अनूपपुर। अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्द्रग्राम की न्यायालय ने थाना
राजेन्द्रग्राम के अपराध की धारा 363, 376, 506, 34 भादवि एवं 5/6 पॉक्सों एक्ट के दो आरोपी 29 वर्षीय पूरन सिंह पाटले पुत्र
तेन सिंह एवं 49 वर्षीय तेन सिंह पाटले पुत्र मुडिया सिंह दोनों निवासी ग्राम
देवरा, थाना राजेन्द्रग्राम को अलग-अलग धाराओं में 20 वर्ष
का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं। आरोपी पूरन सिंह पाटले को धारा
363 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये, धारा
366 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये, धारा
342 भादवि में 06 माह का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 5-एल/6 पॉक्सों
एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000 रूपये, कुल
मिलाकर आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 12,500 रूपये अर्थदण्ड, आरोपी तेन सिंह पाटले को धारा 366-ए भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास
एवं 1000 रूपये, धारा 342 भादवि में 06 माह का सश्रम कारावास
एवं 500 रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 17 पॉक्सों एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास
एवं 10,000 रूपये अर्थदण्ड कुल मिलाकर आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं
11,500 रूपये अर्थदण्ड की सजा हुई हैं। पैरवी वरिष्ठ सहायक जिला अभियेाजन अधिकारी
नारेन्द्रदास महरा द्वारा की गई।
वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ने बताया कि पीडिता के दादा ने 25
दिसम्बर 2017 को थाना राजेन्द्रग्राम में पीडिता के गुम होने की मौखिक सूचना दी, जिसमे बताया कि मेरी नातिन हाई
स्कूल में कक्षा 10वीं में पढती है, जो 20 दिसम्बर 2017 को पढने
का बस्ता स्कूल के लिए निकली किंतु स्कूल नहीं पहुंची। सहेलियों ने बताया कि स्कूल
नही आई थी, जिसके बाद आसपास के गांव में, रिश्तेदारी में तलाश किया, किंतु पीडिता का कोई पता
नही चला। शंका हैं कि कोई अज्ञात व्यक्ति अवैध प्रयोजन के लिए बहला फुसलाकर ले गया।
फरियादी की सूचना के पर अज्ञात अभियुक्त के विरूद्व धारा 363 भादवि के तहत प्रथम
सूचना रिपोर्ट पंजीबद्व की गई। 05 जनवरी 2018 को पीडिता को बरामद की गई, जिसमे पीडिता ने अपने कथन में बताया कि 20 दिसम्बर 2017 को पूरन सिंह
पाटले द्वारा मुंह में कपडा डालकर जंगल ले गया, उसके बाद
अपने घर ले जाकर कमरे में साथ रखा जहां पूरन के पिता तेन सिंह द्वारा कमरे में
बाहर से ताला बंद कर दिया। इस दौरान पूरन सिंह दुष्कर्म किया। इसके बाद मनेन्द्रगढ
ले गया और वहां भी मर्जी के बिना गलत काम किया। समस्त विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय
में पेश किया गया। जहां अभियोजन द्वारा की गई पैरवी के बाद न्यायालय ने दोनो आरोपितों
के विरूद्व मामला प्रमाणित पाए जाने सजा सुनाई।
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