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सोमवार, 19 जून 2023

जिले की बिगड़ती कानून व्यवस्था, मूक बना विभाग: संदिग्ध हालत में मिला शव, हत्या की आशंका

अनूपपुर पुलिस से राजेंद्रग्राम में सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता को न्याय की आस
अनूपपुर। जिले की बिगड़ती कानून व्यवस्था चिंता का विषय बना हुआ हैं। आए दिन जिले में हत्या, आत्महत्या और चोरी की घटनाएं घटित हो रही हैं। सोमवार एक बार फिर जिले के बिजुरी थाना क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिला है। जिसमे हत्या की आशंका जताई जा रही हैं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं एक अन्यो मामले में जिला पुलिस पर यह कहावत बिना मरे न्याफय नहीं मिलता वाली सटीक बैठती हैं। थाना राजेंद्रग्राम में सामूहिक दुष्कर्म से पीड़ित महिला ने थाना प्रभारी, पुलिस अधीक्षक, एडीजी शहडोल जोन से अपनी शिकायत कर आरोपितों पर कार्रवाई की मांग की, लेकिन आरोपितों की तरफ से लगातार मिल रही धमकियों से डरी महिला ने अंत में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। जिले के बिजुरी थाना क्षेत्र के वार्ड क्रमांक-07 रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे सोमवार को अज्ञात अधेड़ व्यक्ति का शव मिला है। शव को देख कर हत्या की आशंका जताई जा रही है। मृतक 55 वर्षीय नाम छोटेलाल बताए जा रहा हैं। जो नगर में पल्लेदारी का कार्य करता था। जानकारी के अनुसार थाना राजेंद्रग्राम के ग्राम के नवगवां का निवासी बताए जा रहा हैं। हालांकि उसके परिजनों का अभी तक पता नहीं चला है। जानकारी मिलते ही मौके पर बिजुरी थाना प्रभारी राकेश कुमार उइके दलबल सहित मौके पर पहुंच कर मामले की जांच कर रहें हैं। थाना राजेंद्रग्राम मामले में पुलिस को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। गुस्साए ग्रामीणों ने थाना प्रभारी नरेंद्र पाल को लेकर अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया। लगभग 8 घंटे तक शव फंदे में लटका रहा। ग्रामीण आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते रहे। पुलिस अधीक्षक की समझाइश के बाद शव को उतारा गया। लेकिन पुलिस का कहना है कि महिला ने पहले मारपीट की शिकायत की थी। अचानक से उसने पुलिस अधीक्षक से दुष्कर्म की शिकायत कर दी। वहीं 18 जून को पुलिस द्वारा व्हाट्सएप समूह में जारी प्रेस नोट में पुलिस ने पूरा दोष महिला पर लगाते हुए थाना प्रभारी को क्लीन चिट दे दी थी। जिसके बाद प्रेस नोट को कुछ ही छड़ों में अतरिक्तु पुलिस अधिक्षक ने मिटा दिया। जिससे संदेंह और हो गया कि पुलिस अधिकारी थाना प्रभारी को बचाना चाह रहीं हैं। यह है पूरा मामला पुलिस ने अपनी कहानी में बताया कि जमीनी विवाद में महिला और आरोपियों के बीच लड़ाई झगड़ा हुआ था। मेडिकल कराकर दोनों पक्षों की तरफ से काउंटर एफआईआर दर्ज की। इसके बाद महिला अचानक पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत पुलिस अधीक्षक को दे दी। पुलिस के एक आला अधिकारी ने कहा कि महिला की शिकायत पर मेडिकल टेस्ट के लिए थाने बुलाया था, लेकिन चाय पीने को कहकर थाने के बाहर निकली, उसके बाद वह थाने नहीं आई। मैं मानता हूं कि थाना प्रभारी की गलती है, उन्होंने मेडिकल टेस्ट कराना था। जांच के बाद ही थाना प्रभारी पर कोई कार्रवाई हो सकेगी। जबकि आला अधिकारी का सख्त निर्देश है कि महिलाओं से संबंधित कोई भी शिकायत थाना प्रभारी खुद अटेंड करेंगे। अगर अटेंड नहीं करते तो उन्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा। कई पुलिस वालों पर कार्रवाई कोतमा थाना प्रभारी अजय बैगा पर भी रिश्वत एवं प्रताड़ना का आरोप लगा था। थाना प्रभारी के प्रताड़ना से ही बाबा रामेश्वर पांडे ने फांसी लगा ली थी। इसके बाद पुलिस को लोगों का विरोध झेलना पड़ा। इसी विरोध को देखते हुए थाना प्रभारी अजय बैगा को निलंबित कर दिया गया। उन पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने के लिए अभी जिले में प्रदर्शन हो रहें हैं। इसी तरह से भालूमाडा थाना प्रभारी अजय पवार पर को भी शिकायत को गंभीरता से नहीं लेने पर निलंबित कर दिया गया। थाना प्रभारी के पास एक महिला जमीनी विवाद की शिकायत लेकर आती है, लेकिन थाना प्रभारी की सुस्त रवैया से उसके अगले ही दिन 2 महिलाओं की उसी जमीनी विवाद में जान चली जाती है। इसी तरह कोतवाली थाने में पदस्थ महिला उप निरीक्षक अनुराधा परस्ते पर रिश्वत मांगने का आरोप लगता है। उन्हें भी लाइन हाजिर कर दिया। बिजुरी थाने में पदस्थ फूलमती उस पर भी पैसे लेने का आरोप लगा। उसे भी लाइन हाजिर कर दिया गया। यह आश्चर्य की बात है कि प्रदेश में अनूपपुर ऐसा जिला है, जहां पिछले एक या दो महीने में दो थाना प्रभारी निलंबित और दो उपनिरीक्षक लाइन हाजिर हो चुके हैं। वहीं तीसरे थाना प्रभारी राजेंद्र ग्राम नरेंद्र पाल पर सामूहिक दुष्कर्म जैसे संगीन मामलों पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगे हैं। उनका भी निलंबन होना चाहिए किन्तुर पुलिस अधिकारी बचानेमें लगें हैं। अनूपपुर जिले की पुलिस की पूरे प्रदेश में किरकिरी करा रहीं हैं इससे कहीं न कहीं पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। दो माह में अनूपपुर पुलिस पर संगीन आरोप जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में लूट, चोटी, हत्या, दुष्कर्म सहित अन्य अपराधिक मामले बीते दो माह में सबसे ज्यादा बढ़े है। इसमें 3 मई को जैतहरी थाना क्षेत्र के ग्राम पड़ी में कुल्हाड़ी से हमला करने पर एक की मौत दो गंभीर घायल, 11 मई को कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम बरबसपुर में पति की प्रताड़ना से 32 वर्षीय महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने, 23 मई को कोतमा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लोढ़ी में 59 वर्षीय बारेलाल की लाठी-डंडे से पीटपीट कर हत्या, 24 मई को कोतवाली थाना अनूपपुर के ग्राम में 20 वर्षीय नवविवाहिता की संदिग्ध मौत, 25 मई को भालूमाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत परासी के जंगल में वृद्वा की धारदार हथियार से मौत, 28 मई को रामनगर थाना क्षेत्र में खदान में दबकर 2 महिलाओं की मौत, 29 मई को कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेला- नगदहा स्थित तिपान नदी के रेत में दफन मिला 16 वर्षीय बालक कंकाल, 31 मई को कोतमा थाना क्षेत्र अंतर्गत खोड़ी नंबर 1 में 50 वर्षीय पुजारी ने कार्यवाहक थाना प्रभारी कोतमा अजय बैगा की प्रताड़ना पर फांसी लगाकर आत्महत्या, 12 जून को कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत किरर के जंगल में कुछ युवको द्वारा 23 वर्षीय युवती के साथ मारपीट कर गंभीर हालत में जंगल में छोड़ने, 13 जून को कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत 40 वर्षीय चंपा बाई की हत्या, 13 जून को ही थाना भालूमाडा क्षेत्र के ग्राम बरबसपुर में दो महिलाओं की हत्या सहित कई अन्य मामले घटित हुए है।

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