने सरकारी भोपू से अपने ढंग से खबर प्रसारित कर छपवाने पर भी मजबूर करने का प्रयास करता हैं। यह भी बता दे कि अनूपपुर में ऑक्सीजन प्लांट और सीटी स्कैन मशीन जुलाई में स्थाकपित होना था किन्तुल प्रशासनिक लापरवाही व राजनीतिक लापरवाही के कारण आज तक स्थारपित नहीं हो सका। इससे सरकार के दावों की पोल खुलती हें। जबकि क्षेत्र के विधायक मंत्री भी हैं। इसके बावजूद अनूपपुर का स्वीककृत ऑक्सीजन प्लांट खंडवा चला गया। बुधवार 8 दिसम्ब्र को बिना सूचना के प्रभारी मंत्री जिला मुख्यालय में आनन-फानन में आई और जिला चिकित्सालय का निरीक्षण कर कुछ निर्देश अधिकारियों को देकर रवाना हो गई। प्रभारी मंत्री का यह पहली बार नहीं हुआ हैं। इसके पहले भी बैठक कर कुछ घंटों में अपने गृह ग्राम रवाना हो जाती हैं। इससे लोग अपनी बात उन तक नहीं रख पाते और समस्या ज्योु की त्योन बनी रहती हैं। उन्हें इस जिले की लोगों से क्या मतलब जहां उन्हें वोट मिले हैं पहले वहां की जिम्मेदारी बनती हैं। इससे शिवराज सिंह के दावों की पोल यह मंत्री जरूर खोल रहे हैं। प्रभार वाले जिलों में प्रभारी मंत्री दौरे के दौरान खानापूर्ति कर शीघ्र अपने क्षेत्र में जाने की जल्दी में ठीक ढंग से निरीक्षण नहीं करते अधिकारियों की सुनकर उसी ढंग से निर्देश देकर रवाना होने की परंपरा से क्षेत्र का विकास नहीं हो सकता। इसके लिए मंत्रियों को प्रभार के जिलों में रहकर क्षेत्र भ्रमण कर वहां की समस्याओं को बारीकी से जानने का प्रयास करना चाहिए। शिवराज मंत्रिमंडल में क्षेत्र दो मंत्री दिए हैं किंतु इन दोनों मंत्रियों में आपसी मनमुटाव से जिले को नुकसान पहुंच रहा है आपसी मतभेद से विकास कार्य की गति धीमी पड़ी है जिसका उदाहरण रेलवे फ्लाईओवर सामने है। ठेकेदार 16 अप्रैल 2021 से कार्य प्रारंभ का बॉडीगार्ड अपने घर में बैठा है और प्रशासन मंत्री की भय उसे कुछ कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है ऐसे में फ्लाईओवर बनना दूर की कौड़ी नजर आता है।

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