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सोमवार, 25 दिसंबर 2023

दिलीप जयसवाल ने ली राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की शपथ, पिछड़ा वर्ग को साधने मिला मौका


राजनीतिक सफर बिजुरी नपा के
वार्ड पार्षद से शुरू होकर मंत्री तक का सफर

अनूपपुर। प्रदेश सरकार में जिले को लगातार प्रतिनिधित्व मिला हैं अनूपपुर जिले के कोतमा से विधायक दिलीप जयसवाल को सोमवार को भोपाल राजभवन में राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की शपथ दिलाई। जयसवाल 2008 में पहली बार चुनाव जीत कर विधायक बने थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति में आए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी भी माने जाते रहें हैं। इस बार कांग्रेस उम्मीदवार सुनील सराफ को करीब 20 हजार मतों से हराकर विधायक बने हैं। राजनीतिक सफर बिजुरी नपा के वार्ड पार्षद से शुरू हुआ हैं। बिजुरी नगर भाजपा अध्यक्ष एवं संयुक्त मध्यप्रदेश में शहडोल जिले के जिला महामंत्री के बाद अनूपपुर जिले के जिलाध्यक्ष की कमान सम्हाल चुके हैं। शहडोल संभाग की एकमात्र कोतमा विधानसभा सामान्य सीट से भाजपा में टिकट के लिए कई दावेदार थे। 2018 में कांग्रेस के सुनील सराफ से 11429 वोटों से हार गए थे। उन्हें 36,820 वोट मिले थे जो 33 प्रतिशत था।

दिलीप जयसवाल ने 2008 में भाजपा के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़े और कांग्रेस के मनोज कुमार अग्रवाल पर 1849 वोट से जीत दर्ज कर विधायक बने थे। 2013 के चुनाव में पार्टी ने दिलीप जयसवाल की जगह राजेश सोनी को प्रत्याशी बनाया था। इस चुनाव में भाजपा ने यह सीट गंवा दी। 2018 में एक बार फिर टिकट दिया गया, लेकिन इन्हें करारी हार मिली। 2023 में पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जाता है और कांग्रेस से उम्मीदवार सुनील सर्राफ के खिलाफ उन्हें टिकट दिया। यहां दिलीप जयसवाल ने 20 हजार से अधिक वोट से सुनील सर्राफ को मात दी। दिलीप 2006 से 2010 तक भाजपा जिलाध्यक्ष रहे हैं। 2008 से 2013 तक कोतमा विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं। इसके बाद उनका टिकट काट दिया था।


मंत्री बना साधा पिछड़ा वर्ग मतदाताओं को

दिलीप जयसवाल को मंत्रिमंडल में जगह देने की पीछे की बड़ी वजह पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को साधना है। शहडोल संभाग में एकमात्र सामान्य सीट कोतमा से दिलीप जायसवाल लगभग 20 हजार वोटो से जीत हासिल किए थे। आगामी दिनों में लोकसभा चुनाव भी है। इसको लेकर भाजपा पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को साधने में लगी हुई है। पिछली बार शहडोल संभाग से दो मंत्री थे, लेकिन इस बार एक मंत्री का पद ही शहडोल संभाग को मिला है।

बिसाहू लाल सिंह को लगा बड़ा झटका

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कैबिनेट में संभाग से दो मंत्रियों ने शपथ ली थी। इस बार दोनों ही मंत्रियों को बड़ा झटका लगा है। अनूपपुर जिले से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रहे बिसाहू लाल सिंह को इस बार मंत्री नहीं बनाया है। बिसाहू लाल सिंह अनूपपुर विधानसभा से सात बार के विधायक हैं। दो दशक कांग्रेस की राजनीति करते आ रहे थे। 2020 में उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। उन्हें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बनाया है। इस बार बिसाहू लाल सिंह को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। वहीं उमरिया जिले के मानपुर की विधायक रही मीना मंडावे को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।


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