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बुधवार, 29 दिसंबर 2021

दूसरे दिन भी कोहरे के बाद बारिश से नहीं हुए सूर्य भगवान के दर्शन,कोहरे की ओट में नर्मदा मंदिर

झमाझम बारिश से धान खरीदी केन्द्रों पर पानी-पानी, 80 हजार क्विंटल धान की बोरियां भीगी अनूपपुर। दो दिन से बिगड़े मौसम के हालात अमरकंटक सहित पूरे अनूपपुर जिले में पिछले 24 घंटे से हो रही बारिश बुधवार को मानो पूरा बादल अमरकंटक में उतर आया है चारों तरफ से बादल है बादल नजर आ रहे हैं और कड़ाके की ठंड में अमरकंटक से लोग बेहाल हैं। जिले में खराब मौसम का असर लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी हैं धार्मिक और पर्यटक नगरी अमरकंटक में सूर्य भगवान के दर्शन नहीं हुए वहीं मॉ नर्मदा मंदिर पूरी तरह कोहरे की आड़ में ढका हैं। ज्ञात हो कि 28 दिसम्बर को लगभग दर्जनभर से अधिक उपार्जन केन्द्रों पर भंडारित हजारों क्विंटल धान की बोरियां बारिश की बौछार में पानी पानी हो गई। यहां सोसायटी प्रबंधकों की लापरवाही में धान की लगी स्टैक को ढकने की सुविधा अधूरी रह गई। जहां पिछले दो दिनों से आसमान में उमड़-घूमड़ कर रहे काले बादलों के बावजूद विभागीय अधिकारी के निर्देश में सोसायटी प्रबंधकों ने धान ढकने की कोई व्यवस्था नहीं बनाई, मंगलवार की दोपहर अचानक आसमान से बूंदाबांदी के बाद तेज झमाझम बारिश में खरीदी केन्द्रों पर किसानों से उपार्जित की जा रही धान के साथ साथ पूर्व से स्टैक में लगी लगभग 70-80 हजार क्विंटल धान की बोरियां गीली हो गई। वहीं लगभग 70 हजार क्विंटल धान के असुरक्षित खुले आसमान के नीचे ही भंडारित होने पर उन पर भी बारिश और मौसम की मार का खतरा मंडरा रहा है। रात तक जारी बारिश में कई उपार्जन केन्द्रों पर बिना बेस के जमीन पर रखी गई बोरियों के नीचे से पानी की धार बह निकली। जिसमें आशंका है कि जमीन पर लगी बोरियां पानी में गीली होकर खराब हो जाएगी। वहीं दूसरे दिन बुधवार को भी आसमान में छाए काले बादलों से धान की बोरियों के खराब होने का खतरा भी बढ़ गया है। मौसम जानकारों का मानना है कि शहडोल संभाग में अधिकांश स्थानों पर गरज के साथ तेज बारिश होगी, जिसमें कुछ दिनों तक बारिश होने की संभावना जताई गई है। बताया जाता है कि जिले के 30 उपार्जन केन्द्र पर 6005 किसानों से की गई 278526.56 क्विंटल धान में विभाग द्वारा अब तक मात्र 191996.12 क्विंटल धान का ही परिवहन किया गया है। जबकि 76530.44 क्विंटल धान उपार्जन केन्द्रों पर खुले आसमान के नीचे असुरक्षित भंडारित हैं।
विभाग के निर्देशों के बाद भी जिम्मेदारों की लापरवाही, अब कार्रवाई की लटकी तलवार नागरिक आपूर्ति विभाग प्रबंधक एवं डिप्टी कलेक्टर विजय डहेरिया ने बताया कि मौसम में पिछले तीन दिनों से लगातार आये बदलाव को देखते हुए पूर्व में ही सभी सोसायटी प्रबंधकों को उपार्जित केन्द्रों पर भंडारित धान के सुरक्षित ढकने की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए थे। सोसायटी पर भंडारण के दौरान उनके सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी सोसायटी प्रबंधकों की होती है। लेकिन इसके बाद भी आज दर्जनों से अधिक केन्द्रों पर धान भींगने की सूचना मिली है। इसके लिए कलेक्टर को पत्राचार लिखते हुए इस लापरवाही पर कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। क्योंकि यह जानबूझ कर बरती गई लापरवाही है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। वाहनों के अभाव में बिगड़े परिवहन का खेल उपार्जन केन्द्रों पर लगातार किसानों से हो रही खरीदी और लग रहे स्टेक पर खबरों से पूर्व में ही विभाग सहित प्रशासन का ध्यान इस ओर दिलाया था कि अगर बारिश होती है तो हजारों क्विंटल धान गीली हो जाएगी। जिसमें किसानों की मेहनतों पर थोड़ी से लापरवाही में पानी फिर जाएगा। जिसमें विभाग द्वारा प्रबंधकों को निर्देशित करने की बात कही गई। लेकिन जब बारिश हुई तो विभाग सहित सोसायटी जिम्मेदारों के आंखों के सामने कई हजार क्विंटल धान की बोरियां गीली हो गई और वह कुछ नहीं कर पाए। वहीं केन्द्रों पर स्टैक की जमती संख्या में परिवहन का अभाव भी माना जा रहा है। जहां वाहनों की कम संख्या और भंडारण के लिए अन्य जिलों के लिए दौड़ लगा रही वाहनों के कारण केन्द्रों से धान का परिवहन गोदामों या कैप तक नहीं हो सका। जबकि विभाग का कहना है कि जिले में भंडारण के लिए जगह ही नहीं है। कितनी खरीदी धान और परिवहन की मात्रा खरीदी की गई किसानों की संख्या- 6005 कुल खरीदी मात्रा- 278526.56 क्विंटल किसानों की देय राशि- 540341516.70 रूपए परिवहन के लिए तैयार धान- 258503.55 क्विंटल किसानों की संख्या जिनकी धान परिवहन की- 4082 कुल परिवहन मात्रा- 191996.12 क्विंटल- शेष मात्रा- 76530.44 क्विंटल परिवहन प्रतिशत- 74.27 नान प्रबंधक एवं डिप्टी कलेक्टर विजय डहेरिया का कहना हें कि खराब मौसम को देखते हुए पूर्व में ही सभी प्रबंधकों को निर्देशित किया गया था। आज बारिश में कई स्थानों पर धान गीली होने की सूचना मिली है। इस प्रकार की लापरवाही बरतने वाले प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा जाएगा, जिसके बाद पेनाल्टी की कार्रवाई की जाएगी।

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