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सोमवार, 9 जनवरी 2023

म.प्र. लघुवेतन कर्मचारी संघ ने 22 सूत्री मांगो का सौंपा ज्ञापन

15 दिवस में मांग पूरी नही होने पर चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी अनूपपुर। म.प्र. लघुवेतन कर्मचारी संघ द्वारा प्रदेश स्तरीय एवं स्थानीय समस्याओं पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों की 22 सूत्री मांगो के निराकरण हेतु मुख्यमंत्री के नाम 9 जनवरी को अपर कलेक्टर सरोधन सिंह को ज्ञापन सौंपा कर 15 दिवस के अंदर मांग पूरी नही होने पर प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी गई। जिसमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, कार्यभारित एवं आकस्मिक सेवा, स्थायी कर्मी, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, अंशकालीन कर्मचारी, वनकर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, कोटवार, मिड-डे मील के रसोईया, आउटसोर्स, संविदा, सचिव तथा अध्यक्ष मध्यान्ह भोजन, आशा एवं उषा कार्यकर्ता शामिल है।
म.प्र. लघुवेतन कर्मचारी संघ अनूपपुर के जिलाध्यक्ष संदीप कुमार पांडेय ने बताया कि ज्ञापन में प्रदेश सरकार वर्तमान मंस चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं दैनिक वेतन कर्मचारी के रिक्त पदों पर आउटसोर्स से सीधी भर्ती करने की तैयारी में है, जिसे पूर्णतः प्रतिबंध लगाते हुये नियमित पदों पर नियमित सेवा की सीधी भर्ती किये जाने, भृत्य का पदनाम परिवर्तन कर कार्यालय सहायक करने लगभग 15 वर्षो से मांग की जा रही है, जिसमें सरकार को कोई आर्थिक भार नही आ रहा है, लेकिन आज दिनांक तक पदनाम परिवर्तन नही हो पाया, प्रदेश में कार्यरत लाखों अधिकारी कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे है चूंकि वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। ऐसी स्थिति में पकरण के निराकरण होने तक नई पदोन्नति नीति 2016 का मसौदा तैयार करते हुये पदोन्नत के अवसर दिये जाने, पुरानी पेंशन बहाली के संबंध में वर्ष 2004 के पश्चात जो कर्मचारी नियुक्त किये गये है उनको पेंशन की पात्रता के संबंध मंे मांग पुरानी पेंशन बहाल करनी चाहिये, प्रदेश में कार्यरत और कार्यभारित सेवा के कर्मचारियों को नियमित स्थापना के रिक्त पदों पर समायोजित किये जाने की कार्यवाही विचाराधीन होने, वर्दी धुलाई भत्त वर्ष 2009 से 4 प्रतिशत डीए लंबित है जिसका भुगतान हेतु आदेश दिये जाने, नियमित पदों पर समायोजन करने हेतु निर्देश के बावजूद इसका पालन नही करने, वन विभाग मंे वन समितियों के माध्यम से वनकर्मियों की भर्ती करते हुये शासकीय व्यवस्था अनुसार डीएफओं अथवा मुख्य वन संरक्षक के माध्यम से किये जाने तथा नियमितीकरण करने की नीति बनाये जाने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वृत्ति कर से मुक्त रखा जाने, अंशकालीन कर्मचारी को स्थाई कर्मी का दर्जा अथवा कलेक्टर दर घोषित किया जाये एवं बुनियादी नीति बनाई जाने, वर्ष 2005-06 के बाद भर्ती हुये एवं अनुकंपा नियुक्ति से आये है जो उच्च शिक्षित है उनको विभागीय परीक्षा का अवसर दिया जाये जिससे वो अन्य वरिष्ठ पदो पर लाभ ले सके, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को शासकीय कर्मचारी घोषित करते हुये उन्हे नियमित वेतन का लाभ दिये जाने, ग्राम रक्षक को कार्य व्यवस्था के आधार पर नियमित कर्मचारी घोषित किया जाये, चिकित्सालयों में आशा एवं उषा कार्यकर्ता को शासकीय कर्मचारी घोषित किये जाने, रसाईया कर्मचारियों को कम से कम 10 हजार प्रतिमाह का भुगतान किये जाने सहित अन्य मांगो को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है।

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