https://halchalanuppur.blogspot.com

गुरुवार, 5 जनवरी 2023

तापमान के गिरावट दलहनी फसलों और सब्जियों पर मंडरा रहा पाला का खतरा, गेहूं के लिए लाभदायक

अनूपपुर। उत्तर भारत की ओर से लगातार आ रही बर्फीली हवाओं के कारण पिछले चार दिनों से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं रात के तापमान में आई गिरावट से अमरकंटक व पहाड़ी क्षेत्रों में लगी दलहनी फसलों और सब्जियों में पाले की आशंका बढ़ गई है। समय रहते इसकी रोकथाम नहीं की गई तो फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। कृषि विभाग के अनुसार पाला से कई फसलों को नुकसान होगा जबकि अत्यधिक ठंड गेहूं के लिए लाभदायक होगा। दलहन, मसूर, आलू, बैगन और टमाटर को पाला से नुकसान होने की संभावना है। पाला लगने से आलू के पौधों को गल जाने की संभावना रहती है। वहीं चना,मसूर की फसल बर्बाद हो सकती है। लेकिन गेहूं फसल को ठंडे तापमान की जरूरत होती है। इसलिए इस मौसम से गेहूं को फायदा पहुंचेगा। ज्ञात हो कि जिले में इस साल रबी सीजन में जहां गेंहूं का रकबा 24 हजार एक सौ हेक्टेयर है। वहीं दलहनी फसलों में चना 16 हजार 500 हेक्टेयर, मसूर 20 हजार 800 हेक्टेयर, सरसो 8 हजार हेक्टेयर, अलसी 9 हजार 600 हेक्टेयर, मटर 3 हजार 950 हेक्टेयर और जौ 360 हेक्टेयर में बोई गई है। जबकि सब्जी की फसलों में बैंगन,टमाटर सहित अन्य सब्जियों को मिलाकर कुल रकबा जिले में लगभग 7 हजार 98 हेक्टेयर वहीं फूलों का कुल रकबा 291 हैं। सर्दी के दिनों में जब दिन का तापमान भी कम रहे और रात का तापमान एकदम से उतरने,साथ ही कोहरा भी छाया रहे तो इस तरह की मिश्रित अति भीषण ठंड का असर नाजुक पौधों पर जल्द होता है। पौधा एकदम से ठंडा होकर फ्रिज की जमी बर्फ की तरह हो जाता है। जिसमें तना समेत पत्तियां भी सूख कर झुलस जाती हैं। शीतलहर के दौरान पाले के हालात तब बनते हैं जब तापमान एकदम से गिर जाता है। दिन का तापमान जहां 28 से उतरकर दो दिन से 22 डिग्री पर आ जाए। वहीं रात का तापमान भी 14 से 12 और अब तो 10 तक उतर जाए। साथ ही कोहरा भी छाया रहे। ऐसे हालातों में फसलों को बहुत नुकसान है। जबकि इन दिनों मौसम का मिजाज कुछ ऐसा ही चल रहा है। जहां दिन का तापमान लगभग 16 डिग्री दर्ज किया जा रहा है वहीं रात को हो रही गिरावट के कारण तापमान 6 से 7 डिग्री तक देखा जा रहा है। इसके अलावा समूचा अंचल कोहरे के आगोश में भी समाया हुआ है। कृषि जानकारों के अनुसार सर्दियों के मौसम में रात में एक से चार बजे तक तापमान काफी कम होने की स्थिति में फ सलें पाला से प्रभावित हो सकती हैं। एडवाइजरी हुई जारी कलेक्टर सरोधन सिंह ने गुरूवार ठण्ड तथा शीतलहर के प्रकोप से नागरिकों को बचाव करने की अपील की हैं। उन्होंयने एडवाइजरी जारी करते कहा है कि ठण्ड के बढ़ने के साथ नागरिक आवष्यक होने पर ही घर से बाहर निकले। अगर बाहर जा रहे हैं तो शरीर को पूरी तरह से गर्म कपड़ों से ढक ले खासकर कान, गला, नाक व हाथ, पैर को कवर कर लें। सर्दी में प्यास कम लगती है इसलिए लोग कम पानी पीते हैं, लेकिन यह गलत है सर्दियों में खूब पानी पीना चाहिए। ठण्ड में दिनभर गर्म पानी पीएं। ठण्ड से बचने के लिए विटामिन सी का सेवन करें, इससे इम्युनिटी मजबूत होती है और ठण्ड का असर भी कम होता है। आप डाईट में संतरा, नीबू, मोसम्मी और आंवला शामिल करें। शीतलहर से त्वचा और बाल भी प्रभावित होते हैं। ठण्ड में त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है। ऐसे में त्वचा पर मॉस्चराईज का इस्तेमाल करें। बालों को भी हल्का तेल लगाकर रखें। अगर सर्द हवा से हाथ, पैर ज्यादा ठण्डे हो गए हैं तो रगड़ने के बजाए पैरों को थोड़ी देर गर्म पानी में रख लें। अगर हाथ, पैरों का रंग काला हो गया है तो तुरन्त डॉक्टर से सलाह लें। घर को पूरी तरह से बंद न रखें। थोड़ी एयर पास होने के लिए जगह रखें। घर में पर्याप्त वेंटीलेशन का होना जरूरी है। सर्दियों में हल्दी वाला गर्म दूध पीएं जिससे शरीर में गर्मी बनी रहे और इम्युनिटी भी मजबूत रहे। शरीर में गरमाहट लाने के लिए तुलसी, लौंग, अदरक और काली मिर्च से बनी चाय पीएं, इससे शरीर में तुरन्त गर्मी आएगी और सर्दी जुकाम भी दूर रहेगा। उन्होंने नागरिकों से शरीर में ऊष्मा के प्रवाह को बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार एवं गर्म पदार्थों के सेवन करने की भी अपील की है। बाजार में पसरा सन्नाटा शीतलहर के साथ ही गुरूवार को दोपहर में धूप निकलने के कारण बाजारों में रौनक देखी गई। बाजार में दुकानें जरूर खुली रहीं। मगर वहां ग्राहकी कमजोर नजर रहीं और दुकानदार दुकानों में अंगीठी सुलगा कर आग तापते रहे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

सोते समय जहरीला कीड़ा काटने से युवती की मौत,परिवार में पसरा मातम

  अनूपपुर । कोतवाली थाना अनूपपुर अंतर्गत ग्राम बरबसपुर निवासी युवती को गुरुवार एवं शुक्रवार रात्रि सो रही थी सुबह जहरीले कीड़े ने हाथ की को...