शुक्रवार, 13 जनवरी 2023
आशंका: कहीं ममता के लिये तो नहीं जमाई गई फिल्डिंग, अव्यवस्थाओं के नाम पर बदला गया प्रभार
आरोपो की जांच के बाद जिसे छात्रावास से हटाया, उसे पुन: मिला सीनियर आदिवासी उत्कृष्ट कन्या छात्रावास का प्रभार
अनूपपुर। सीनियर आदिवासी उत्कृष्ट कन्या छात्रावास के छात्राओं की शिकायत पर छात्रावास मे फैली अव्यवस्थाओं को लेकर 12 जनवरी को सहायक आयुक्त विजय डेहरिया ने छात्रावास अधीक्षिका अमिता मरकाम को हटाते हुये शासकीय माध्यमिक विद्यालय बैरीबांध की माध्यमिक शिक्षक ममता सिंह नेटी को प्रभार सौंपा गया है। जबकि 11 नवम्बर को एसडीएम विजय डेहरिया ने बालक छात्रावास वेंकटनगर का निरीक्षण किया गया और वहां फैली अव्यवस्थाओं का प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा। जिसके बाद एसडीएम विजय डेहरिया को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग का अतिरिक्त प्रभार मिलते ही बालक छात्रावास अधीक्षक ममता नेटी को वहां से हटाते हुये उनके मूल पदस्थापना बैरीबांध विद्यालय वापस किया गया था। इतना ही नही बीते डेढ़ वर्ष पहले भी बालक छात्रावास वेंकटनगर की अधीक्षक ममता नेटी पर छात्राओं ने गंभीर आरोप लगाये थे, जिसकी शिकायत पर मंडल संयोजक द्वारा जांच की गई और जांच में अधीक्षक का छात्रावास पर निवास न करना, मीनू के आधार पर भोजन ना देना, उपस्थिति से ज्यादा बच्चों को दर्ज कर राशि आहरण करना, प्रत्येक शनिवार को बच्चों को उनके घर भेज देना सहित छात्रावास में साफ-सफाई न होने का प्रतिवेदन सौंपा गया था और उसी समय से शासकीय माध्यमिक विद्यालय की शिक्षक ममता नेटी सीनियर आदिवासी उत्कृष्ट कन्या छात्रावास का प्रभार पाने के लिये लगी हुई थी, जिस पर जिला पंचायत के तत्कालीन सीईओं केव्ही.एस. चौधरी ने सीनियर आदिवासी उत्कृष्ट कन्या छात्रावास का प्रभार देने आदेश जारी किया था, लेकिन बाद में उक्त आदेश को तत्काल ही निरस्त कर दिया गया था।
4 दिन पहले आदर्श छात्रावास का मिला था नाम
15 दिन पहले सहायक आयुक्त विजय कुमार डेहरिया स्वयं इस छात्रावास का निरीक्षण करने पहुंचते थे, जहां छात्राओं से व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी लेकर उक्त छात्रावास की साफ-सफाई को पाते हुये उसे आदर्श छात्रावास का नाम दिया गया था। इतना ही नही इसके पहले भी जिला स्तर पर होने वाले विभिन्न आयोजन को इसी छात्रावास में पहला नाम दिया जाता रहा है। लेकिन जांच के 3 दिनों में अचानक ऐसा क्या होता है कि 9 जनवरी को छात्राओं द्वारा शिकायत दर्ज करवाई जाती है और उसके बाद संकुल प्राचार्य सहित दो महिला शिक्षिको को जांच में भेजा जाता है, जहां छात्राओं ने अधीक्षिका पर गंभीर अनियमितता का आरोप लगाते है। लेकिन फिर एैसा क्या होता है कि छात्राओं ने सामूहिक रूप से सहायक आयुक्त को पूर्व में की गई शिकायत वापस लेने का आवेदन देते है।
छात्राओं ने अपनी शिकायत वापस लेने किसके दवाब में दिया आवेदन
सीनियर आदिवासी उत्कृष्ट कन्या छात्रावास में पहले एसी की जांच में आदर्श छात्रावास, 15 दिन बाद छात्राओं की शिकायत पर जांच, और अंतिम में छात्रावासी छात्राओं द्वारा सामूहिक रूप से सहायक आयुक्त विजय कुमार डेहरिया के नाम पर अपना आवेदन वापस लेने पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नही किये जाने का आवेदन देना संदेह के घेरे में है। अब क्या सहायक आयुक्त द्वारा छात्राओं की अंतिम शिकायत की जांच करते है। आखिर छात्राओं को झूठी शिकायत करने का दवाब बनाया गया या फिर छात्रावास का मनचाहा प्रभार देने के नाम पर इस पूरे खेल को अंजाम दिया गया है, जो जांच का विषय है।
एसी कार्यालय में बंट रहे मनचाहा छात्रावास का प्रभार
जानकारी के अनुसार जिले में संचालित छात्रावासों से अधीक्षिको को हटाने तथा मनचाहे व्यक्तियों को छात्रावास का प्रभार देने का खेल खेला जा रहा है। जानकारी के अनुसार सीनियर आदिवासी उत्कृष्ट कन्या छात्रावास अनूपपुर का प्रभार पाने के लिये बीते डेढ़ वर्षो से माध्यमिक शिक्षक ममता नेटी ऐड़ी चोटी एक की हुई थी, जहां जिला पंचायत के तत्कालीन सीईओं केव्ही.एस. चौधरी ने सीनियर आदिवासी उत्कृष्ट कन्या छात्रावास अनूपपुर का प्रभार ममता नेटी को सौंप भी दिया गया था, लेकिन बालक छात्रावास वेंकटनगर का प्रभार रहते हुये उनकी शिकायतों के अंबार को देखते हुये प्रभार के आदेश के तत्काल बाद ही उक्त आदेश को निरस्त कर दिया गया था। इस पूरे मामले में सहायक आयुक्त कार्यालय में कुछ कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध है, जिन पर मनचाहा प्रभार देने के नाम छात्रावास अधीक्षको को शिकायत की जाती रही है।
घर के परिवेश में लाने छात्रायें करती है कार्य
पूरे मामले में छात्राओं के अभिभावको ने बताया कि हम ग्रामीण परिवेश में रहते है, जिस परिवेश को लेकर हमने की अपने बच्चियों को कार्य करने के लिये बोला है, जिससे छात्रावास में रहते हुये शिक्षा के साथ खाना बनाने सहित साफ-सफाई व अन्य कार्यो में दक्ष रहे है। वहीं छात्रावास अधीक्षिका अमिता मरकाम ने बताया कि मेरे द्वारा खाद्य सामग्री कक्ष की चॉबी तक छात्राओं को देकर रखी हुई है साथ रसोईयां के साथ मिलकर छात्रायें उनका हाथ बंटाती है और अपने हिसाब से मनचाहा भोजन बनाने में रसोईयों का सहयोग करना छात्राओं का स्वयं का निर्णय है। इसके साथ सफाई व्यवस्था में बनाये रखने एवं स्वच्छता अभियान के तहत स्वयं छात्रायें अपने छात्रावास को स्वच्छ बनाये रखने के लिये साफ-सफाई करती है। इसके मेरे द्वारा उनका पर कोई दवाब नही डाला जाता।
प्रभारी सहायक आयुक्त अनूपपुर विजय डेहरिया ने बताया कि मुझे छात्रावास की छात्राओं ने मिलकर लिखित रूप से शिकायत मिली थी, जिसके बाद कार्यवाही की गई है। पूर्व में ममता नेटी द्वारा छात्रावास संचालन पर भी आरोप लगे थे इसकी मुझे जानकारी नही थी।
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